पानीपत: पानीपत की ऐतिहासिक और औद्योगिक नगरी में सेकड़ो लोग सर्दी की रात में फुटपाथ पर सोने को मजबूर हैं और ट्रेनों से रात-देर रात में उतरने वाले यात्री, बाजारों में भीख मांगकर गुजारा करने वाले और घुमंतु परिवारों के लोग सारी रात फुटपाथ पर खुले आसमान के नीचे तेज सर्दी में ठिठुरते हुए गुजारने को मजबूर है.
तीन रैनबसेरे लेकिन नहीं है लोगों को जानकारी
नगर निगम और प्रशासनिक अधिकारियों का ध्यान इस ओर नहीं है. नगर निगम ने अब तीन रैनबसेरे बनाए है. लेकिन इन लोगों को इस बारे में कोई जानकारी नहीं है. समाज सेवी युवाओ ने इस कड़ाके की ठंड में इन लोगों को गर्म और कपड़ो बांटे. सर्दी और बरसात का मौसम घर में रहने वाले लोगों के लिए बेहद खूबसूरत होता है, लेकिन इसी पानीपत में सैकड़ों लोग एक अदद घर के अभाव में खुले आसमान के नीचे फुटपाथ पर अपना जीवन गुजारने को मजबूर है.
प्रशासन ने लगातार बढ़ती सर्दी के चलते बनवाये गए तीन रेन बसेरे भी गरीबो के लिए नहीं किसी काम के नहीं है. एक बस स्टेण्ड व रेलवे स्टेशन से दूर तो किसी को जानकारी भी नहीं, कोई साइनबोर्ड नहीं है. जिससे राहगीर वहां पहुंच सके. वहीं निगम कमिश्नर ने बताया की जल्द ही और रैनबसेरे बनाए जाएगें और आग का भी प्रबंध किया जायेगा.
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आपको बता दें कि पानीपत के फ्लाईओवर के नीचे सर्दी में रात काटने को मजबूर लोगो के लिए शहर के युवाओ ने एक मुहीम चलाई है. इस मुहीम से गरीबो को कुछ राहत मिली. समाज सेवियों द्वारा रात को फ्लाईओवर के नीचे सोने वाले लोगो को गर्म कंबल, बच्चो को गर्म कपड़े ही नहीं उनके लिए खाने और सुबह चाय का भी प्रबंध किया जा रहा है.