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सर्दी में फुटपाथ पर जिंदगी जीने को मजबूर लोग, रैनबसेरे की नहीं कोई जानकारी - panipat news

पानीपत में कड़ाके की सर्दी के बीच कई लोग फुटपाथ पर सोने को मजबूर है. नगर निगम ने अब तीन रैनबसेरे बनाए है. लेकिन इन लोगों को इस बारे में कोई जानकारी नहीं है.

people forced to live life on pavement in winter
रैनबसेरे
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Published : Dec 25, 2019, 9:53 AM IST

पानीपत: पानीपत की ऐतिहासिक और औद्योगिक नगरी में सेकड़ो लोग सर्दी की रात में फुटपाथ पर सोने को मजबूर हैं और ट्रेनों से रात-देर रात में उतरने वाले यात्री, बाजारों में भीख मांगकर गुजारा करने वाले और घुमंतु परिवारों के लोग सारी रात फुटपाथ पर खुले आसमान के नीचे तेज सर्दी में ठिठुरते हुए गुजारने को मजबूर है.

सर्दी में फुटपाथ पर जिंदगी जीने को मजबूर लोग, देखें वीडियो

तीन रैनबसेरे लेकिन नहीं है लोगों को जानकारी

नगर निगम और प्रशासनिक अधिकारियों का ध्यान इस ओर नहीं है. नगर निगम ने अब तीन रैनबसेरे बनाए है. लेकिन इन लोगों को इस बारे में कोई जानकारी नहीं है. समाज सेवी युवाओ ने इस कड़ाके की ठंड में इन लोगों को गर्म और कपड़ो बांटे. सर्दी और बरसात का मौसम घर में रहने वाले लोगों के लिए बेहद खूबसूरत होता है, लेकिन इसी पानीपत में सैकड़ों लोग एक अदद घर के अभाव में खुले आसमान के नीचे फुटपाथ पर अपना जीवन गुजारने को मजबूर है.

प्रशासन ने लगातार बढ़ती सर्दी के चलते बनवाये गए तीन रेन बसेरे भी गरीबो के लिए नहीं किसी काम के नहीं है. एक बस स्टेण्ड व रेलवे स्टेशन से दूर तो किसी को जानकारी भी नहीं, कोई साइनबोर्ड नहीं है. जिससे राहगीर वहां पहुंच सके. वहीं निगम कमिश्नर ने बताया की जल्द ही और रैनबसेरे बनाए जाएगें और आग का भी प्रबंध किया जायेगा.

ये भी जाने- फतेहाबाद: महिला को नशीला पदार्थ सुंघाकर किया रेप, पुलिस ने किया मामला दर्ज

आपको बता दें कि पानीपत के फ्लाईओवर के नीचे सर्दी में रात काटने को मजबूर लोगो के लिए शहर के युवाओ ने एक मुहीम चलाई है. इस मुहीम से गरीबो को कुछ राहत मिली. समाज सेवियों द्वारा रात को फ्लाईओवर के नीचे सोने वाले लोगो को गर्म कंबल, बच्चो को गर्म कपड़े ही नहीं उनके लिए खाने और सुबह चाय का भी प्रबंध किया जा रहा है.

पानीपत: पानीपत की ऐतिहासिक और औद्योगिक नगरी में सेकड़ो लोग सर्दी की रात में फुटपाथ पर सोने को मजबूर हैं और ट्रेनों से रात-देर रात में उतरने वाले यात्री, बाजारों में भीख मांगकर गुजारा करने वाले और घुमंतु परिवारों के लोग सारी रात फुटपाथ पर खुले आसमान के नीचे तेज सर्दी में ठिठुरते हुए गुजारने को मजबूर है.

सर्दी में फुटपाथ पर जिंदगी जीने को मजबूर लोग, देखें वीडियो

तीन रैनबसेरे लेकिन नहीं है लोगों को जानकारी

नगर निगम और प्रशासनिक अधिकारियों का ध्यान इस ओर नहीं है. नगर निगम ने अब तीन रैनबसेरे बनाए है. लेकिन इन लोगों को इस बारे में कोई जानकारी नहीं है. समाज सेवी युवाओ ने इस कड़ाके की ठंड में इन लोगों को गर्म और कपड़ो बांटे. सर्दी और बरसात का मौसम घर में रहने वाले लोगों के लिए बेहद खूबसूरत होता है, लेकिन इसी पानीपत में सैकड़ों लोग एक अदद घर के अभाव में खुले आसमान के नीचे फुटपाथ पर अपना जीवन गुजारने को मजबूर है.

प्रशासन ने लगातार बढ़ती सर्दी के चलते बनवाये गए तीन रेन बसेरे भी गरीबो के लिए नहीं किसी काम के नहीं है. एक बस स्टेण्ड व रेलवे स्टेशन से दूर तो किसी को जानकारी भी नहीं, कोई साइनबोर्ड नहीं है. जिससे राहगीर वहां पहुंच सके. वहीं निगम कमिश्नर ने बताया की जल्द ही और रैनबसेरे बनाए जाएगें और आग का भी प्रबंध किया जायेगा.

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आपको बता दें कि पानीपत के फ्लाईओवर के नीचे सर्दी में रात काटने को मजबूर लोगो के लिए शहर के युवाओ ने एक मुहीम चलाई है. इस मुहीम से गरीबो को कुछ राहत मिली. समाज सेवियों द्वारा रात को फ्लाईओवर के नीचे सोने वाले लोगो को गर्म कंबल, बच्चो को गर्म कपड़े ही नहीं उनके लिए खाने और सुबह चाय का भी प्रबंध किया जा रहा है.

Intro:

कड़कड़ाती सर्दी में गरीबों के लिए सहारा बने समाजसेवी युवा।

एंकर --पानीपत की ऐतिहासिक और औद्योगिक नगरी में सेकड़ो लोग सर्दी की रात में फुटपाथ पर सोने को मजबूर हैं और ट्रेनों से रात-देर रात में उतरने वाले यात्री, बाजारों में भीख मांगकर गुजारा करने वाले और घुमंतु परिवारों के लोग सारी रात फुटपाथ पर खुले आसमान के नीचे तेज सर्दी में ठिठुरते हुए गुजारने को मजबूर हैं, लेकिन नगर निगम व प्रशासनिक अधिकारियों का ध्यान इस ओर नहीं है। नगर निगम द्वारा बनाये गए अब तीन रैनबसेरे। लेकिन बगैर जानकारी लोगो के लिए नहीं आ रहे काम। समाजसेवी युवाओ द्वारा गरीबों को गर्म कम्बल व् कपड़ो के साथ अलाव का करवाया जा रहे प्रबंध से गरीबो को राहत।

Body:

वीओ-- फुटपाथ पर सोने वाले हैरान हैं, आती-जाती गाड़ियों से, कमबख्त जिनके पास घर है, वो घर क्यों नहीं जाते...। हर आदमी काम से फुरसत पाकर घर जाने की जल्दी में होता है। घर पर उसे सुकून सा मिलता है। दिन भर आदमी चाहे जहां भी रह ले लेकिन शाम होते ही उसे अपने घर की याद सताने लगती है। सर्दी और बरसात का मौसम घर में रहने वाले लोगों के लिए बेहद खूबसूरत होता है, लेकिन इसी पानीपत में सैकड़ों लोग एक अदद घर के अभाव में खुले आसमान के नीचे फुटपाथ पर अपना जीवन गुजारने को मजबूर हैं। प्रसाशन द्वारा लगातार बढ़ती सर्दी के चलते बनवाये गए तीन रेन बसेरे भी गरीबो के लिए नहीं किसी काम के नहीं एक बस स्टेण्ड व् रेलवे स्टेशन से दूर तो किसी को जानकारी भी नहीं ,कोई साइनबोर्ड नहीं दिखाई देता ताकि राहगीर पहुँच सके ,वंही निगम कमिश्नर ने बताया की जल्द और बनाये जायेंगे रैनबसेरे और आग का भी किया जायेगा प्रबंध ,



वीओ -- वंही पानीपत के फ्लाईओवर के निचे सर्दी में रात काटने को मजबूर लोगो के लिए शहर के युवाओ ने एक मुहीम चलाई हे जिससे गरीबो को कुछ राहत मिली ,समाजसेवियों द्वारा रात को फ्लाईओवर के निचे सोने वाले लोगो को गर्म कंबल , बच्चो को गर्म कपडे ही नहीं उनके लिए खाने व् सुबह चाय का भी प्रबंध किया जा रहा हे ताकि सर्दी के चलते किसी को कोई नुकशान न हो ,लेकिन प्रसाशन द्वारा इस और कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा जिससे गरीबों और मजबुरो को कोई लाभ मिले।

Conclusion:बाईट -- पंडित जयप्रसाद , सदस्य , सर्वजन हिताय सामाजिक संस्था

बाईट -- मोनू , सदस्य यूथ क्लब ,

बाईट - ओम प्रकाश ,निगम कमिश्नर पानीपत
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