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प्रेरणादायक: बोलने और सुनने में थोड़ी कच्ची, लेकिन रंगों की दुनिया की 'प्रिंसेस' है पानीपत की प्रिंसी

पानीपत की 10वीं कक्षा की छात्रा प्रिंसी एक बिमारी की वजह से आज सही से बोल और सुन नहीं पाती, लेकिन प्रिंसी ने अपनी इस कमी को अपने हुनर के आगे मात दे दी. आज प्रिंसी अपनी पेंटिग्स की वजह से (panipat painting artist princy) जानी जाती हैं, प्रिंसी कई जिला और राज्य प्रतियोगिताओं में विजयी रही हैं, चलिए नजर डालते हैं पानीपत की प्रिंसी की प्रेरणादायक कहानी पर.

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पानीपत की प्रिंसी की प्रेरणादायक कहानी
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Published : Dec 5, 2021, 1:25 PM IST

पानीपत: कहते हैं कि अगर ईश्वर किसी से कुछ लेता है तो उसके बदले ऐसा अनमोल हुनर देता है, जिसका कोई तोड़ नहीं होता. हरियाणा के जिला पानीपत की दसवीं की छात्रा प्रिंसी (Panipat Special Child Princy) को भी ईश्वर ने ऐसे हुनर से नवाजा है कि देखने वाले दाद देते रहते हैं. दरअसल प्रिंसी ना ठीक से बोल सकती है, ना ही सुन सकती है, लेकिन प्रिंसी इतनी गजब की चित्रकारी करती हैं कि उनकी कलाकारी, देखने वालों के दिल को छू जाती है. आज प्रिंसी अपनी प्रतिभा से पानीपत जिले में एक अलग पहचान बना चुकी हैं, खास बात ये है कि उसकी बनाई गई हर पेंटिंग लोगों को खास संदेश देती हैं.

जिला और राज्य स्तरीय पेंटिंग प्रतियोगिताओं में प्रिंसी (Panipat Painting Artist Princy) ने कई पुरस्कार जीत चुकी है. वो बड़ी होकर एक मशहूर आर्टिस्ट बनना चाहती हैं, इतना ही नहीं प्रिंसी पढ़ाई में काफी होशियार हैं. प्रिंसी को जन्म से ही सुनने और बोलने की समस्या नहीं थी. प्रिंसी की माता सीमा बताती हैं कि जब वो करीब डेढ़ साल की थी, तो प्रिंसी का काफी तेज बुखार हो गया. इस वजह से प्रिंसी के कुछ नसों ने काम करना बंद कर दिया. जिससे प्रिंसी ने बोलने और सुनने की क्षमता खो दी.

बोलने और सुनने में थोड़ी कच्ची, लेकिन रंगों की दुनिया की 'प्रिसेज' है पानीपत की प्रिंसी, देखिए वीडियो

ये पढ़ें- दिव्यांग बच्चों की फरिश्ता बनी पंचकूला की रेनू माथुर, दर्जनों बच्चों को दिखाई जिंदगी की नई राह

बचपन से थी रंगों से दोस्ती: प्रिंसी के पिता जितेंद्र ने बताया कि स्कूल के टीचर्स ने जब प्रिंसी की रंगों रुची देखी तो टीचर्स ने माता-पिता को बताया. उन्होंने प्रिंसी की इंटरेस्ट को बढ़ावा दिया, आसान चीजों के बनाने के बारे में बताना शुरू किया. धीरे-धीरे प्रिंसी खुद-ब-खुद अच्छी पेंटिंग्स बनाने लगी और आज ये छोटी सी बच्ची अपने हुनर से लोगों को सोचने पर मजबूर कर देती है.

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अपनी पेंटिग्स से लोगों को समाजिक और नैतिक जागरुकता बढ़ाने की कोशिश हैं प्रिंसी

ये पढ़ें- आधी आबादी के लिए मिसाल बनी महिला, पति की मौत के बाद ऐसे बनी आत्मनिर्भर, प्रेरणादायक है कहानी

माता पिता को है गर्व: बचपन की बीमारी की वजह से प्रिंसी (Deaf Girl Inspirational Story) बेशक दूसरे बच्चों की तरह अपनी जिंदगी नहीं जी रही हैं. उन्होंने चीड़ियों की चहचहाहट को सही से नहीं सुना, रेलगाड़ी की छुक-छुक नहीं सुनी, अपनी बात को साफ-साफ नहीं बोल पाती, लेकिन प्रिंसी ने पेंसिल और रंगों के दम पर खुद को दूसरों से बेहतर साबित किया. आज प्रिंसी ने अपने हुनर के दम पर जितनी सफलता हासिल की है, उससे हर माता-पिता की चाह होगी उनका बच्चा भी प्रिंसी जितना काबिल हो.

ये पढ़ें- हरियाणा: खेलने और पढ़ने की उम्र में ही बन गया मंझा हुआ बाइक मैकेनिक, बड़े-बड़े बुलाते हैं इन्हें उस्ताद

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पानीपत: कहते हैं कि अगर ईश्वर किसी से कुछ लेता है तो उसके बदले ऐसा अनमोल हुनर देता है, जिसका कोई तोड़ नहीं होता. हरियाणा के जिला पानीपत की दसवीं की छात्रा प्रिंसी (Panipat Special Child Princy) को भी ईश्वर ने ऐसे हुनर से नवाजा है कि देखने वाले दाद देते रहते हैं. दरअसल प्रिंसी ना ठीक से बोल सकती है, ना ही सुन सकती है, लेकिन प्रिंसी इतनी गजब की चित्रकारी करती हैं कि उनकी कलाकारी, देखने वालों के दिल को छू जाती है. आज प्रिंसी अपनी प्रतिभा से पानीपत जिले में एक अलग पहचान बना चुकी हैं, खास बात ये है कि उसकी बनाई गई हर पेंटिंग लोगों को खास संदेश देती हैं.

जिला और राज्य स्तरीय पेंटिंग प्रतियोगिताओं में प्रिंसी (Panipat Painting Artist Princy) ने कई पुरस्कार जीत चुकी है. वो बड़ी होकर एक मशहूर आर्टिस्ट बनना चाहती हैं, इतना ही नहीं प्रिंसी पढ़ाई में काफी होशियार हैं. प्रिंसी को जन्म से ही सुनने और बोलने की समस्या नहीं थी. प्रिंसी की माता सीमा बताती हैं कि जब वो करीब डेढ़ साल की थी, तो प्रिंसी का काफी तेज बुखार हो गया. इस वजह से प्रिंसी के कुछ नसों ने काम करना बंद कर दिया. जिससे प्रिंसी ने बोलने और सुनने की क्षमता खो दी.

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बचपन से थी रंगों से दोस्ती: प्रिंसी के पिता जितेंद्र ने बताया कि स्कूल के टीचर्स ने जब प्रिंसी की रंगों रुची देखी तो टीचर्स ने माता-पिता को बताया. उन्होंने प्रिंसी की इंटरेस्ट को बढ़ावा दिया, आसान चीजों के बनाने के बारे में बताना शुरू किया. धीरे-धीरे प्रिंसी खुद-ब-खुद अच्छी पेंटिंग्स बनाने लगी और आज ये छोटी सी बच्ची अपने हुनर से लोगों को सोचने पर मजबूर कर देती है.

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अपनी पेंटिग्स से लोगों को समाजिक और नैतिक जागरुकता बढ़ाने की कोशिश हैं प्रिंसी

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माता पिता को है गर्व: बचपन की बीमारी की वजह से प्रिंसी (Deaf Girl Inspirational Story) बेशक दूसरे बच्चों की तरह अपनी जिंदगी नहीं जी रही हैं. उन्होंने चीड़ियों की चहचहाहट को सही से नहीं सुना, रेलगाड़ी की छुक-छुक नहीं सुनी, अपनी बात को साफ-साफ नहीं बोल पाती, लेकिन प्रिंसी ने पेंसिल और रंगों के दम पर खुद को दूसरों से बेहतर साबित किया. आज प्रिंसी ने अपने हुनर के दम पर जितनी सफलता हासिल की है, उससे हर माता-पिता की चाह होगी उनका बच्चा भी प्रिंसी जितना काबिल हो.

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