पानीपत: हरियाणा के लोगों के लिए अच्छी खबर है. दरअसल पानीपत रैपिड मेट्रो प्रोजेक्ट जल्द शुरू होने जा रहा है. सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद सरकार ने दिल्ली से अलवर और दिल्ली से पानीपत रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) कॉरिडोर के निर्माण के लिए पहली 150 करोड़ रुपये पेमेंट जारी कर दी है. जिसमें 100 करोड़ रुपये दिल्ली-शाहजहांपुर-नीमराना-बहरोड़ रैपिड लाइन के लिए हैं.
50 करोड़ रुपये की राशि दिल्ली पानीपत कॉरिडोर पर खर्च की जाएगी. 13 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को एक सप्ताह के भीतर दो रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम के निर्माण के लिए अपना हिस्सा देने का आदेश दिया था. कोर्ट ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) द्वारा दायर याचिका के जवाब में, दिल्ली सरकार को इन परियोजनाओं के लिए पूर्व निर्धारित भुगतान कार्यक्रम का पालन करने का निर्देश दिए थे.
साल 2023-24 के लिए एनसीआरटीसी द्वारा प्रस्तुत विवरण के अनुसार, दिल्ली सरकार को दिल्ली से अलवर और दिल्ली से पानीपत कॉरिडोर के लिए 2,443 करोड़ रुपये और 3,261 करोड़ रुपये का भुगतान करने की आवश्यकता होगी. कुल हिस्सेदारी 5,704 करोड़ रुपये का भुगतान 6 साल में 2028-29 तक वार्षिक किस्तों में करना होगा. भुगतान योजना में वित्तीय वर्ष 2025-26 में 1,050 करोड़ रुपये देने होंगे.
इसके अलावा 2026-27 में 1,300 करोड़ रुपये, 2027-28 में 1,304 करोड़ रुपये और 2028-29 में 1,000 करोड़ रुपये शामिल हैं. इसके अलावा, वित्तीय वर्ष 2024-25 में दिल्ली को दिल्ली-एसएनबी कॉरिडोर के लिए 800 करोड़ रुपये और दिल्ली-पानीपत लाइन के लिए 100 करोड़ रुपये भेजने की आवश्यकता है. आरआरटीएस एक नई रेल-आधारित प्रणाली है. जिसकी गति क्षमता 180 किमी प्रति घंटा और परिचालन गति क्षमता 160 किमी प्रति घंटे है.
सेमी-हाई स्पीड ट्रेन का दिल्ली अलवर रूट करीब 198 किलोमीटर लंबा होगा. इसके अलावा दिल्ली से पानीपत का रूट 103 किलोमीटर लंबा होगा. ये दोनों परियोजनाएं वर्तमान में विचाराधीन हैं. अभी तक सार्वजनिक निवेश बोर्ड (पीआईबी) द्वारा अनुमोदित नहीं की गई है. 13 मार्च 2023 को राज्यसभा में एक लिखित उत्तर के अनुसार, दिल्ली सरकार ने दिल्ली-अलवर और दिल्ली-पानीपत आरआरटीएस कॉरिडोर के लिए वित्तीय सहायता देने से इनकार कर दिया था.
2012 में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र योजना बोर्ड (एनसीआरपीबी) ने सड़कों पर भीड़भाड़ कम करने और दिल्ली में प्रदूषण कम करने के लिए विचार किया गया था, साथ ही राजधानी और इसके साथ लगते शहरों हरियाणा के पानीपत के बीच उच्च गति कनेक्टिविटी सुनिश्चित की गई थी. जिससे दैनिक यात्रियों को भी फायदा होगा. बता दें कि पानीपत के अलावा समालखा, गन्नौर, सोनीपत से हजारों लोग नौकरी के चलते दिल्ली अप-डाउन करते हैं.
फिलहाल पानीपत और सोनीपत के लोगों को पैसेंजर ट्रेन के अलावा अपने निजी वाहनों से दिल्ली आना-जाना पड़ता है. अगर दिल्ली से पानीपत मेट्रो प्रोजेक्ट का विस्तार होता हैस, तो दैनिक यात्रियों को सीधे तौर पर फायदा होगा. दिल्ली से पानीपत के बीच मेट्रो प्रोजेक्ट का विस्तार लोगों के लिए बहुत बड़ी सौगात होगी. इससे औद्योगिक नगरी पानीपत के विकास को ओर गति मिलेगी. 103 किमी में के सफर में 17 स्टेशन होंगे.
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