पानीपत: पानीपत बस स्टैंड की बिल्डिंग कई समय से हादसों को न्यौता दे रही है. हजारों की संख्या में बस स्टैंड से यात्री एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाते हैं, लेकिन बस स्टैड पर हमेशा उनकी जान को खतरा बना रहता है. पानीपत बस स्टैंड की बिल्डिंग कंडम हो चुकी है और इसी हालत में बस स्टैंड चल भी रहा है.
1992 में हुई दो यात्रियों की मौत
पानीपत बस स्टैंड की बिल्डिंग का ये हाल है कि यहां पर 1992 में दो पिलर टूटने से 2 यात्रियों की मौत हो गई थी. जिसके बाद बिल्डिंग का निरीक्षण कुरूक्षेत्र यूनिवर्सिटी की टीम करने पहुंची थी और उन्होंने इस बिल्डिंग को कंडम घोषित किया था.
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हादसों का बना रहता है डर
अब 15 से 17 साल से इसी बिल्डिंग के नीचे सारा काम चल रहा है. कई बार बिल्डिंग की रिपेयरिंग के लिए औपचारिकता पूरी की जाती है. कई बार इस बिल्डिंग के नीचे कई हादसे होने से बच गए, लेकिन प्रशासन का इस तरफ कोई भी ध्यान नहीं है. यही कारण है कि हजारों यात्रियों की जान इस बस स्टैंड पर जोखिम में रहती है.
'जल्द किया जाएगा बस स्टैंड शिफ्ट'
जब इस बारे में बिल्डिंग क्लर्क विजय कुमार से बात की गई तो उनका कहना है कि नए बस स्टैंड की आधारशिला पानीपत के गांव शिवाह में रखी जा चुकी है. जिसका कार्य चल रहा है. उन्होंने कहा कि जल्द ही बस स्टैंड को वहां पर शिफ्ट कर दिया जाएगा. उन्होंने ये भी कहा कि वो अभी इसी कंडम बिल्डिंग के नीचे कार्य करने को मजबूर हैं.