पानीपत: हरियाणा के पानीपत के समालखा में 28 अक्टूबर को 76वें वार्षिक निरंकारी संत समागम का शुभारंभ हो गया है. दिव्य युगल ने फूलों से सजी पालकी में सवार होकर लोगों का अभिवादन स्वीकार किया. इस दौरान भव्य शोभा यात्रा में हजारों की संख्या में संगत ने सद्गुरु माता सुदीक्षा महाराज की अगुवाई की. ख्य मंच पर पहुंचते ही सद्गुरु माता सुदीक्षा महाराज ने अपने मानवता के नाम संदेश के साथ समागम का उद्घाटन किया. इस समागम में देश-विदेश से श्रद्धालुए आए हैं. इस बार 'सुकून अंतर्मन का' शीर्षक पर आधारित यह तीन दिवसीय संत समागम निरंकारी आध्यात्मिक स्थल, समालखा, हरियाणा में आयोजित किया गया है. इस समागम में देश के कोने-कोने से एवं दूर देशों से लाखों की संख्या में उपस्थित होकर इस पावन अवसर का भरपूर आनंद प्राप्त कर रहे हैं.
मानवता के नाम दिये संदेश के साथ संत निरंकारी समागम का शुभारंभ: सद्गुरु माता ने सुकून का जिक्र करते हुए फरमाया कि जब हम स्वयं बेचैन . हमारे अंतर्मन में उथल-पुथल है तो हम कहीं पर भी चले जायें हमें सुकून प्राप्त नहीं हो सकता. यदि हमें सही मायनों में सुकून प्राप्त करना है तो हमें पहले मानवीय गुणों को अपनाना होगा. उसके बाद ही हम संसार के लिए वरदान बन सकते हैं. हमारे मन में यदि खुद के लिए मानवता का भाव नहीं तो हमारे जीवन में चैन, अमन, सुकून नहीं आ सकता. अंत में सद्गुरु माता ने कहा जीवन का सबसे बड़ा सुकून परमात्मा को जानकर उनके साथ जुड़ने में है. जब हम निरंकार प्रभु से जुड़ जाते हैं, तब हर समय हर स्थान पर केवल परमात्मा के ही दर्शन होते हैं.
सुकून-अंतर्मन का समागम का मुख्य विषय: हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी समागम स्थल पर विशाल रूप में निरंकारी प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है. जिसका मुख्य विषय है 'सुकून-अंतर्मन का' जो समागम का मुख्य विषय है. इस विषय पर आधारित प्रदर्शनी नजर-ए-सुकून, दिदार-ए-सुकून, रहमतें-ए-सुकून, बहार-ए-सुकून, एतबार-ए-सुकून, उम्मीद-ए-सुकून आणि सुकून-ए-सद्गुरु इत्यादि आठ दालन बनाए गए हैं.
6 भागों में प्रदर्शनी: इस वर्ष प्रदर्शनी को 6 भागों में बांटा गया है, जिसमें मुख्य प्रदर्शनी के अतिरिक्त स्टुडियो डिवाइन, बाल प्रदर्शनी, स्वास्थ्य एवं समाज कल्याण विभाग प्रदर्शनी, थिएटर एवं डिजाइन स्टूडियो इत्यादि का समावेश है. 25 अक्टूबर को इस प्रदर्शनी का उद्घाटन सतगुरु माता सुदीक्षा महाराज के द्वारा किया गया. उसके उपरांत से ही इसे देखने के लिए प्रतिदिन हजारों श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है.