पानीपत: पहाड़ों में बर्फ पड़ने से हरियाणा सहित कई राज्यों में शीतलहर चल रही है. पानीपत में इन दिनों तापमान 3 डिग्री तक दर्ज किया गया है. इस कड़ाके की ठंड से बेसहारा लोगों को बचाने के लिए पानीपत में कई रेस बसेरे बनाए गए थे, लेकिन क्या इन रेन बेसेरों में बेसहारा लोगों के रहने के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं? ये जानने के लिए ईटीवी भारत ग्राउंड जीरो पर पहुंचा.
ईटीवी भारत की टीम ने पानीपत बस स्टैंड के पास बने रैन बसेरे का रात के समय रियलिटी चेक किया. इस दौरान रैन बसेरे के गेट पर ताला लटका मिला तो वहीं जरुरतमंद लोग खुले आसमान के नीचे रात गुजारते दिखाई दिए. लगातार बढ़ रही ठंड से लोगों के बचाव के लिए प्रशासन की ओर से रैन बसेरे बनाकर बेघर लोगों को छत देने का दावा किया गया था, लेकिन हमारे इस रियलिटी चेक में प्रशासन के सभी दावे फेल दिखाई दिए.
खुले आसमान के नीचे सोने को मजबूर लोग
रियलटी चेक के दौरान कई बुजुर्ग, दिव्यांग यहां तक की बच्चे भी इस हाड़ मांस गलाने वाली ठंड में सिर्फ के चादर के सहारे रात गुजारते नजर आए. जब बेसहारा लोगों से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि रेन बसेरा कभी खुलता ही नहीं है. वो कई दिनों से यहीं बाहर सड़क के किनारे सो रहे हैं.
ये भी पढ़िए: कट फ्लावर की खेती करने वाले किसानों को रास आ रहे नए कृषि कानून, देखिए ये रिपोर्ट
वहीं एक दिव्यांग जो अपने बच्चे के साथ सड़क किनारे सो रहा था. उसने कहा कि वो सिर्फ एक चादर के सहारे अपने बच्चे के साथ बाहर सो रहा है. उसने कहा कि रेन बसेरे के कर्मचारियों से बहस करनी की शक्ति उसमें नहीं है, इसलिए बाहर सोना ही बेहतर है.
रियलटी चेक में खुली पानीपत प्रशासन के दावों की पोल
पिछले एक हफ्ते से सर्दी लगातार बढ़ रही है, लेकिन इन बेघर लोगों के लिए बने रैन बसेरे उन्हीं के लिए नहीं खोले गए है. रियलिटी चेक के दौरान पानीपत बस स्टैंड पर बने रेन बसेरे के बाहर कई लोग सोते दिखाई दिए. कई मुसाफिर यहां देखने को मिले सभी बाहर फ्लाईओवर के नीचे सोते दिखाई दिए. कुल मिलाकर ईटीवी भारत के इस रियलटी चेक में पानीपत प्रशासन के दावों की पोल खुलती दिखाई दी.