पानीपत: टोक्यो ओलंपिक में देश को गोल्ड मेडल दिलाने वाले भारत के स्टार जैवलिन थ्रो (भाला फेंक) नीरज चोपड़ा रैंकिंग में नंबर-वन एथलीट बन गए हैं. बता दें कि इससे पहले कोई भी भारतीय वर्ल्ड एथलीट रैंकिंग में नंबर वन नहीं बन पाया. ताजा जारी रैंकिंग में हरियाणा के लाल नीरज चोपड़ा ने एथलीट एंडरसन पीटर्स को पछाड़ कर ये उपलब्धि हासिल की. बता दें कि नीरज चोपड़ा ने 2021 में टोक्यो ओलंपिक में भाला फेंक में गोल्ड मेडल जीतकर देश का नाम रोशन किया था.
वो ओलंपिक में एथलेटिक्स में गोल्ड जीतने वाले भारत के पहले एथलीट बने थे. नीरज चोपड़ा ने टोक्यो ओलंपिक में 87.58 मीटर की दूरी पर भाला फेंका और भारतीय खेल इतिहास में नीरज चोपड़ा का नाम सुनहरे अक्षरों में लिखा गया. गोल्डन ब्वॉय नीरज चोपड़ा 30 अगस्त 2022 से नंबर दो की रैंक पर काबिज थे, पीटर्स तब तक नंबर 1 थ्रोअर बने हुए थे. इस 5 मई को दोहा में हुए डायमंड लीग में नीरज ने 88.67 मीटर का भाला फेंक कर गोल्ड मेडल जीता था.
तत्कालीन वर्ल्ड के नंबर वन पीटर एंडरसन ने 85.88 मीटर थ्रो किया और वो तीसरे स्थान पर रहे. इसी का फायदा नीरज चोपड़ा को मिला. अब वो दुनिया के नंबर वन थ्रोअर बन चुके है हैं. वो देश के पहले एथलीट हैं. जिन्होंने ये उपलब्धि हासिल की है. वर्ल्ड एथलीट फेडरेशन ने सोमवार को नई रैंकिंग जारी की है. जिसमें नीरज चोपड़ा 1455 अंक के साथ पहले स्थान पर हैं. दूसरे नंबर पर एंडरसन पीटर्स हैं.
मुझे बहुत अच्छा लगा. सभी एथलीट्स के लिए चुनौती बड़ी थी, लेकिन मैं अपने नतीजे से संतुष्ट हूं. ये अच्छी शुरुआत रही और यहां का माहौल बढ़िया था. कई लोग मेरा समर्थन करने आए और वो बहुत खुश हुए.- नीरज चोपड़ा, वर्ल्ड नंबर वन एथलीट
नीरज चोपड़ा के चाचा भीम चोपड़ा ने बताया कि जब भी नीरज की मुझसे बात होती है तो वो वहीं कहता है कि वो अपना नाम वर्ल्ड के पहले स्थान पर काबिज करना चाहता है. आज उसने ये कर दिखाया. देश ही नहीं पूरे विश्व को नीरज चोपड़ा पर नाज है. ये पूरे देशवासियों के प्यार और आशीर्वाद का नतीजा है कि नीरज ने इतनी बड़ी उपलब्धि हासिल की है. बता दें कि नीरज चोपड़ा हरियाणा के पानीपत जिले के रहने वाले हैं. उनका जन्म 24 दिसंबर,1997 को खंडरा गांव में हुआ था. बचपन में नीरज चोपड़ा बहुत मोटे थे. इसी मोटापे को दूर करने के लिए नीरज मैदान पर पसीना बहाने लगे.
उस वक्त नीरज चोपड़ा की उम्र 16 साल के आसपास थी. नीरज ने देखा कि कुछ युवक भाला फेंक की प्रैक्टिस कर रहे हैं. नीरज को उसमें दिलचस्पी हुई. इसके बाद नीरज रोजाना मैदान में भाला फेंक की प्रैक्टिस करने लगे. तब से नीरज चोपड़ा ने पीछे मुड़कर नहीं देखा. जैसे ही नीरज चोपड़ा ने टोक्यो ओलंपिक में भाला फेंक प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जाती. हर किसी की जुबान पर नीरज चोपड़ा का नाम आ गया.