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पानीपत में खुले आसमान के नीचे बेघरों को गुजारनी पड़ रही सर्द रातें, नहीं पता कहां बने हैं रैन बसेरे - रैन बसेरे

night shelter in panipat: मौसम के बदले मिजाज से इन दिनों पानीपत शीतलहर की चपेट में हैं. रात का न्यूनतम तामपान भी गिरकर 5-6 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच जा रहा है. सुबह से शाम और फिर रात को चल रही बर्फीली हवाएं लोगों को ठिठुरा रही हैं. ऐसे में गरीब बेघर लोग खुले आसमान के नीचे के रात गुजारने को मजबूर हैं.

panipat night shelter
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Published : Dec 22, 2021, 9:53 PM IST

पानीपत: मौसम के बदले मिजाज से इन दिनों पूरा हरियाणा शीतलहर की चपेट में है. ऐसी हाड़ कंपा देने वाली सर्द रातों में भी गरीब लोगों के लिए आसमां चादर और धरती ही बिछौना बन गया है. ठंड से बचने के नाम पर इन लोगों के पास कुछ गंदे फटे पुराने कंबल, बोरियां और प्लास्टिक की पन्नियां हैं. वहीं सरकार ने इन बेघर लोगों के लिए रैन बसेरे (night shelter in panipat) बनाने का दावा तो किया है, लेकिन ये दावे खोखले साबित हो रहे हैं. पलवल में जहां रैन बसेरों पर ताले लटके मिले थे वहीं पानीपत में रैन बसेरा ऐसी जगह पर बनाया गया है जिसकी बेघर लोगों को जानकारी ही नहीं है, और ये लोग ठंड में बाहर सोने के लिए मजबूर हैं.

पानीपत में प्रशासन द्वारा रैन बसेरे तो बनाए गए हैं, लेकिन लोगोंं को इस बारे में पता ही नहीं है. पानीपत में हर दिन लोग काम की तलाश में दूसरे राज्यों से आते हैं और ठिकाना ना होने के चलते वह बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन पर ही रात गुजारने को मजबूर होते हैं. ईटीवी भारत की टीम ने जब इन रैन बसेरों का जायजा लिया तो पता चला कि प्रशासन की ओर से रैन बसेरे तो बनाए गए हैं, लेकिन इनके बारे में बेसहारा लोगों को जानकारी ही नहीं है.

पानीपत में खुले आसमान के नीचे बेघरों को गुजारनी पड़ रही सर्द रातें, नहीं पता कहां बने हैं रैन बसेरे

पहले रैन बसेरा पानीपत के बस स्टैंड के सामने हुआ करता था. जहां बेसहारा लोग पनाह ले कर अपनी रात गुजार लेते थे. अब जो रैन बसेरा बनाया गया है वह पानीपत के सनोली रोड और लाल बत्ती बाजार के सामने बनाया गया है. इसके बारे में लोगों को जानकारी ही नहीं है और ना ही बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन पर रैन बसेरे के कोई साइन बोर्ड लगाए गए हैं.

रेलवे स्टेशन पर खुले में सो रहे बेसहारा लोगों से जब हमने बात की तो उन्होंने बताया कि यहां काफी ढूंढने के बाद भी कोई रैन बसेरा नजर नहीं आया. ना ही कोई ऐसी जगह मिली जहां वह रात गुजार सकें. जब वह रेलवे स्टेशन पर बने टिकट घर में सोने के लिए घुसे तो उन्हें वहां से भी भगा दिया गया.

ये भी पढ़ें-हरियाणा: कड़ाके की ठंड में भी रैन बसेरे पर ताला, खुले में रात गुजार रहे जरूरतमंद लोग

इस बारे में जब रैन बसेरे पर ड्यूटी दे रहे शख्स से बात की गई तो उसने कहा कि वह 3 दिन पहले ही ड्यूटी पर आया है. यहां 3 दिन से अभी तक 3 लोग ही रात को रुकने के लिए आए हैं. ड्यूटी दे रहे शख्स का भी मानना है कि रैन बसेरा गलत जगह पर बनाया गया है. इसे बस स्टैंड के पास या रेलवे स्टेशन के पास बनाना चाहिए था ताकि यहां लोग ठंड में रात गुजार सकें.

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पानीपत: मौसम के बदले मिजाज से इन दिनों पूरा हरियाणा शीतलहर की चपेट में है. ऐसी हाड़ कंपा देने वाली सर्द रातों में भी गरीब लोगों के लिए आसमां चादर और धरती ही बिछौना बन गया है. ठंड से बचने के नाम पर इन लोगों के पास कुछ गंदे फटे पुराने कंबल, बोरियां और प्लास्टिक की पन्नियां हैं. वहीं सरकार ने इन बेघर लोगों के लिए रैन बसेरे (night shelter in panipat) बनाने का दावा तो किया है, लेकिन ये दावे खोखले साबित हो रहे हैं. पलवल में जहां रैन बसेरों पर ताले लटके मिले थे वहीं पानीपत में रैन बसेरा ऐसी जगह पर बनाया गया है जिसकी बेघर लोगों को जानकारी ही नहीं है, और ये लोग ठंड में बाहर सोने के लिए मजबूर हैं.

पानीपत में प्रशासन द्वारा रैन बसेरे तो बनाए गए हैं, लेकिन लोगोंं को इस बारे में पता ही नहीं है. पानीपत में हर दिन लोग काम की तलाश में दूसरे राज्यों से आते हैं और ठिकाना ना होने के चलते वह बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन पर ही रात गुजारने को मजबूर होते हैं. ईटीवी भारत की टीम ने जब इन रैन बसेरों का जायजा लिया तो पता चला कि प्रशासन की ओर से रैन बसेरे तो बनाए गए हैं, लेकिन इनके बारे में बेसहारा लोगों को जानकारी ही नहीं है.

पानीपत में खुले आसमान के नीचे बेघरों को गुजारनी पड़ रही सर्द रातें, नहीं पता कहां बने हैं रैन बसेरे

पहले रैन बसेरा पानीपत के बस स्टैंड के सामने हुआ करता था. जहां बेसहारा लोग पनाह ले कर अपनी रात गुजार लेते थे. अब जो रैन बसेरा बनाया गया है वह पानीपत के सनोली रोड और लाल बत्ती बाजार के सामने बनाया गया है. इसके बारे में लोगों को जानकारी ही नहीं है और ना ही बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन पर रैन बसेरे के कोई साइन बोर्ड लगाए गए हैं.

रेलवे स्टेशन पर खुले में सो रहे बेसहारा लोगों से जब हमने बात की तो उन्होंने बताया कि यहां काफी ढूंढने के बाद भी कोई रैन बसेरा नजर नहीं आया. ना ही कोई ऐसी जगह मिली जहां वह रात गुजार सकें. जब वह रेलवे स्टेशन पर बने टिकट घर में सोने के लिए घुसे तो उन्हें वहां से भी भगा दिया गया.

ये भी पढ़ें-हरियाणा: कड़ाके की ठंड में भी रैन बसेरे पर ताला, खुले में रात गुजार रहे जरूरतमंद लोग

इस बारे में जब रैन बसेरे पर ड्यूटी दे रहे शख्स से बात की गई तो उसने कहा कि वह 3 दिन पहले ही ड्यूटी पर आया है. यहां 3 दिन से अभी तक 3 लोग ही रात को रुकने के लिए आए हैं. ड्यूटी दे रहे शख्स का भी मानना है कि रैन बसेरा गलत जगह पर बनाया गया है. इसे बस स्टैंड के पास या रेलवे स्टेशन के पास बनाना चाहिए था ताकि यहां लोग ठंड में रात गुजार सकें.

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