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पानीपत में भुखमरी के शिकार मजदूरों पर तत्काल सुनवाई करे हाई कोर्ट- SC - सुप्रीम कोर्ट इफ्टू जनहित याचिका पानीपत

मजदूर संगठन इफ्टू के हरियाणा प्रदेश संयोजक पीपी कपूर ने गत 6 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी. इसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि पानीपत में हजारों प्रवासी और स्थानीय मजदूर भुखमरी का शिकार हो रहे हैं.

high court should immediately hear about starvation laborers panipat  says suprem court
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Published : Apr 15, 2020, 8:04 PM IST

पानीपत: मजदूर संगठन इंडियन फेडरेशन ऑफ ट्रेड यूनियन हरियाणा ने पानीपत में भुखमरी के शिकार मजदूरों की सहायता को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की थी. जिसको सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एसए बोबड़े, जस्टिस नागेश्वर राव और जस्टिस शांतनागडर की तीन सदस्यीय पीठ ने सुनवाई की. इस संबंध में सर्वोच्च न्यायालय ने पंजाब एंड हरियाणा उच्च न्यायालय को तत्काल सुनवाई करने के आदेश दिए हैं.

मजदूर संगठन इफ्टू के हरियाणा प्रदेश संयोजक पीपी कपूर ने गत 6 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी. इसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि पानीपत में हजारों प्रवासी और स्थानीय मजदूर भुखमरी का शिकार हो रहे हैं.

पानीपत में भुखमरी के शिकार मजदूरों पर तत्काल सुनवाई करे हाईकोर्ट

उन्होंने बताया कि वे जिला प्रशासन को 4500 मजदूरों के नाम, पता और मोबाइल नम्बर सहित सूची दे चुके हैं. लेकिन जिला प्रशासन और सरकार इन मजदूरों को न तो सूखा राशन दे रही है और ना ही आर्थिक मदद दे रही है. उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन और स्वयंसेवी संगठनों के माध्यम से लंगर बांटा जा रहा है. जो कभी मिलता है,तो कभी नही मिलता है.

कपूर का आरोप है कि अधिकांश फैक्टरी मालिक हजारों मजदूरों की मार्च महीने की बकाया मजदूरी और वेतन दबा कर बैठे हैं. जिसका वे भुगतान नहीं कर रहे. मजदूर संगठन इफ्टू की मांग है कि इन सभी मज़दूरों को तत्काल सूखा राशन और आर्थिक सहायता दी जाए. कपूर ने बताया कि जनहित याचिका में उनकी ओर से सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता सत्य मित्र और एडवोकेट गुंजन सिंह ने नि:शुल्क पैरवी की.

पढ़ें- फरीदाबाद में लोगों को नहीं मिल रहा पर्याप्त राशन, भूखे रहने को मजबूर गरीब

पानीपत: मजदूर संगठन इंडियन फेडरेशन ऑफ ट्रेड यूनियन हरियाणा ने पानीपत में भुखमरी के शिकार मजदूरों की सहायता को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की थी. जिसको सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एसए बोबड़े, जस्टिस नागेश्वर राव और जस्टिस शांतनागडर की तीन सदस्यीय पीठ ने सुनवाई की. इस संबंध में सर्वोच्च न्यायालय ने पंजाब एंड हरियाणा उच्च न्यायालय को तत्काल सुनवाई करने के आदेश दिए हैं.

मजदूर संगठन इफ्टू के हरियाणा प्रदेश संयोजक पीपी कपूर ने गत 6 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी. इसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि पानीपत में हजारों प्रवासी और स्थानीय मजदूर भुखमरी का शिकार हो रहे हैं.

पानीपत में भुखमरी के शिकार मजदूरों पर तत्काल सुनवाई करे हाईकोर्ट

उन्होंने बताया कि वे जिला प्रशासन को 4500 मजदूरों के नाम, पता और मोबाइल नम्बर सहित सूची दे चुके हैं. लेकिन जिला प्रशासन और सरकार इन मजदूरों को न तो सूखा राशन दे रही है और ना ही आर्थिक मदद दे रही है. उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन और स्वयंसेवी संगठनों के माध्यम से लंगर बांटा जा रहा है. जो कभी मिलता है,तो कभी नही मिलता है.

कपूर का आरोप है कि अधिकांश फैक्टरी मालिक हजारों मजदूरों की मार्च महीने की बकाया मजदूरी और वेतन दबा कर बैठे हैं. जिसका वे भुगतान नहीं कर रहे. मजदूर संगठन इफ्टू की मांग है कि इन सभी मज़दूरों को तत्काल सूखा राशन और आर्थिक सहायता दी जाए. कपूर ने बताया कि जनहित याचिका में उनकी ओर से सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता सत्य मित्र और एडवोकेट गुंजन सिंह ने नि:शुल्क पैरवी की.

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