पानीपत: हरियाणा सरकार ने किसानों को राहत देने के लिए फसल की सरकारी खरीद के जो दावे किए थे, वो पानीपत की अनाज मंडी में झूठे साबित हो रहे हैं. किसान मंडी में धान लेकर आ रहे हैं, लेकिन यहां आने पर उनके हाथ सिर्फ निराशा लग रही है. किसानों का कहना है कि उनके धान को खरीदने के लिए कोई सरकारी एजेंसी नहीं है. सरकार द्वारा ढकोसलेबाजी की जा रही है. उनके गेट पास भी कट चुके हैं, बावजूद इसके धान खरीद नहीं हो रही.
किसानों का कहना है कि वो सरकार और प्रशासन के हवाई दावों के बीच किसान 10-10 दिन से मंडियों में पड़े हैं. जिसको नाराज किसानों ने सरकार और प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया और मंडी गेट पर ताला जड़ दिया.
सरकार द्वारा एमएसपी पर खरीद करने की बात की जा रही है, लेकिन जब खरीद ही नहीं हो रही तो एमएसपी किस पर मिलेगी? ऊपर केंद्र सरकार की ओर से लाए गए नए कानून कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य 2020 के मुताबिक बाहर के किसान भी हरियाणा की मंडियों में धान बेच सकेंगे, लेकिन हरियाणा में जब हरियाणा के किसानों की धान ही नहीं खरीदी जा रही तो बाहर का धान क्या ही खरीदेंगे? जबकि पानीपत में मार्केट कमेटी के सचिव नरेश मान तो साफ कह दिया कि पहले हरियाणा के धान को एमएसपी पर खरीदेंगे उसके बाद बाहर का धान देखा जाएगा.
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सरकार बार-बार किसानों को दिलासा दिए जा रही है कि उनका एक-एक दाना खरीदा जाएगा, किसानों को उनके धान का उचित मूल्य दिया जाएगा, लेकिन मंडियों में खरीददार कब तक आएगा और कैसे खरीद होगी इस बारे में कुछ नहीं बता रही?