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पानीपत में आपातकालीन नंबरों पर बढ़ रही फेक कॉल की संख्या, हो सकती है अनहोनी - आपतकाल सेवा में फेक कॉल

आपातकाल परिस्थितियों में मिलाए जाने वाले टोल फ्री नंबर पर फेक कॉल का आंकड़ा (Fake call to emergency service) बढ़ने से कंट्रोल रूम में बैठे ऑपरेटरों की समस्या बढ़ रही है.

emergency service number in panipat
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Published : Mar 6, 2022, 6:04 PM IST

पानीपत: आपातकाल परिस्थितियों में मिलाए जाने वाले टोल फ्री नंबर पर फेक कॉल का आंकड़ा (Fake call to emergency service) बढ़ने से कंट्रोल रूम में बैठे ऑपरेटरों की समस्या बढ़ रही है. दिन में लगभग 70% कॉल फेक आ रही हैं. स्वास्थ्य विभाग की एक सौ आठ नंबर की एंबुलेंस सेवाओं पर बैठे ऑपरेटर गौरव से जब इस बारे में बात की गई तो गौरव का कहना था कि लोग वैलिडिटी चेक करने के लिए इन टोल फ्री नंबर को मिला लेते हैं.

कंट्रोल रूम में लगे दो मोबाइल नंबर पर अगर देखा जाए तो रोजाना 200 कॉल के करीब आती हैं. जिनमें से लगभग 50 कॉल सही और डेढ़ सौ कॉल फेक होती हैं. कई बार तो बच्चों के हाथ में मां-बाप फोन पकड़ा देते हैं. जिसके कारण बच्चे बार-बार नंबर को डायल करते रहते हैं. हर कॉल को उठाना उनकी मजबूरी है. बच्चों की आवाज सुनकर वो फोन डिस्कनेक्ट करना पड़ता है. ऑपरेटर गौरव का कहना है कि मां-बाप को भी इस बात का ध्यान देना चाहिए.

पानीपत में आपातकालीन नंबरों पर बढ़ रही फेक कॉल की संख्या, हो सकती है अनहोनी

गौरव ने कहा कि आपातकाल सेवाओं के नंबर बच्चे बार-बार डायल कर रहे हैं. जिसके कारण जरूरतमंद के सामने से फोन व्यस्त होने की आवाज सुनाई देती है. बार बार फिर कॉल के आने से लाइन भी बिजी रहती है. जिस कारण जरूरतमंद को सुविधा नहीं मिल पाती और कई बार ऐसा भी होता है कि बार-बार एक ही नंबर से कहीं फोन आते हैं और कोई सामने से रिप्लाई तक नहीं करता.

ये भी पढ़ें- पानीपत में 14 साल के किशोर ने 6 साल की बच्ची के साथ की दरिंदगी

ऐसे में उनको बड़ी समस्या का सामना करना पड़ता है. दिन ही नहीं बल्कि इन कॉल का रात में भी आंकड़ा समान ही होता है. ऑपरेटर गौरव का कहना है कि कृपया इन नंबरों का दुरुपयोग ना करें. ये नंबर आपातकाल सेवाओं (emergency service number in panipat) के लिए है और माता-पिता भी बच्चों के हाथ में अगर फोन को दे तो उसे लॉक करके दें, ताकि बच्चे आपातकाल नंबर डायल ना कर सकें.

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पानीपत: आपातकाल परिस्थितियों में मिलाए जाने वाले टोल फ्री नंबर पर फेक कॉल का आंकड़ा (Fake call to emergency service) बढ़ने से कंट्रोल रूम में बैठे ऑपरेटरों की समस्या बढ़ रही है. दिन में लगभग 70% कॉल फेक आ रही हैं. स्वास्थ्य विभाग की एक सौ आठ नंबर की एंबुलेंस सेवाओं पर बैठे ऑपरेटर गौरव से जब इस बारे में बात की गई तो गौरव का कहना था कि लोग वैलिडिटी चेक करने के लिए इन टोल फ्री नंबर को मिला लेते हैं.

कंट्रोल रूम में लगे दो मोबाइल नंबर पर अगर देखा जाए तो रोजाना 200 कॉल के करीब आती हैं. जिनमें से लगभग 50 कॉल सही और डेढ़ सौ कॉल फेक होती हैं. कई बार तो बच्चों के हाथ में मां-बाप फोन पकड़ा देते हैं. जिसके कारण बच्चे बार-बार नंबर को डायल करते रहते हैं. हर कॉल को उठाना उनकी मजबूरी है. बच्चों की आवाज सुनकर वो फोन डिस्कनेक्ट करना पड़ता है. ऑपरेटर गौरव का कहना है कि मां-बाप को भी इस बात का ध्यान देना चाहिए.

पानीपत में आपातकालीन नंबरों पर बढ़ रही फेक कॉल की संख्या, हो सकती है अनहोनी

गौरव ने कहा कि आपातकाल सेवाओं के नंबर बच्चे बार-बार डायल कर रहे हैं. जिसके कारण जरूरतमंद के सामने से फोन व्यस्त होने की आवाज सुनाई देती है. बार बार फिर कॉल के आने से लाइन भी बिजी रहती है. जिस कारण जरूरतमंद को सुविधा नहीं मिल पाती और कई बार ऐसा भी होता है कि बार-बार एक ही नंबर से कहीं फोन आते हैं और कोई सामने से रिप्लाई तक नहीं करता.

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ऐसे में उनको बड़ी समस्या का सामना करना पड़ता है. दिन ही नहीं बल्कि इन कॉल का रात में भी आंकड़ा समान ही होता है. ऑपरेटर गौरव का कहना है कि कृपया इन नंबरों का दुरुपयोग ना करें. ये नंबर आपातकाल सेवाओं (emergency service number in panipat) के लिए है और माता-पिता भी बच्चों के हाथ में अगर फोन को दे तो उसे लॉक करके दें, ताकि बच्चे आपातकाल नंबर डायल ना कर सकें.

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