ETV Bharat / state

60 गायों का काल बनी पानीपत की गौशाला, खूंखार कुत्ते नोच रहे हैं इनके शव

तीन साल पहले नारायण गांव में गौशाला का निर्माण कराया गया था, लेकिन तीन साल गुजर जाने के बाद भी चारदीवारी तक नहीं बन पाई है. जिसका नतीजा ये होता है कि आवारा कुत्ते आधी रात को यहां घुस आते हैं और जमीन के नीचे दफन गायों के शव निकालकर उन्हें अपना शिकार बना लेते हैं.

60 गायों का काल बनी पानीपत की ये गौशाला
author img

By

Published : Aug 17, 2019, 7:18 PM IST

पानीपत: इस देश में गाय के नाम पर सिर्फ सियासत हो सकती है बाकी गाय की सुरक्षा तो राम भरोसे है. हम ऐसा क्यों कह रहे हैं? ये आप नीचे दी खबर में जान सकते हैं. अभी आप सिर्फ इतना जान लीजिए कि पानीपत के नारायण गांव में एक गौशाला है. जिस गौशाला में तकरीबन 300 से ज्यादा गायें हैं जिनकी हालत दयनीय है.

60 गायों का काल बनी पानीपत की ये गौशाला

आवारा कुत्तों का आतंक

आज से तीन साल पहले करीब 13 एकड़ में नारायण गांव में गौशाला का निर्माण कराया गया था, लेकिन तीन साल गुजर जाने के बाद भी चारदीवारी तक नहीं बन पाई है. जिसका नतीजा ये होता है कि आवारा कुत्ते आधी रात को यहां घुस आते हैं और जमीन के नीचे दफन गायों को निकालकर अपना शिकार बना लेते हैं. यहीं नहीं अब तो कुत्ते इतने खूंखार हो गए हैं कि वो अब जिंदा बछड़ों को भी अपना शिकार बना लेते हैं.

60 से ज्यादा गायों की मौत
गौशाला की देखरेख करने वाले शख्स ने बताया कि उन्हें सरकार की तरफ से कोई मदद नहीं मिलती है. पिछले साल के बाद से अब तक सरकार की तरफ से कोई फंड गौशाला के लिए नहीं दिया गया है. नतीजतन चारे और इलाज के अभाव में हर दूसरे दिन गौशाला में एक गाय की मौत हो रही है. उन्होंने बताया कि अभी तक करीब 60 से ज्यादा गाय मर चुकी हैं. जिन्हें गौशाला के पीछे ही दफनाया गया है.

पानीपत: इस देश में गाय के नाम पर सिर्फ सियासत हो सकती है बाकी गाय की सुरक्षा तो राम भरोसे है. हम ऐसा क्यों कह रहे हैं? ये आप नीचे दी खबर में जान सकते हैं. अभी आप सिर्फ इतना जान लीजिए कि पानीपत के नारायण गांव में एक गौशाला है. जिस गौशाला में तकरीबन 300 से ज्यादा गायें हैं जिनकी हालत दयनीय है.

60 गायों का काल बनी पानीपत की ये गौशाला

आवारा कुत्तों का आतंक

आज से तीन साल पहले करीब 13 एकड़ में नारायण गांव में गौशाला का निर्माण कराया गया था, लेकिन तीन साल गुजर जाने के बाद भी चारदीवारी तक नहीं बन पाई है. जिसका नतीजा ये होता है कि आवारा कुत्ते आधी रात को यहां घुस आते हैं और जमीन के नीचे दफन गायों को निकालकर अपना शिकार बना लेते हैं. यहीं नहीं अब तो कुत्ते इतने खूंखार हो गए हैं कि वो अब जिंदा बछड़ों को भी अपना शिकार बना लेते हैं.

60 से ज्यादा गायों की मौत
गौशाला की देखरेख करने वाले शख्स ने बताया कि उन्हें सरकार की तरफ से कोई मदद नहीं मिलती है. पिछले साल के बाद से अब तक सरकार की तरफ से कोई फंड गौशाला के लिए नहीं दिया गया है. नतीजतन चारे और इलाज के अभाव में हर दूसरे दिन गौशाला में एक गाय की मौत हो रही है. उन्होंने बताया कि अभी तक करीब 60 से ज्यादा गाय मर चुकी हैं. जिन्हें गौशाला के पीछे ही दफनाया गया है.

Intro:मरने के बाद भी गौमाता की रूह को नहीं सकून।

भूख और प्यास से काल का ग्रास बनी दर्जनों गाय।


एंकर -- जिस देश में गाय को माता का दर्जा दिया जाता हे उसी देश और प्रदेश में लोगो की अनदेखी के चलते लगातार दम तोड़ रही हे गाय। भूख और प्यास के कारण में 60 से ज्यादा गायों की हो चुकी हे मौत ,मौत के बाद भी नहीं मिल रहा गौमाता की रूह को सकुन ,सैकड़ो कुत्ते दफन गायों को बाहर निकालकर बना रहे अपना शिकार ,जिन्दा बछड़ो को भी ले जाते हे घसीटकर जंगल में बनाते अपना शिकार ,गौशाला की हालत दयनीय ,बिजली -पानी ही नहीं सेड तक नहीं हे गौशाला में ,दान में आये पैसे से करना पड़ता हे गुजारा ,

Body:वीओ -- समाज की अनदेखी के चलते गौमाता कहलाने वाली गाय लगातार काल की भेट चढ़ने को मजबूर है ,पानीपत के गांव नारायण में 13 एकड़ में गायों के लिए गौशाला का निर्माण तो करवाया गया लेकिन निर्माण के बाद आजतक चारदीवारी तक नहीं करवा पाया प्रसाशन और गांववासी ,चंदे के सहारे हो रहा सेकड़ो गया का गुजारा ,बिजली पानी की किलत के साथ आवारा कुतो के आतंक से पीड़ित हे गौमाता ,जिन्दा गया को अपना शिकार तो बना ही रहे हे यह जालिम शिकारी साथ ही मरने के बाद भी उन्हें जमीं से निकालकर खा रहे हे , जिससे चारो और बदबू फेल रही हे वंही गोशाला में भी गए बीमार हो रही हे , गौशाला के संचालकों ने इस और कोई ध्यान नहीं दिया जिसके चलते गर्मी के मौसम में इस गौशाला में पिने के पानी के साथ गायों के लिए चारे का प्रबन्ध नहीं हो पाया और गायों की मोत होने लगी। एकसमाजसेवी इतनी बड़ी गोशाला में दिन रात गायों की सेवा में लगा हे ताकि गोमाता को बचाया जा सके तस्वीरें देखकर आँखों में आशु आ जाये -- ऐसा नजारा हे नारायण गोशाला का ।

वीओ --मामला मिडिया के सामने आयो और जब हालत देखे तो हालात बद से बदतर मिले, चारा तो समाजसेवी भिजवा रहे हे लेकिन एक बड़ा सवाल सामने हे की आखिर इन हालतो के लिए जिम्मेवार कौन ,लोग दूध देना बंद करने के बाद आवारा छोड़ देते हे गायों को और वह गंदगी में मुँह मारकर अपना पेट भरने को मजबूर होती हे ,सरकार और प्रसाशन इस और अगर समय रहते कार्यवाही करता और ध्यान देता तो गोमाता के यह हालात नहीं होते और न ही काल की भेट चढ़ती गौमाता।
देर आये दुरस्त आये प्रसाशन और सरकार अब भी अगर अपनी कुम्भकर्णी नींद से नहीं जगा तो वह दिन दूर नहीं जब गौमाता को तस्वीरों में ही देखा जायेगा।

Conclusion:बाईट - दिनु ,नौकर गोशाला
बाईट -- ब्रहमपाल ,गोभगत समाजसेवी।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.