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तो इस डर से पानीपत में पार्टी सिंबल पर जिला परिषद का चुनाव नहीं लड़ना चाहती बीजेपी - पानीपत में पंचायत चुनाव

इस बार हरियाणा में पंचायती राज चुनाव (panchayat election in Haryana) तीन चरणों में होगा. पहले चरण में 9 जिलों को चुना गया है. जिसमें जिला परिषद चुनाव के लिए 30 अक्तूबर को मतदान होगा. इन 9 जिलों में से बीजेपी केवल तीन जिलों में ही पार्टी सिंबल पर जिला परिषद चुनाव लड़ रही है. पानीपत में भी बीजेपी ने पार्टी सिंबल पर चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है.

district council election in panipat
district council election in panipat
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Published : Oct 19, 2022, 8:15 AM IST

पानीपत: हरियाणा में पंचायती राज चुनाव (panchayat election in Haryana) के पहले चरण के मतदान की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही हैं, वैसे ही सियासी पारा भी बढ़ता जा रहा है. जिला परिषद चुनाव को लेकर हर राजनीतिक पार्टी जोड़-तोड़ और गुना-भाग कर जातिगत समीकरण साधने में जुटी हैं. पहले चरण के लिए 30 नवंबर को होने वाले जिला परिषद चुनाव को लेकर कुछ जिलों में बीजेपी सिंबल पर अपने उम्मीदवारों को चुनावी मैदान में उतार चुकी है, तो कुछ जिलों में बीजेपी पार्टी सिंबल पर चुनाव लड़ने से बचती नजर आ रही है.

तीन जिलों में सिंबल पर लड़ रही बीजेपी- अभी तक हरियाणा में पंचायत समिति के चुनाव में बीजेपी ने सिर्फ तीन जिले पंचकूला, यमुनानगर और नूंह में चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ने की बात कही है. हरियाणा में केवल आम आदमी पार्टी है जो अपने सिंबल पर जिला परिषद का चुनाव लड़ रही है. कांग्रेस ने भी पंचायत चुनाव सिंबल पर नहीं लड़ने का फैसला किया है. पानीपत जिले की करें तो यहां जिला परिषद चुनाव (district council election in panipat) के लिए 17 वार्ड हैं. यहां बीजेपी ने अपने उम्मीदवारों को बिना पार्टी सिंबल के ही चुनावी मैदान में उतारा है.

बीजेपी जिला अध्यक्ष अर्चना गुप्ता ने कहा कि उनके लिए बड़ी मुश्किलें सामने आ रही थी, क्योंकि हाई कमान ने सिंबल पर चुनाव लड़ने का फैसला जिला इकाई के ऊपर सौंप दिया था और पानीपत जिले में पार्टी सिंबल पर चुनाव लड़ना मुश्किल हो रहा था. उन्होंने कहा कि एक ही वार्ड से लगभग 3 से चार पार्टी के मजबूत कार्यकर्ता चुनाव लड़ना चाहते थे और ऐसे में किसी एक को चुनावी सिंबल पर मैदान में उतारना ठीक नहीं था. जिले में दो बार जिला अध्यक्ष द्वारा विधायक और सांसद से मीटिंग कर बिना सिंबल के चुनाव लड़ने का फैसला लिया गया था. उन्होने कहा कि अगर पार्टी के किसी एक भी कार्यकर्ता को पार्टी सिंबल पर चुनावी मैदान में उतार दिया जाता, तो वोट बैंक का ध्रुवीकरण हो सकता था.

ये भी पढ़ें- क्या हार के डर से करनाल में जिला परिषद चुनाव सिंबल पर नहीं लड़ रही है बीजेपी? नगर निकाय चुनाव में भी मिली थी करारी शिकस्त

ऐसे में पार्टी की छवि धूमिल हो सकती थी. इसलिए पानीपत में जिला परिषद चुनाव बीजेपी ने पार्टी सिंबल पर नहीं लड़ने का फैसला किया है. आपको बता दें कि पहले चरण में 9 जिलों भिवानी, झज्जर, जींद, कैथल, महेंद्रगढ़, नूंह, पंचकूला, यमुनानगर और पानीपत में पंचायती राज चुनाव होंगे. जिला परिषद-पंचायत समिति सदस्य के लिए मतदान 30 अक्तूबर को होगा. वहीं सरपंच और पंच पद के लिए मतदान दो नवंबर को होगा. सरपंच और पंच चुनाव के नतीजे मतदान के दिन ही आ जाएंगे, जबकि जिला परिषद और पंचायत समिति का चुनाव परिणाम तीनों चरण पूरा होने पर एक साथ घोषित किए जाएंगे.

पानीपत: हरियाणा में पंचायती राज चुनाव (panchayat election in Haryana) के पहले चरण के मतदान की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही हैं, वैसे ही सियासी पारा भी बढ़ता जा रहा है. जिला परिषद चुनाव को लेकर हर राजनीतिक पार्टी जोड़-तोड़ और गुना-भाग कर जातिगत समीकरण साधने में जुटी हैं. पहले चरण के लिए 30 नवंबर को होने वाले जिला परिषद चुनाव को लेकर कुछ जिलों में बीजेपी सिंबल पर अपने उम्मीदवारों को चुनावी मैदान में उतार चुकी है, तो कुछ जिलों में बीजेपी पार्टी सिंबल पर चुनाव लड़ने से बचती नजर आ रही है.

तीन जिलों में सिंबल पर लड़ रही बीजेपी- अभी तक हरियाणा में पंचायत समिति के चुनाव में बीजेपी ने सिर्फ तीन जिले पंचकूला, यमुनानगर और नूंह में चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ने की बात कही है. हरियाणा में केवल आम आदमी पार्टी है जो अपने सिंबल पर जिला परिषद का चुनाव लड़ रही है. कांग्रेस ने भी पंचायत चुनाव सिंबल पर नहीं लड़ने का फैसला किया है. पानीपत जिले की करें तो यहां जिला परिषद चुनाव (district council election in panipat) के लिए 17 वार्ड हैं. यहां बीजेपी ने अपने उम्मीदवारों को बिना पार्टी सिंबल के ही चुनावी मैदान में उतारा है.

बीजेपी जिला अध्यक्ष अर्चना गुप्ता ने कहा कि उनके लिए बड़ी मुश्किलें सामने आ रही थी, क्योंकि हाई कमान ने सिंबल पर चुनाव लड़ने का फैसला जिला इकाई के ऊपर सौंप दिया था और पानीपत जिले में पार्टी सिंबल पर चुनाव लड़ना मुश्किल हो रहा था. उन्होंने कहा कि एक ही वार्ड से लगभग 3 से चार पार्टी के मजबूत कार्यकर्ता चुनाव लड़ना चाहते थे और ऐसे में किसी एक को चुनावी सिंबल पर मैदान में उतारना ठीक नहीं था. जिले में दो बार जिला अध्यक्ष द्वारा विधायक और सांसद से मीटिंग कर बिना सिंबल के चुनाव लड़ने का फैसला लिया गया था. उन्होने कहा कि अगर पार्टी के किसी एक भी कार्यकर्ता को पार्टी सिंबल पर चुनावी मैदान में उतार दिया जाता, तो वोट बैंक का ध्रुवीकरण हो सकता था.

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ऐसे में पार्टी की छवि धूमिल हो सकती थी. इसलिए पानीपत में जिला परिषद चुनाव बीजेपी ने पार्टी सिंबल पर नहीं लड़ने का फैसला किया है. आपको बता दें कि पहले चरण में 9 जिलों भिवानी, झज्जर, जींद, कैथल, महेंद्रगढ़, नूंह, पंचकूला, यमुनानगर और पानीपत में पंचायती राज चुनाव होंगे. जिला परिषद-पंचायत समिति सदस्य के लिए मतदान 30 अक्तूबर को होगा. वहीं सरपंच और पंच पद के लिए मतदान दो नवंबर को होगा. सरपंच और पंच चुनाव के नतीजे मतदान के दिन ही आ जाएंगे, जबकि जिला परिषद और पंचायत समिति का चुनाव परिणाम तीनों चरण पूरा होने पर एक साथ घोषित किए जाएंगे.

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