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जानवर और इंसान का ऐसा प्यार नहीं देखा होगा आपने, एक थाली में खाना, एक साथ सोना

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Published : Apr 8, 2022, 8:33 PM IST

Updated : Apr 9, 2022, 12:16 PM IST

दोस्ती...वो रिश्ता जो मजाक मस्ती के अलावा बेपनाह इमानदारी और जज्बातों से जुड़ा होता है. बिल्कुल शोले फिल्म के जय-वीरू की तरह, लेकिन क्या ये दोस्ती का रिश्ता सिर्फ इंसानों के बीच होता है? इस सवाल का जवाब है नहीं. दोस्ती की भावना केवल इंसानों में नहीं बल्कि जानवरों में भी छिपी होती है. दोस्ती की एक ऐसी ही अनोखी कहानी हरियाणा के पानीपत जिले से सामने आई है.

deer and woman Friendship in Panipat
deer and woman Friendship in Panipat

पानीपत: गड़ी भलोर गांव में एक मादा हिरण और एक महिला की दोस्ती (deer and woman Friendship in Panipat) आजकल चर्चा का विषय बनी हुई है. गांव की महिला रेशमा और मादा हिरण टोटो की दोस्ती की कहानी किसी फिल्मी स्टोरी से कम नहीं है. रेशमा के मुताबिक वो साल 2020 के दिसंबर महीने में यमुना किनारे लगते अपने खेतों में घास काटने के लिए गई थी. उसने देखा कि वहां एक मादा हिरण अपने बच्चे को जन्म दे रही थी. इस दौरान जंगली कुत्तों ने मादा हिरण पर हमला कर दिया.

जिसके बाद मादा हिरण वहां से जान बचाकर भाग गई और एक कुत्ता मादा हिरण के बच्चे को नोचने लगा. तब रेशमा ने हिरण के बच्चे को कुत्तों से छुड़वा लिया और अपने साथ घर ले आई. घायल हिरण के बच्चे को रेशमा ने घर में ही घरेलू उपचार ठीक किया. सर्दी में बचा कर रखा और अपने पास सुलाया. आज ये हिरण परिवार का अहम हिस्सा बन गया है. इस मादा हिरण का नाम रेशमा ने टोटो रखा है. टोटो अब रेशमा के साथ ही रहता है. अगर रेशमा घर से बाहर किसी काम से जाती है तो टोटो उसके साथ हर समय रहता है.

महिला ने जंगली कुत्तों से बचाई थी हिरण की जान, आज लोग देते हैं दोस्ती की मिसाल

घर की सदस्य बन गई है टोटो: रेशमा और टोटो में इतना प्यार है कि वो एक ही बर्तन में खाते हैं और एक साथ ही सोते हैं. इस मादा हिरण की उम्र अब 16 महीने की हो चुकी है. कई बार महिला और उसके पति ने उसे जंगल में छोड़ा, लेकिन टोटो हर बार उनके पीछे-पीछे आ जाती है. रेशमा के मुताबिक वन विभाग के कर्मचारी भी इसे लेकर जंगल में गए थे, लेकिन ये जंगल के माहौल में नहीं रह पाई. जंगल में हिरण की तबीयत बिगड़ने लगी. जिसके बाद वन विभाग के अधिकारियों ने टोटो को रेशमा के घर छोड़ने का फैसला किया. अब इंसानों से इस कदर घुल मिल चुकी है कि ये जंगल में रह नहीं सकती.

deer and woman Friendship in Panipat
ग्रामीण महिला और हिरण की दोस्ती की मिसाल देने लगे हैं.

रेशमा ने बच्चों की तरह की टोटो की परवरिश: महिला ने कहा कि उसने टोटो की परवरिश अपने बच्चों की तरह की है. गर्मी के दिनों में मादा हिरण ज्यादा गर्मी बर्दाश्त नहीं कर पाई, तो सक्षम ना होने के बावजूद भी इस परिवार ने इस हिरण के लिए घर में इनवर्टर लगवाया. इतना ही नहीं घर के लोग टोटा का जन्मदिन भी इंसानों की तरह ही मनाते हैं. अब ये परिवार चाहता है कि टोटो 16 महीने की हो चुकी है. जंगल की बजाय इसे चिड़िया घर में छोड़ा जाए, ताकि ये भी बच्चों को जन्म दे सके.

deer and woman Friendship in Panipat
महिला ने इस हिरण का नाम टोटो रखा है.

रेशमा ने कहा कि इसके जाने का दुख बहुत होगा, परंतु जब घर की बेटी बड़ी होती है तो उसकी शादी कर विदाई कर दी जाती है. उसी तरह वो इस मादा हिरण को मानती है कि वो इसे चिड़ियाघर में भेजना चाहती है. जब इस बारे में वाइल्डलाइफ इंस्पेक्टर कृष्ण कुमार ने कहा कि ये हिरण का बच्चा जब मिला था तो घायल अवस्था में था. महिला ने इसका इलाज किया जिसके बाद ये बच्चा दुरुस्त हो गया है. जंगल में छोड़ने पर वो जंगल के माहौल को अपना नहीं पाया और वो इस माहौल में जिंदा नहीं बच पाएगा. जल्द ही मामले को उच्च अधिकारियों के संज्ञान में डालकर उसको चिड़ियाघर में छोड़ दिया जाएगा.

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पानीपत: गड़ी भलोर गांव में एक मादा हिरण और एक महिला की दोस्ती (deer and woman Friendship in Panipat) आजकल चर्चा का विषय बनी हुई है. गांव की महिला रेशमा और मादा हिरण टोटो की दोस्ती की कहानी किसी फिल्मी स्टोरी से कम नहीं है. रेशमा के मुताबिक वो साल 2020 के दिसंबर महीने में यमुना किनारे लगते अपने खेतों में घास काटने के लिए गई थी. उसने देखा कि वहां एक मादा हिरण अपने बच्चे को जन्म दे रही थी. इस दौरान जंगली कुत्तों ने मादा हिरण पर हमला कर दिया.

जिसके बाद मादा हिरण वहां से जान बचाकर भाग गई और एक कुत्ता मादा हिरण के बच्चे को नोचने लगा. तब रेशमा ने हिरण के बच्चे को कुत्तों से छुड़वा लिया और अपने साथ घर ले आई. घायल हिरण के बच्चे को रेशमा ने घर में ही घरेलू उपचार ठीक किया. सर्दी में बचा कर रखा और अपने पास सुलाया. आज ये हिरण परिवार का अहम हिस्सा बन गया है. इस मादा हिरण का नाम रेशमा ने टोटो रखा है. टोटो अब रेशमा के साथ ही रहता है. अगर रेशमा घर से बाहर किसी काम से जाती है तो टोटो उसके साथ हर समय रहता है.

महिला ने जंगली कुत्तों से बचाई थी हिरण की जान, आज लोग देते हैं दोस्ती की मिसाल

घर की सदस्य बन गई है टोटो: रेशमा और टोटो में इतना प्यार है कि वो एक ही बर्तन में खाते हैं और एक साथ ही सोते हैं. इस मादा हिरण की उम्र अब 16 महीने की हो चुकी है. कई बार महिला और उसके पति ने उसे जंगल में छोड़ा, लेकिन टोटो हर बार उनके पीछे-पीछे आ जाती है. रेशमा के मुताबिक वन विभाग के कर्मचारी भी इसे लेकर जंगल में गए थे, लेकिन ये जंगल के माहौल में नहीं रह पाई. जंगल में हिरण की तबीयत बिगड़ने लगी. जिसके बाद वन विभाग के अधिकारियों ने टोटो को रेशमा के घर छोड़ने का फैसला किया. अब इंसानों से इस कदर घुल मिल चुकी है कि ये जंगल में रह नहीं सकती.

deer and woman Friendship in Panipat
ग्रामीण महिला और हिरण की दोस्ती की मिसाल देने लगे हैं.

रेशमा ने बच्चों की तरह की टोटो की परवरिश: महिला ने कहा कि उसने टोटो की परवरिश अपने बच्चों की तरह की है. गर्मी के दिनों में मादा हिरण ज्यादा गर्मी बर्दाश्त नहीं कर पाई, तो सक्षम ना होने के बावजूद भी इस परिवार ने इस हिरण के लिए घर में इनवर्टर लगवाया. इतना ही नहीं घर के लोग टोटा का जन्मदिन भी इंसानों की तरह ही मनाते हैं. अब ये परिवार चाहता है कि टोटो 16 महीने की हो चुकी है. जंगल की बजाय इसे चिड़िया घर में छोड़ा जाए, ताकि ये भी बच्चों को जन्म दे सके.

deer and woman Friendship in Panipat
महिला ने इस हिरण का नाम टोटो रखा है.

रेशमा ने कहा कि इसके जाने का दुख बहुत होगा, परंतु जब घर की बेटी बड़ी होती है तो उसकी शादी कर विदाई कर दी जाती है. उसी तरह वो इस मादा हिरण को मानती है कि वो इसे चिड़ियाघर में भेजना चाहती है. जब इस बारे में वाइल्डलाइफ इंस्पेक्टर कृष्ण कुमार ने कहा कि ये हिरण का बच्चा जब मिला था तो घायल अवस्था में था. महिला ने इसका इलाज किया जिसके बाद ये बच्चा दुरुस्त हो गया है. जंगल में छोड़ने पर वो जंगल के माहौल को अपना नहीं पाया और वो इस माहौल में जिंदा नहीं बच पाएगा. जल्द ही मामले को उच्च अधिकारियों के संज्ञान में डालकर उसको चिड़ियाघर में छोड़ दिया जाएगा.

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Last Updated : Apr 9, 2022, 12:16 PM IST
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