पानीपत: प्रदेश में 3 दिन पहले हुई बरसात और ओलावृष्टि से किसानों की लगभग 20 से 30 प्रतिशत फसल का नुकसान हो चुका है और आज फिर से मौसम ने करवट ली है. 2 दिन की धूप के बाद आज सुबह से ही पानीपत के मौसम में बदलाव हुआ है. पानीपत में बारिश का दौर एक बार फिर शुरू हो गया है. हरियाणा में बेमौसम बारिश के कारण किसान चिंतित और परेशान हैं. उन्हें खेतों में खड़ी अपनी फसलों की चिंता सताने लगी है.
पानीपत में इन दिनों रुक रुक कर बारिश हो रही है. प्रदेश के पानीपत जिले के किसानों का कहना है कि पहले ओलावृष्टि से फसलों को भारी नुकसान हुआ था. अब 3 दिन बाद जैसे ही खेतों से पानी सूखना शुरू हुआ तो अचानक आज सुबह फिर से बरसात शुरू हो गई. जिससे उनकी फसलें 50 प्रतिशत तक खराब हो चुकी हैं. गेहूं और सरसों की फसल सपाट होकर खेतों में बिछ गई हैं.
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जब फसल की कटाई का समय शुरू होगा तो उस समय किसानों को इसे काटने में बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा. अधिकांश कटाई मशीनों से नहीं बल्कि हाथों से करनी पड़ेगी. क्योंकि जमीन के ऊपर सपाट हुई फसलों को काटना मशीन से संभव नहीं होगा. जिससे लेबर की लागत भी अधिक होगी और पैदावार भी कम होगी. किसानों का कहना है कि अगर बारिश दोबारा हुई तो खड़ी फसल तबाह हो जाएगी और वे भूखमरी के कगार पर आ जाएंगे.
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सरकार द्वारा बारिश और ओलावृष्टि से खराब हुई फसलों का ब्यौरा पोर्टल पर डालकर उनकी स्पेशल गिरदावरी करने के आदेश दिए गए हैं लेकिन किसानों का कहना है कि कुछ अनपढ़ किसान हैं, जो कि पोर्टल नहीं चला सकते. ऐसे में पानीपत के किसानों की मांग है कि खराब फसलों की गिरदावरी संबंधित पटवारी द्वारा कराई जाए ताकि उनकी खराब फसलों का सही आकलन हो सके और उन्हें मुआवजा मिल सके.