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किसानों के बीच लोकप्रिय हो रहा पानीपत का सामुदायिक रेडियो स्टेशन, ऐप पर भी सुन सकते हैं कार्यक्रम - सामुदायिक रेडियो स्टेशन हरियाणा

देश में लगभग 300 सामुदायिक रेडियो केंद्र हैं. इनका संचालन सभी राज्यों में फैला हुआ है. ऐसे में ETV भारत शहर ने सामुदायिक रेडियो द्वारा प्रदान की जा रही सेवाओं पर रिपोर्ट बनाई है.

Community radio station Panipat
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Published : Mar 19, 2021, 7:58 PM IST

पानीपत: एक समय था जब भारत में हर खबर, कार्यक्रम की जानकारी रेडियो के जरिए मिलती थी. आज इंटरनेट ये युग में भी लोगों की रूची रेडियो से कम नहीं हुई है. ऐसा हम नहीं बल्कि पानीपत के सामुदायिक केंद्र चलाने वाले रेडियो जॉकी कह रहे हैं. कहने को तो जिले में एकमात्र सामुदायिक रेडियो स्टेशन है. जो दिसंबर 2020 में कृषि विज्ञान केंद्र पूजा गांव में लगाया गया है.

ये रेडियो स्टेशन 94.1 मेगाहर्ट्ज पर उपलब्ध है. इस स्टेशन पर किसानों और महिलाओं के मुद्दों को उठाया जाता है. इंटरनेट के महत्व को देखते हुए इस रेडियो स्टेशन को डिजिटल भी किया गया है. इस स्टेशन के लिए मोबाइल ऐप भी बनाई गई है. ताकि इसका संचार और तेजी से हो सके.

किसानों के बीच लोकप्रिय हो रहा पानीपत का सामुदायिक रेडियो स्टेशन

इस रेडियो स्टेशन को कृषि विज्ञान केंद्र में इसलिए स्थापित किया गया है कि नई-नई तकनीक को किसानों तक पहुंचाया जा सके. किसान अब सामुदायिक रेडियो स्टेशन पर कार्यक्रमों को बढ़ाने की मांग भी कर रहे हैं. जिसके बाद पैनल अब कार्यक्रमों को बढ़ाने की योजना बना रहा है. इस स्टेशन से किसानों को मौसम की भी जानकारी दी जाएंगी.

किसानों के नई तकनीकों की दी जाती है जानकारी

कृषि विज्ञान केंद्र के संयोजक ने बताया कि ये रेडियो स्टेशन इस उद्देश्य से लगाया गया था कि किसानों को खेती के बारे में नई-नई जानकारियां दी जाए और फसलों में आई बीमारियों के बारे में प्रत्येक जानकारी भी दी जाए. अब इस विज्ञान केंद्र में मौसम से जुड़ी जानकारियां भी आने वाले समय में दी जाएंगी और ऐसी तकनीक यहां विकसित की जा रही है जहां से जिले में ब्लॉक वाइज मौसम की जानकारी दी जाएगी.

अभी रेडियो स्टेशन में स्टाफ की कमी

ये रेडियो स्टेशन धीरे-धीरे किसानों में तेजी से लोकप्रिय हो रहा है. हालांकि इस रेडियो स्टेशन के लिए फिलहाल स्टाफ की कमी है. इसे हिसार यूनिवर्सिटी से ही अधिकतर संचालित किया जा रहा है. अधिकारियों को दावा है कि जल्द ही यहां स्टाफ की कमी को पूरी कर दिया जाएगा. जिससे किसानों को इसका फायदा होगा. अधिकारियों का दावा है कि 4 महीने पहले लगे इस रेडियो स्टेशन से किसान बहुत लाभ उठा रहे हैं. ये रेडियो स्टेशन फिलहाल अधिकतर हिसार विज्ञान केंद्र से प्रसारित हो रहा है.

ये भी पढ़ें- महंगाई की मार! बिजली बिल से जनता परेशान, बाजार में बढ़ी सोलर प्रोडक्ट्स की डिमांड

रेडियो स्टेशन पर चलने वाले कार्यक्रम अधिकतर कृषि पर आधारित होते हैं. इसके अलावा महिला सशक्तिकरण, बेरोजगार युवाओं को रोजगार और पशुपालन के मुद्दे पर कार्यक्रम रखे गए हैं. अधिकारियों का दावा है कि 4 महीने पहले लगे इस रेडियो स्टेशन से किसान बहुत लाभ उठा रहे हैं. ये रेडियो स्टेशन फिलहाल अधिकतर हिसार विज्ञान केंद्र से प्रसारित हो रहा है. रेडियो स्टेशन पर चलने वाले कार्यक्रम अधिकतर कृषि पर आधारित होते हैं. इसके अलावा महिला सशक्तिकरण, बेरोजगार युवाओं को रोजगार और पशुपालन के मुद्दे पर कार्यक्रम रखे गए हैं.

पानीपत: एक समय था जब भारत में हर खबर, कार्यक्रम की जानकारी रेडियो के जरिए मिलती थी. आज इंटरनेट ये युग में भी लोगों की रूची रेडियो से कम नहीं हुई है. ऐसा हम नहीं बल्कि पानीपत के सामुदायिक केंद्र चलाने वाले रेडियो जॉकी कह रहे हैं. कहने को तो जिले में एकमात्र सामुदायिक रेडियो स्टेशन है. जो दिसंबर 2020 में कृषि विज्ञान केंद्र पूजा गांव में लगाया गया है.

ये रेडियो स्टेशन 94.1 मेगाहर्ट्ज पर उपलब्ध है. इस स्टेशन पर किसानों और महिलाओं के मुद्दों को उठाया जाता है. इंटरनेट के महत्व को देखते हुए इस रेडियो स्टेशन को डिजिटल भी किया गया है. इस स्टेशन के लिए मोबाइल ऐप भी बनाई गई है. ताकि इसका संचार और तेजी से हो सके.

किसानों के बीच लोकप्रिय हो रहा पानीपत का सामुदायिक रेडियो स्टेशन

इस रेडियो स्टेशन को कृषि विज्ञान केंद्र में इसलिए स्थापित किया गया है कि नई-नई तकनीक को किसानों तक पहुंचाया जा सके. किसान अब सामुदायिक रेडियो स्टेशन पर कार्यक्रमों को बढ़ाने की मांग भी कर रहे हैं. जिसके बाद पैनल अब कार्यक्रमों को बढ़ाने की योजना बना रहा है. इस स्टेशन से किसानों को मौसम की भी जानकारी दी जाएंगी.

किसानों के नई तकनीकों की दी जाती है जानकारी

कृषि विज्ञान केंद्र के संयोजक ने बताया कि ये रेडियो स्टेशन इस उद्देश्य से लगाया गया था कि किसानों को खेती के बारे में नई-नई जानकारियां दी जाए और फसलों में आई बीमारियों के बारे में प्रत्येक जानकारी भी दी जाए. अब इस विज्ञान केंद्र में मौसम से जुड़ी जानकारियां भी आने वाले समय में दी जाएंगी और ऐसी तकनीक यहां विकसित की जा रही है जहां से जिले में ब्लॉक वाइज मौसम की जानकारी दी जाएगी.

अभी रेडियो स्टेशन में स्टाफ की कमी

ये रेडियो स्टेशन धीरे-धीरे किसानों में तेजी से लोकप्रिय हो रहा है. हालांकि इस रेडियो स्टेशन के लिए फिलहाल स्टाफ की कमी है. इसे हिसार यूनिवर्सिटी से ही अधिकतर संचालित किया जा रहा है. अधिकारियों को दावा है कि जल्द ही यहां स्टाफ की कमी को पूरी कर दिया जाएगा. जिससे किसानों को इसका फायदा होगा. अधिकारियों का दावा है कि 4 महीने पहले लगे इस रेडियो स्टेशन से किसान बहुत लाभ उठा रहे हैं. ये रेडियो स्टेशन फिलहाल अधिकतर हिसार विज्ञान केंद्र से प्रसारित हो रहा है.

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रेडियो स्टेशन पर चलने वाले कार्यक्रम अधिकतर कृषि पर आधारित होते हैं. इसके अलावा महिला सशक्तिकरण, बेरोजगार युवाओं को रोजगार और पशुपालन के मुद्दे पर कार्यक्रम रखे गए हैं. अधिकारियों का दावा है कि 4 महीने पहले लगे इस रेडियो स्टेशन से किसान बहुत लाभ उठा रहे हैं. ये रेडियो स्टेशन फिलहाल अधिकतर हिसार विज्ञान केंद्र से प्रसारित हो रहा है. रेडियो स्टेशन पर चलने वाले कार्यक्रम अधिकतर कृषि पर आधारित होते हैं. इसके अलावा महिला सशक्तिकरण, बेरोजगार युवाओं को रोजगार और पशुपालन के मुद्दे पर कार्यक्रम रखे गए हैं.

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