पानीपत: डर के आगे जीत है. ये टैग लाइन हर किसी ने सुनी होगी. एक कोल्ड्रिंक कंपनी अपने प्रचार के लिए इस टैग लाइन का इस्तेमाल करती है. लेकिन हरियाणा के पानीपत जिले के कुछ युवाओं ने इसको कुछ ज्यादा ही गंभीर समझ लिया है. उम्र के जोश और जुनून में ये युवा सब कुछ भुला चुके हैं. दरअसल ये पूरा नजारा 30 फीट गहरी दिल्ली पैरलल नहर (panipat delhi parallel canal) का है. वीडियो में आप देख सकते हैं कि कैसे ये बच्चे अपनी जान हथेली में लेकर रेलवे पुल के ऊपर चढ़कर नहर में छलांग लगा रहे हैं.
गहरी नहरों के किनारे बढ़ते हादसों को देखते हुए प्रशासन द्वारा नहाने या कपड़े धोने पर पाबंदी लगाई गई है. धारा 144 के बावजूद भी यहां बच्चे अपनी जान को जोखिम में डालकर नहर के पुल के ऊपर चढ़कर तरह तरह के स्टंट करते हुए नहर में छलांग लगा रहे हैं. नहर में छलांग लगाने वाले अधिकांश बच्चे नाबालिग हैं. आप वीडियो में देख सकते हैं किस तरह ये नाबालिग बच्चे अपनी जान की परवाह किए बगैर इतनी गहरी नहर में छलांग लगा रहे हैं. बच्चे जिस पुल से छलांग लगा रहे हैं वह रेलवे लाइन पानीपत से रोहतक की ओर जाती है.
पुल के थोड़ा ऊपर ही बिजली का तार भी है. लेकिन इन बच्चों को इसका कोई खौफ नहीं है. पहले इस रेलवे लाइन पर इलेक्ट्रिक इंजन नहीं चलते थे. अब इस लाइन पर इलेक्ट्रिक इंजन चलते हैं और तारें भी बिल्कुल नजदीक हैं. इतनी हाई वोल्टेज तार यहां से गुजरने के बाद बच्चे फिर भी अपनी जान को जोखिम में डाल मौत की छलांग नहर में लगा रहे हैं. बच्चों के नहाने का ये सिलसिला एक दिन का नहीं है. ये सिलसिला रोजाना चलता रहता है. प्रतिदिन ये बच्चे अपनी मौत को दावत देते हैं.
बड़ी बात ये है कि ये पूरा वाक्या वहां होता जहां पर पुलिस ने रेड अलर्ट का बोर्ड भी लगा रखा है. बोर्ड पर साफ-साफ लिखा है कि यहां पर नहाना कानूनी अपराध है. बावजूद इसके ये बच्चे फिल्मी स्टंटबाजी करते हुए नहर में छलांग लगा रहे हैं. इन्हें ना तो खाकी का खौफ है और ना ही अपने जान की परवाह. ईटीवी भारत की टीम ने जब यहां बच्चों से बात की और पूछा कि उन्हें डर नहीं लगता तो उनका जवाब था नहीं. मानो ये उनके लिए बहुत छोटी सी बात है. जब पूछा गया कि यहां उनको कोई रोकने वाला नहीं तो उनका साफ जवाब था नहीं. डर नाम की चीज यहां आने वाले बच्चों के जहन में दिखी ही नहीं. अहम बात ये है कि आए दिन इस नहर में लोगों की मौत होती रहती है. बाबजूद इसके ये बच्चे अपनी नादान हरकतों से बाज नहीं आ रहे.
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जब यह मामला संबंधित किसनपुरा चौकी इंचार्ज के संज्ञान में डाला गया तो उन्होंने कहा कि यह एक अपराध है. यहां हमारे द्वारा पीसीआर और राइडर की ड्यूटी भी लगाई गई है. लेकिन जब भी है राइडर और पीसीआर यहां से चली जाती है तो फिर बच्चों की भीड़ यहां नहाने के लिए आ जाती है. खैर पुलिस-प्रशासन के जवाब से तो ऐसा लग रहा है कि उन्हें इतना समय नहीं है कि वे यहां होने वाले हादसों को पहले से रोक सके. अब देखते हैं कि इस खबर के सामने आने के बाद पुलिस कोई कार्रवाई करती है या बस कभी कभार सायरन बजाते हुए नहर के आगे पीछे घूमते रहेंगे.
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