पानीपत: हरियाणा के पानीपत जिले में लगातार बाल विवाह के मामले सामने आ रहे हैं. इन मामलों में कहीं लड़के की उम्र ज्यादा होती है तो कहीं लड़की की उम्र ज्यादा होती है. प्रोटेक्शन अधिकारी रजनी गुप्ता ने बताया कि, पानीपत जिले में मार्च 2022 से लेकर जनवरी 2023 तक 21 बाल विवाह केस सामने आए हैं, जिन्हें उन्होंने रुकवाया है. आज भी बाल विवाह के मामलों में बिहार के बाद हरियाणा का नाम सामने आता है.
प्रोटेक्शन अधिकारी रजनी गुप्ता ने बताया कि, हरियाणा के पानीपत में बाल विवाह के 50% मामले ऐसे आए हैं, लड़की के गलत कदम उठाने से परिजन समाज में बदनामी के डर से नाबालिग लड़की की शादी कर देते हैं. प्रोटेक्शन ऑफिसर रजनी गुप्ता का कहना है कि कई बार बाल विवाह की शिकायतें भी उन लड़कों के परिजनों से मिलती है, जिन पर इन लड़कियों को घर से भगाने या शोषण के मामले दर्ज होते हैं.
वहीं, दूसरी ओर लड़के के परिजनों का कहना है कि अगर उनका लड़का नाबालिग लड़की को भगाने के जुर्म में जेल काटता है तो परिजन भी नाबालिग लड़की की शादी कैसे कर सकते हैं. प्रोटेक्शन अधिकारी रजनी गुप्ता का कहना है कि ऐसे परिजन मामले की सूचना संबंधित विभाग को देते हैं. कई मामलों में यह भी देखा गया है कि नाबालिग लड़की अपने प्रेमी से शादी करना चाहती है, लेकिन उसका प्रेमी नाबालिग होने की वजह से शादी न करके उसकी शिकायत विभाग को करता है.
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प्रोटेक्शन अधिकारी रजनी गुप्ता ने बताया कि कई सारे केस तो ऐसे भी सामने आए हैं, जिनमें परिजन लोक लाज के लिहाज से अपनी नाबालिग लड़की को आधार कार्ड में बालिग दिखाकर उसकी शादी करा देते हैं. उन्होंने लोगों से बाल विवाह रोकने की अपील की है. साथ ही प्रशासन की ओर से चलाई जा रही मुहिम में भागीदार बनने की अपील की है.