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पानीपत ड्रेन नंबर 2 के गंदे पानी में छठ मनाने के मजबूर रहते हैं पानीपत के प्रवासी, प्रशासन पर अनदेखी का आरोप

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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Nov 14, 2023, 3:47 PM IST

Updated : Nov 14, 2023, 4:01 PM IST

Panipat Chhath Puja: पानीपत में छठ पूजा को लेकर प्रवासी लोग प्रशासन से नाराज है. लोगों का कहना है कि प्रशासन की अनदेखी के चलते वो हर साल गंदे पानी में त्योहार मनाने को मजबूर रहते हैं. पानीपत में बड़ी संख्या में बिहार और पूर्वांचल के प्रवासी लोग रहते हैं लेकिन प्रशासन इसके लिए कोई तैयारी नहीं करता.

Panipat chhath puja
Panipat chhath puja

पानीपत: दीपावली के 6 दिन बाद बिहार का लोक आस्था का पर्व छठ मनाया जाता है. हरियाणा के पानीपत जिले में भी बिहार और पूर्वांचल के प्रवासी बड़ी संख्या में रहते हैं. इसीलिए हर साल यहां भी छठ पूजा धूम धाम से मनाई जाती है. औद्योगिक नगरी पानीपत में लगभग 6 से 7 लाख पूर्वांचल के लोग रहते हैं. प्रवासियों का कहना है कि छठ पूजा पर प्रशासन उनकी अनदेखी करता है और कोई तैयारी नहीं की जाती है.

छठ पर्व पर नदी में अर्घ्य देने का रिवाज है. पानीपत में रह रहे ये लोगों का कहना है कि प्रशासन की अनदेखी के कारण श्रद्धालु ड्रेन के गंदे पानी में खड़े होकर सूर्यदेव को अर्घ्य देने को मजबूर हैं. पूर्वांचल वासी पवन शुक्ला ने बताया कि पानीपत में हजारों फैक्ट्री और कारखाने हैं, यहां 6 से 7 लाख पूर्वांचल के लोग काम करते हैं. दीपावली के बाद यूपी के पूर्वांचल और बिहार के लोगों का छठ पर्व मनाया जाता है.

Panipat chhath puja
पानीपत ड्रेन नंबर 2

इस छठ पर्व पर शाम और सुबह को सूर्य देव को अर्घ्य दिया जाता है. हजारों लोग ड्रेन नंबर 2 में खड़े होकर सूर्योदय को अर्घ देते हैं, जिसमें सारे शहर का गंदा पानी आकर मिलता है. लंबे समय के बाद पिछले साल प्रशासन ने इस ड्रेन में पानी छोड़ा था. परंतु अब तक इस ड्रेन में पानी को छोड़ा नहीं गया है. गंदे पानी में खड़े होकर पूजा करने से एक तो उनकी आस्था को ठेस पहुंचती है वहीं बीमारियां लगने का भी खतरा बना रहता है.

बिहार के रहने वाले गुलशन ओझा ने कहा कि हम छठ को सबसे बड़ा पर्व मानते हैं. परंतु जब यहां आकर गंदे पानी में पूजा करनी पड़ती है तो मन बड़ा दुखी होता है. प्रशासन को बार-बार कहने के बाद भी यहां सफाई नहीं करवाई जाती है. मुख्य समस्या तब आती है जब इस ड्रेन के गंदे पानी में खड़ा होकर पूजा करनी पड़ती है. कई गंदे नाले इस ड्रेन में आकर मिलते हैं. प्रवासी लोगों की मांग है कि छठ पर्व के दिन ड्रेन नंबर दो में पानी छोड़ा जाए ताकि हजारों की संख्या में यहां आने वाले लोग अपनी आस्था के साथ पूजा कर सकें.

ये भी पढ़ें- छठ महापर्व के लिए गांव जा रहे व्यक्ति को तेज रफ्तार ट्रैक्टर ट्रॉली ने कुचला, मौके पर दर्दनाक मौत, परिवार में पसरा मातम

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पानीपत: दीपावली के 6 दिन बाद बिहार का लोक आस्था का पर्व छठ मनाया जाता है. हरियाणा के पानीपत जिले में भी बिहार और पूर्वांचल के प्रवासी बड़ी संख्या में रहते हैं. इसीलिए हर साल यहां भी छठ पूजा धूम धाम से मनाई जाती है. औद्योगिक नगरी पानीपत में लगभग 6 से 7 लाख पूर्वांचल के लोग रहते हैं. प्रवासियों का कहना है कि छठ पूजा पर प्रशासन उनकी अनदेखी करता है और कोई तैयारी नहीं की जाती है.

छठ पर्व पर नदी में अर्घ्य देने का रिवाज है. पानीपत में रह रहे ये लोगों का कहना है कि प्रशासन की अनदेखी के कारण श्रद्धालु ड्रेन के गंदे पानी में खड़े होकर सूर्यदेव को अर्घ्य देने को मजबूर हैं. पूर्वांचल वासी पवन शुक्ला ने बताया कि पानीपत में हजारों फैक्ट्री और कारखाने हैं, यहां 6 से 7 लाख पूर्वांचल के लोग काम करते हैं. दीपावली के बाद यूपी के पूर्वांचल और बिहार के लोगों का छठ पर्व मनाया जाता है.

Panipat chhath puja
पानीपत ड्रेन नंबर 2

इस छठ पर्व पर शाम और सुबह को सूर्य देव को अर्घ्य दिया जाता है. हजारों लोग ड्रेन नंबर 2 में खड़े होकर सूर्योदय को अर्घ देते हैं, जिसमें सारे शहर का गंदा पानी आकर मिलता है. लंबे समय के बाद पिछले साल प्रशासन ने इस ड्रेन में पानी छोड़ा था. परंतु अब तक इस ड्रेन में पानी को छोड़ा नहीं गया है. गंदे पानी में खड़े होकर पूजा करने से एक तो उनकी आस्था को ठेस पहुंचती है वहीं बीमारियां लगने का भी खतरा बना रहता है.

बिहार के रहने वाले गुलशन ओझा ने कहा कि हम छठ को सबसे बड़ा पर्व मानते हैं. परंतु जब यहां आकर गंदे पानी में पूजा करनी पड़ती है तो मन बड़ा दुखी होता है. प्रशासन को बार-बार कहने के बाद भी यहां सफाई नहीं करवाई जाती है. मुख्य समस्या तब आती है जब इस ड्रेन के गंदे पानी में खड़ा होकर पूजा करनी पड़ती है. कई गंदे नाले इस ड्रेन में आकर मिलते हैं. प्रवासी लोगों की मांग है कि छठ पर्व के दिन ड्रेन नंबर दो में पानी छोड़ा जाए ताकि हजारों की संख्या में यहां आने वाले लोग अपनी आस्था के साथ पूजा कर सकें.

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Last Updated : Nov 14, 2023, 4:01 PM IST
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