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पानीपत वन स्टॉप सेंटर में असुरक्षित महिलाएं! सुरक्षा के नाम पर 1 गार्ड देता है पहरा

पानीपत में वन स्टॉप सेंटर महिलाओं के लिए बनाया गया था. जिसमें दुष्कर्म, छेड़छाड़, घरेलू हिंसा की शिकार हुई महिलाओं के रुकने की व्यवस्था हो सके, लेकिन सुरक्षा के नाम पर यहां खोखले वादे ही पड़े हैं. जब हमने रात को पानीपत के वन स्टॉप सेंटर या सखी सेंटर का जायजा को लिया तो वहां पर दो गार्ड तैनात थे.

one stop center in panipat
पानीपत वन स्टॉप सेंटर में असुरक्षित महिलाएं!
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Published : Jan 5, 2020, 8:02 PM IST

पानीपतः प्रदेश में बीजेपी सरकार लगातार महिला सुरक्षा के दावे तो करती रही है लेकिन इन दावों की जमीनी हकीकत कुछ और ही नजर आ रही है. पानीपत में रेड क्रॉस बिल्डिंग में बने वन स्टॉप सेंटर की हालत ये है कि यहां पर महिलाओं की सुरक्षा राम भरोसे चल रही है. इस सेंटर पर ना तो कोई अधिकारी है और ना ही सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध. हालात ये हैं कि यहां केवल 2 चौकीदार तैनात है जो इस सेंटर पर नजर रखने का काम करता है.

भगवान भरोसे सेंटर की सुरक्षा!

पानीपत में वन स्टॉप सेंटर महिलाओं के लिए बनाया गया था. जिसमें दुष्कर्म, छेड़छाड़, घरेलू हिंसा की शिकार हुई महिलाओं के रुकने की व्यवस्था हो सके, लेकिन सुरक्षा के नाम पर यहां खोखले वादे ही पड़े हैं. जब हमने रात को पानीपत के वन स्टॉप सेंटर या सखी सेंटर का जायजा को लिया तो वहां पर दो गार्ड तैनात थे. जिसमें एक की ड्यूटी गेट पर और दूसरे की ड्यूटी सखी सेंटर के नीचे लगी थी. इसके अलावा एक महिला भी सखी सेंटर में मैजूद थी जो आने वाली महिलाओं के साथ ड्यूटी देती है.

पानीपत वन स्टॉप सेंटर में असुरक्षित महिलाएं!

सुरक्षा में बड़ी चूक!

हैरानी की बात ये है कि स्टॉप वन सेंटर के लिए एक कमेटी का गठन हुआ है जिसमें पूरे प्रशासन की टीम मौजूद है, लेकिन उसके बावजदू यहां ना तो कोई पुलिस कर्मी है और ना ही कोई प्रशासनिक अधिकारी. ऐसा लगता है मानों इन वन स्टॉप सेंटर यानि सखी सैंटरो को प्रशासन ने भगवान भरोसे छोड़ दिया है. वहीं सेंटर में तैनात सुरक्षा गार्ड और महिला ने बताया कि प्रशासन की ऐसी लापरवाही से कभी भी कोई बड़ी घटना हो सकती है. ऐसे में जरूरत है कि समय रहते इस ओर ध्यान दिया जाए.

ये भी पढ़ेंः पलवल: प्रेम जाल में फंसा कर युवती से सामूहिक दुष्कर्म, पुलिस ने केस दर्ज किया

क्या होता है वन स्टॉप केंद्र
सखी केंद्र या वन स्टॉप सेंटर महिलाओं के खिलाफ किसी भी प्रकार के हिंसा से लड़ने के लिए एक छत के नीचे चिकित्सा, कानूनी, मनोवैज्ञानिक और परामर्श सहायता सहित कई सेवाओं के लिए तत्काल, आपातकालीन और गैर-आपातकालीन पहुंच की सुविधा प्रदान करना है. वन स्टॉप केंद्र उन सरकारी दिशा निर्देशों के मुताबिक वन स्टॉप केंद्रों में फ्रिज, कंप्यूटर, प्रिंटर, स्कैनर, टेलिफोन, इंटरनेट, सीसीटीवी कैमरा, दवाइयां और कपड़े उपलब्ध होने चाहिए.

एक केंद्र में कम से कम 5 कमरे हों. साथ ही ये केंद्र जिले के सरकारी अस्पताल के 2 किलोमीटर के दायरे में हो ताकि हिंसा से पीड़ित महिलाएं आसानी से पहुंच सकें. इन केंद्रों में मेडिकल सुविधा, पुलिस मदद, साइको-सोशल काउंसलिंग, कानूनी सलाह और अस्थाई तौर पर रहने की जगह व वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा भी होनी चाहिए.

पानीपतः प्रदेश में बीजेपी सरकार लगातार महिला सुरक्षा के दावे तो करती रही है लेकिन इन दावों की जमीनी हकीकत कुछ और ही नजर आ रही है. पानीपत में रेड क्रॉस बिल्डिंग में बने वन स्टॉप सेंटर की हालत ये है कि यहां पर महिलाओं की सुरक्षा राम भरोसे चल रही है. इस सेंटर पर ना तो कोई अधिकारी है और ना ही सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध. हालात ये हैं कि यहां केवल 2 चौकीदार तैनात है जो इस सेंटर पर नजर रखने का काम करता है.

भगवान भरोसे सेंटर की सुरक्षा!

पानीपत में वन स्टॉप सेंटर महिलाओं के लिए बनाया गया था. जिसमें दुष्कर्म, छेड़छाड़, घरेलू हिंसा की शिकार हुई महिलाओं के रुकने की व्यवस्था हो सके, लेकिन सुरक्षा के नाम पर यहां खोखले वादे ही पड़े हैं. जब हमने रात को पानीपत के वन स्टॉप सेंटर या सखी सेंटर का जायजा को लिया तो वहां पर दो गार्ड तैनात थे. जिसमें एक की ड्यूटी गेट पर और दूसरे की ड्यूटी सखी सेंटर के नीचे लगी थी. इसके अलावा एक महिला भी सखी सेंटर में मैजूद थी जो आने वाली महिलाओं के साथ ड्यूटी देती है.

पानीपत वन स्टॉप सेंटर में असुरक्षित महिलाएं!

सुरक्षा में बड़ी चूक!

हैरानी की बात ये है कि स्टॉप वन सेंटर के लिए एक कमेटी का गठन हुआ है जिसमें पूरे प्रशासन की टीम मौजूद है, लेकिन उसके बावजदू यहां ना तो कोई पुलिस कर्मी है और ना ही कोई प्रशासनिक अधिकारी. ऐसा लगता है मानों इन वन स्टॉप सेंटर यानि सखी सैंटरो को प्रशासन ने भगवान भरोसे छोड़ दिया है. वहीं सेंटर में तैनात सुरक्षा गार्ड और महिला ने बताया कि प्रशासन की ऐसी लापरवाही से कभी भी कोई बड़ी घटना हो सकती है. ऐसे में जरूरत है कि समय रहते इस ओर ध्यान दिया जाए.

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क्या होता है वन स्टॉप केंद्र
सखी केंद्र या वन स्टॉप सेंटर महिलाओं के खिलाफ किसी भी प्रकार के हिंसा से लड़ने के लिए एक छत के नीचे चिकित्सा, कानूनी, मनोवैज्ञानिक और परामर्श सहायता सहित कई सेवाओं के लिए तत्काल, आपातकालीन और गैर-आपातकालीन पहुंच की सुविधा प्रदान करना है. वन स्टॉप केंद्र उन सरकारी दिशा निर्देशों के मुताबिक वन स्टॉप केंद्रों में फ्रिज, कंप्यूटर, प्रिंटर, स्कैनर, टेलिफोन, इंटरनेट, सीसीटीवी कैमरा, दवाइयां और कपड़े उपलब्ध होने चाहिए.

एक केंद्र में कम से कम 5 कमरे हों. साथ ही ये केंद्र जिले के सरकारी अस्पताल के 2 किलोमीटर के दायरे में हो ताकि हिंसा से पीड़ित महिलाएं आसानी से पहुंच सकें. इन केंद्रों में मेडिकल सुविधा, पुलिस मदद, साइको-सोशल काउंसलिंग, कानूनी सलाह और अस्थाई तौर पर रहने की जगह व वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा भी होनी चाहिए.

Intro:एंकर -- पानीपत में प्रसाशन की बड़ी लापरवाही सामने आयी हे ,केंद्र सरकार के निर्देश पर पानीपत में भी महिलाओ व् लड़कियों के लिए बनाया गया वन स्टॉप सेंटर यानि सखी सेंटर पर नहीं सुरक्षा के कोई इंतजाम ,रात को एक गार्ड के सहारे रहने को मजबूर , कोई महिला सुरक्षाकर्मी नहीं तैनात ,एक साल के बाद भी नहीं मिली सुरक्षाकर्मी , अधिकारी ने मानी अपनी गलती ,लेकिन प्रसाशनिक अधिकारी मोन।

Body:वीओ -- पानीपत में महिला सुरक्षा सिर्फ कागजों में, यहां के हालात कह रहे हैं , हम बात कर रहे हैं रेड क्रॉस बिल्डिंग में बने वन स्टॉप सेंटरकी , आप उसको सखी सेंटर भी कह सकते हैं, इनको इसलिए बनाया गया था जिसमें पीड़ित महिलाओं को चाहे वह कोई भी केस हो उनके रुकने की व्यवस्था हो सके , लेकिन सुरक्षा के नाम पर वहां का क्या हाल है यह सब आपके सामने हैं जब मिडिया की टीम ने वन स्टॉप सेंटर सखी सेंटर का जायजा रात को लिया तो वहां पर दो गार्ड जिसमें एक की ड्यूटी गेट पर और दूसरे की ड्यूटी सखी सेंटर के नीचे ,उसके साथ साथ एक महिला जो सखी सेंटर में आने वाली महिलाओं के साथ ड्यूटी देती है, आश्चर्य की बात तो यह है इसको लेकर पूरी एक कमेटी का गठन हुआ है जिसमें पूरे प्रशासन की टीम मौजूद है लेकिन वह सिर्फ कागजों पर, लेकिन सुरक्षा की दृष्टि से वहां पर आपको कोई दिखाई नहीं देगा ,आपको बता दें कि 10 दिन पहले ही हरि महिला विकास समित रिसालु रोड से से दो नाबालिक लड़कियां दरवाजे की जालियां तोड़कर फरार हो गई ,कई जगह तलाश करने के बाद दोनों नाबालिक लड़कियों का अब तक पता भी नहीं चला ,पुलिस भी इसकी जांच में लगी हुई है। आखिर इन वन स्टॉप सेंटर यानि सखी सैंटरो को प्रशासन ने भगवान भरोसे छोड़ दिया ,कोई सुरक्षा नहीं ,कोई रोकने टोकने वाला नहीं, सिर्फ भगवान भरोसे यह सेंटर चल रहा है ,खुदा ना खसता अगर यहां पर कोई बड़ी घटना घट जाती है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा ,हालात यह प्रश्न खड़ा कर रहा है कि पानीपत में इतनी बड़ी घटना होने के बाद भी आखिर इनकी सुरक्षा की तरफ क्यों नहीं ध्यान दिया गया। क्या प्रशासन किसी अनहोनी के इंतजार में है आखिरी इस चूक का जिम्मेदार कौन है

Conclusion:बाइट -- सविता आर्य , सखी समिति सदस्य

बाइट - राजेंद्र ,चोकीदार
बाइट -- सुरेंद्र , केयरटेकर

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