पानीपत में सोनीपत जैसे शराब घोटाले का अंदेशा, गोदाम से गायब मिली 4500 पेटी शराब, पुलिसकर्मी समेत 6 गिरफ्तार - हरियाणा लॉकडाउन शराब चोरी मामला
खरखौदा शराब गोदाम के जैसे ही समालखा के एलवन गोदाम से भी भारी मात्रा में शराब की पेटियां गायब मिली हैं, इस मामले में पुलिस ने गोदाम के ही हिस्सेदार को गिरफ्तार किया है.
पानीपत: सोनीपत के खरखौदा में हुए शराब घोटाले का मामला अभी थमा भी नहीं था कि पानीपत में भी ऐसा ही घोटाला होने का अंदेशा जताया जा रहा है. सोनीपत घोटाले के बाद सारे शराब तस्करी के मामलों की जड़ों खोदी जा रही हैं. इसी कड़ी में पानीपत सीआईए की टीम ने समालखा के एक शराब गोदाम से करीब 4500 पेटी शराब गायब होने का मामला उजागर किया है. इस मामले में एक पुलिसकर्मी समेत पांच लोग गिरफ्तार किए गए हैं.
दरअसल पानीपत के जिस गोदाम से शराब चोरी हुई है वो 2016 में ही सील हो चुका है. इसी सील गोदाम से भी भारी मात्रा में शराब की तस्करी होती रही. इसके तार सोनीपत घोटाले और पुलिस से भी जुड़े हो सकते हैं.
समालखा में भी खरखौदा की तरह ही L1 गोदाम पुलिस ने सील किया हुआ था. इस गोदाम में साल 2016 से भारी मात्रा में शराब रखी गई थी, लेकिन इस गोदाम से लगातार शराब चोरी की वारदातें होती रही. वारदात होने के बाद पुलिस को शिकायतें भी की गईं. मामले में दिखाने के नाम पर कार्रवाई भी हुई, लेकिन चोरी का सिलसिला जारी रहा और गोदाम की सुरक्षा व्यवस्था नहीं की गई.
लॉकडाउन के दौरान जब पूरे प्रदेश में सभी ठेके बंद थे, तब हरियाणा के कई जिलों में शराब की तस्करी की जा रही थी. इसी दौरान सोनीपत खरखौदा की तरह समालखा के इस गोदाम से भी भारी मात्रा में शराब की पेटियां निकाली गई और ऊंचे दामों पर बेची गई. पुलिस के मुताबिक यहां से 4500 पेटियां चोरी हुई हैं, लेकिन अंदेशा है कि इस गोदाम से सोनीपत के खरखौदा गोदाम से भी बड़े स्तर पर शराब की पेटियां निकाली गई हैं.
इस कार्रवाई में पुलिस ने शराब चोरों की पूरी गैंग का पर्दाफाश किया है. पुलिस ने गिरोह के सरगना ईश्वर के साथ एक पुलिस का जवान और बाकी 4 गुर्गों को पकड़ने में कामयाबी हासिल की है. पुलिस ने इन 6 आरोपियों की पहचान रजनीश निवासी कथूरा गांव, सुधीर निवासी जागसी गांव, सोमबीर निवासी कुतबपुर गांव, जिला सोनीपत, दीपक उर्फ टाचवा निवासी मांडौठी गांव, जिला झज्जर और सिपाही अजमेर निवासी धामड़ गांव, जिला रोहतक के रूप में की है.
पुलिस की तरफ से की गई शुरुआती पूछताछ में ये बात सामने आई है कि इन चोरों ने लॉकडाउन से अब तक सील किए हुए गोदाम से 4500 पेटियां निकाली और उन्हें मंहगे दामों पर बेच दी.
कैसे हुआ चोरी का खुलासा?
एक्साइज विभाग के एईटीओ राजेश रोहिल्ला के मुताबिक 28 अप्रैल को जांच के लिए वो अपनी टीम के साथ समालखा के L1 गोदाम पहुंचे थे. जहां उन्हें गोदाम का शटर टूटा हुआ मिला था. जिससे उन्हें गोदाम से शराब चोरी होने का पता चला. इस बारे में ईटीओ राजेश ने समालखा पुलिस थाने में शराब चोरी के बारे में केस भी दर्ज करवाया था.
साल 2018 में भी हुई थी शराब चोरी
आपको बता दें कि समालखा के इस L1 गोदाम से साल 2018 में भी चोरी हुई थी. हैरानी की बात ये है कि इस बार फिर शराब चोरी में वो आरोपी भी शामिल हैं जो पिछले मामले में जेल से छूटा था.
जिसका गोदाम है उसी ने की चोरी?
जानकारी के मुताबिक साल 2016 में आरोपी ईश्वर समालखा के इसी L-1 गोदाम में हिस्सेदार था, लेकिन गैर कानूनी तरीके से कुछ पेटियां गायब होने पर इस गोदाम का लाइसेंस रद्द कर दिया था और गोदाम सील कर दिया था. अब लॉकडाउन में शराब के दाम बढ़ने के बाद एक बार फिर इस गोदाम में चोरी हुई. और चोरी के मामले में गोदाम का मालिक ईश्वर भी गिरफ्तार किया गया है.
सोनीपत घोटाले से जुड़े हैं तार?
सोनीपत के खरखौदा शराब घोटाले के आरोप में सस्पेंड किए गए एसअचओ जसबीर सिंह खरखौदा में भी तैनात रह चुके हैं. लेकिन मार्च में जसबीर का तबादल खरखौदा हो गया. जहां से करीब 5500 पेटी शराब गायब होने के मामले में उन्हें सस्पेंड किया गया है.
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