पानीपत: कहा जाता है कि शौक बड़ी चीज है. इसका उदाहरण हरियाणा के पानीपत जिले में देखने मिला. पानीपत के इसराना खंड के रहने वाले रमेश कुमार तीन पीढ़ियों की निशानी को संभाल कर रखे हुए हैं. ये निशानी है इसराना की हवेली. रमेश सिंह ने बताया कि जिस घर में वो रह रहे हैं वो हवेली करीब 100 साल पुरानी है. रमेश के मुताबिक उनके पिता रती राम किसान यूनियन के प्रधान थे.
उनके दादाजी ने इस हवेली का निर्माण करवाया था. जब इस हवेली की कंडीशन खराब होने लगी, तो उन्होंने इस हवेली को मॉडर्न लुक देने के लिए इसे मॉडिफाई करवाया. पुराने सामान की जगह इस प्रकार का नया सामान बनाया, जो उसे समय लगा हुआ था. समान को बदलवाने के लिए काफी ज्यादा खर्च आया. पुराने समय में बाथरूम के भीतर लगे नल, इस समय इंडिया में नहीं मिल रहे थे.
उन्हें दूसरे देशों से बाथरूम का सामान मंगवाया. रमेश ने बताया कि उन्होंने ऑस्ट्रेलिया और थाईलैंड से इस हवेली को मॉडिफाई करवाने के लिए सामान मंगवाया है. रमेश सिंह का कहना है कि वो इस हवेली को इसलिए संभाल कर रखे हुए हैं ताकि आने वाली पीढ़ी को वो दिखा सके कि पुराने समय में उनके दादा-परदादा किस प्रकार का जीवन यापन करते थे. इस हवेली को देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं.
इस हवेली को देखने के बाद उनके मुंह से यही निकलता है. वाह क्या बात है. रमेश ने बताया कि उन्होंने काफी हद तक इस हवेली को मॉर्डन लुक दिया है. हवेली में इलेक्ट्रॉनिक का सामान भी ऑस्ट्रेलिया से मंगवाया गया है. बाहर से पुरानी दिखने वाली ये हवेली अंदर से आधुनिक सुख सुविधाओं से लैस है.
हवेली के भीतर एसी और गीजर लगे हुए हैं. रमेश सिंह का मकसद यही है कि वो आने वाली पीढ़ी को ये दिखा सके कि पुराने समय के घर किस प्रकार के होते थे. रमेश कुमार ने अपनी 10 पीढ़ियों का बोर्ड भी अपने घर के बाहर लगाया है. किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाले रमेश कुमार फिलहाल एक बड़े बिजनेसमैन भी हैं और एक किसान भी साथ ही उनके परिवार के सदस्य विदेश में भी अपना कार्य कर रहे हैं.