पंचकूला: बीते दिनों गुजरात के सूरत में कोचिंग सेंटर में आग लग गई थी. जिसमें 20 से ज्यादा छात्रों की मौत हुई थी. हादसे की असली वजह कोचिंग सेंटर में फायर सिस्टम का ना होना पाया गया. हादसे के बाद से सूबे के सभी कोचिंग सेंटरों में फायर सिस्टम है या नहीं इसकी जांच जारी है. इसी के तहत पंचकूला में भी कोचिंग सेंटर्स की जांच की गई.
ऐसे हादसे से निपटने के लिए पंचकूला दमकल विभाग कितना सक्षम है? इस बारे में जब दमकल विभाग के फायर ऑफिसर एसएस मलिक से बात की गई, तो उन्होंने कहा कि पंचकूला दमकल विभाग इस प्रकार की स्तिथ से निपटने के लिए सक्षम है. उन्होंने बताया कि पंचकूला दमकल विभाग में कुल 14 फायर टेंडर हैं और विभाग में कुल 52 कर्मचारी हैं. जोकि पंचकूला, कालका, बरवाला, पिंजौर में काम कर रहे हैं.
फायर ऑफिसर ने बताया कि पंचकूला से बरवाला और कालका दूर हैं. इसलिए वहां फायर टेंडर पहले ही दे रखे हैं. यदि वहां मौजूद फायर टेंडर से स्तिथि काबू नहीं हो पाती तो पंचकूला से दमकल विभाग का फायर टेंडर उस जगह के लिए रवाना हो जाता है.
फायर ऑफिसर एसएस मलिक ने बताया कि पंचकूला दमकल विभाग में एक फायर ऑपरेटर कक्ष बनाया गया है. जहां सूचना मिलती है और सूचना मिलते ही 1 मिनट के अंदर फायर टेंडर दमकल विभाग से मौके के लिए रवाना हो जाता है.
उन्होंने बताया कि पिछले 2 सालों में पंचकूला में ज्यादा बड़े हादसे नहीं हुए, लेकिन दीवाली पर एक बड़ा हादसा हुआ था. इस हादसे में करीब 5 लोगों की जान चली गई थी और माल का भी काफी नुकसान हुआ था.
फायर ऑफिसर एसएस मलिक ने बताया कि सूरत में कोचिंग इंस्टिट्यूट में आग लगने के हादसे के बाद पंचकूला के कोचिंग सेंटर्स की जांच की गई. इस जांच में पता चला कि कुल 52 ऐसे कोचिंग इंस्टीट्यूट हैं. जहां फायर सेफ्टी इक्विपमेंट्स नहीं है. जिसके चलते इन सभी इंस्टीट्यूट को 5 दिनों का नोटिस दे दिया गया है.
उन्होंने बताया कि नोटिस मिलने के बाद कुछ कोचिंग सेंटर्स ने फायर सेफ्टी को लेकर काम शुरू कर दिया है और कुछ आने वाले दिनों में करवाएंगे. मलिक ने बताया कि नोटिस मिलने के बाद भी अगर सभी कोचिंग सेंटर्स आदेशों को अमल में नहीं लाएंगे तो उन्हें एक और नोटिस दिया जाएगा. जिसके बाद उन कोचिंग सेंटर्स को सील कर दिया जाएगा या फिर कोर्ट के आदेशों के मुताबिक कार्रवाई होगी.
कोचिंग इंस्टीट्यूट में फायर सेफ्टी को लेकर जब उपायुक्त बलकार सिंह से बात की गई. उन्होंने बताया कि फायर सेफ्टी के लिए सभी बिल्डिंग्स चाहे वो कोचिंग सेंटर्स हो, चाहे या अन्य सरकारी, प्राइवेट बिल्डिंग हो, जो म्युनिसिपल कॉरपोरेशन में आती है. उन्हें बोला गया है कि फायर सेफ्टी प्रोविजन के तहत सावधानी बरतें.
उन्होंने कहा कि सभी सेफ्टी को लेकर जिम्मेदार है और सभी कोचिंग सेंटर्स आदेशों की पालना करेंगे. उपायुक्त ने बताया कि खेतों में आग लगाने के 25 मामले सामने आए हैं और ऐसा करने वालों से जुर्माना लिए गया है और जो जुर्माना नहीं देगा. उनका चालान किया जाएगा.