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कोरोना वायरस ने पंचकूला में किस तरह पसारे अपने पैर ? पढ़ें पूरी खबर

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Published : May 9, 2020, 10:28 PM IST

पंचकूला में अभी कोरोना वायरस के 3 एक्टिव केस हैं. पंचकूला में कोरोना वायरस का पहला मामला 21 मार्च को सामने आया था. इस खबर में पढ़ें कि पंचकूला में कोरोना वायरस ने कैसे पैर पसारे.

panchkula district coronavirus update
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पंचकूला: हरियाणा के पंचकूला जिले में कोरोना वायरस ने अपने पैर फिर से जमा लिए हैं. पंचकूला में कोरोना वायरस का पहला मामला 21 मार्च को सामने आया था. दरअसल, पंचकूला की खड़कमंगोली गांव की रहने वाली करीब 40 साल की महिला चंडीगढ़ के सैक्टर-21 में एक युवती की मसाज करने गई थी और वो युवती विदेश से लौटी थी.

कुछ दिनों बाद चंडीगढ़ की उस युवती में कोरोना पॉजिटिव की पुष्टि हुई और फिर कोरोना वायरस होने के शक के घेरे में खड़कमंगोली कि वो महिला भी आ गई, जिसका टेस्ट पंचकूला स्वास्थ्य विभाग ने लिया और उस टेस्ट की रिपोर्ट 21 मार्च को आई जो कि पॉजिटिव थी.

खड़क मंगोली की रहने वाली इस महिला की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद पंचकूला प्रशासन में हड़कंप मच गया था, जिसके बाद पूरे खड़क मंगोली गांव को सील कर दिया गया था और महिला के परिवार वालों का भी टेस्ट लिया गया और उन्हें क्वारंटाइन कर लिया गया.

वहीं पंचकूला में पहला कोरोना पॉजिटिव मामला पाए जाने के बाद दूसरी कोरोना वायरस की मरीज भी एक महिला ही निकली और वो महिला सैक्टर-6 नागरिक अस्पताल की स्टाफ नर्स थी. ये वही नर्स है जो खड़क मंगोली महिला का आइसोलेशन में इलाज कर रही थी और खड़क मंगोली की रहने वाली उस महिला से नर्स को भी कोरोना वायरस हुआ था और इस नर्स की रिपोर्ट करीब 28 मार्च को पॉजिटिव पाई गई थी.

इसके बाद पंचकूला में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या में एकदम बढ़ोतरी हुई और फिर 9 अप्रैल को एक जमाती में कोरोना पॉजिटिव पाया गया था, जिसे स्वास्थ्य विभाग ने नाडा साहिब गुरुद्वारे में कवारंटाइन किया था. ये जमाती पिंजौर के गांव खुदा बख्श का रहने वाला था और उस दौरान राजस्थान के सीकर में जमात में से होकर आया था.

पंचकूला में कोरोना के मरीजों की संख्या यहीं नहीं थमी और 10 अप्रैल को 2 और जमातियों में कोरोना पॉजिटिव पाया गया और ये दोनों भी नाडा साहिब गुरुद्वारे में क्वारंटाइन किए गए थे, क्योंकि ये दोनों भी राजस्थान के सीकर से जमात में होकर आए थे. इन दोनों जातियों में कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद पंचकूला में मानो कोरोना के मरीजों की एकदम झड़ी लग गई, क्योंकि 14 अप्रैल को सैक्टर-15 निवासी दो लोगों में कोरोना पोजिटिव पाया गया था.

इतने मामले सामने आने के बाद प्रशासन ने पंचकूला को रेड जोन घोषित कर दिया था. 16 अप्रैल के बाद 17 अप्रैल को एक और जमाती की रिपोर्ट आई जो कि नेगेटिव थी और ये जमाती भी राजस्थान के सीकर से जमात में होकर आया था. वहीं 17 अप्रैल को एक और कोरोना बम फटा जिसमें दो और जमातियों में कोरोना पॉजिटिव पाया गया और ये तीनों जमाती भी राजस्थान के सीकर में जमात से होकर आए थे.

वहीं अस्पताल से कोरोना के मरीजों की छुट्टी किए जाने का सिलसिला यहीं नहीं रुका और 29 अप्रैल को महाजन परिवार के 7 लोगों को डिस्चार्ज कर दिया गया जो कि मुलाना अस्पताल में उपचारधीन थे. इसके बाद 30 अप्रैल को सोनिया महाजन और उनके पति अजय महाजन को भी डिस्चार्ज कर दिया गया और फिर 30 अप्रैल की देर शाम 3 और जमातियों की रिपोर्ट नेगेटिव आई और उन्हें भी अस्पताल से छुट्टी दे दी गई.

बता दें कि 20 अप्रैल को कोरोना पॉजिटिव का आखिरी मरीज आने के बाद ऐसा प्रतीत हो रहा था कि मानो पंचकूला में अब कोरोना वायरस का खतरा कम हो गया है, लेकिन 18 दोनों बाद फिर 8 मई को पंचकूला में एक और कोरोना बम फटा. 8 मई को पाया गया कोरोना का मरीज 20 वर्षीय युवक था जो कि राजीव कॉलोनी का निवासी था और दूध बेचने का काम करता था. जिसके परिवार के सदस्यों को स्वास्थ्य विभाग ने कवारंटाइन किया है.

8 मई के बाद पंचकूला में 9 मई को एक और कोरोना बम फटा, जिसका विस्फोट अपने आप में बढ़ा बताया जा रहा है, क्योंकि पंचकूला सैक्टर-5 पुलिस स्टेशन में खाना बनाने वाली एक महिला में कोरोना पॉजिटिव पाया गया. बता दें कि ये महिला ग्रुप डी में भर्ती हुई थी और सैक्टर-5 पुलिस स्टेशन में खाना बनाया करती थी और रात को पंचकूला के महिला थाने में महिला पुलिसकर्मियों के साथ सोया करती थी.

गौरतलब है कि 14 अप्रैल से पहले पंचकूला ऑरेंज जॉन में आया. 17 अप्रैल को पंचकूला आया रेड जॉन में. 1 मई को पंचकूला रेड जॉन से आया बाहर. आज के समय में पंचकूला में कुल 3 एक्टिव केस हैं.

पंचकूला: हरियाणा के पंचकूला जिले में कोरोना वायरस ने अपने पैर फिर से जमा लिए हैं. पंचकूला में कोरोना वायरस का पहला मामला 21 मार्च को सामने आया था. दरअसल, पंचकूला की खड़कमंगोली गांव की रहने वाली करीब 40 साल की महिला चंडीगढ़ के सैक्टर-21 में एक युवती की मसाज करने गई थी और वो युवती विदेश से लौटी थी.

कुछ दिनों बाद चंडीगढ़ की उस युवती में कोरोना पॉजिटिव की पुष्टि हुई और फिर कोरोना वायरस होने के शक के घेरे में खड़कमंगोली कि वो महिला भी आ गई, जिसका टेस्ट पंचकूला स्वास्थ्य विभाग ने लिया और उस टेस्ट की रिपोर्ट 21 मार्च को आई जो कि पॉजिटिव थी.

खड़क मंगोली की रहने वाली इस महिला की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद पंचकूला प्रशासन में हड़कंप मच गया था, जिसके बाद पूरे खड़क मंगोली गांव को सील कर दिया गया था और महिला के परिवार वालों का भी टेस्ट लिया गया और उन्हें क्वारंटाइन कर लिया गया.

वहीं पंचकूला में पहला कोरोना पॉजिटिव मामला पाए जाने के बाद दूसरी कोरोना वायरस की मरीज भी एक महिला ही निकली और वो महिला सैक्टर-6 नागरिक अस्पताल की स्टाफ नर्स थी. ये वही नर्स है जो खड़क मंगोली महिला का आइसोलेशन में इलाज कर रही थी और खड़क मंगोली की रहने वाली उस महिला से नर्स को भी कोरोना वायरस हुआ था और इस नर्स की रिपोर्ट करीब 28 मार्च को पॉजिटिव पाई गई थी.

इसके बाद पंचकूला में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या में एकदम बढ़ोतरी हुई और फिर 9 अप्रैल को एक जमाती में कोरोना पॉजिटिव पाया गया था, जिसे स्वास्थ्य विभाग ने नाडा साहिब गुरुद्वारे में कवारंटाइन किया था. ये जमाती पिंजौर के गांव खुदा बख्श का रहने वाला था और उस दौरान राजस्थान के सीकर में जमात में से होकर आया था.

पंचकूला में कोरोना के मरीजों की संख्या यहीं नहीं थमी और 10 अप्रैल को 2 और जमातियों में कोरोना पॉजिटिव पाया गया और ये दोनों भी नाडा साहिब गुरुद्वारे में क्वारंटाइन किए गए थे, क्योंकि ये दोनों भी राजस्थान के सीकर से जमात में होकर आए थे. इन दोनों जातियों में कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद पंचकूला में मानो कोरोना के मरीजों की एकदम झड़ी लग गई, क्योंकि 14 अप्रैल को सैक्टर-15 निवासी दो लोगों में कोरोना पोजिटिव पाया गया था.

इतने मामले सामने आने के बाद प्रशासन ने पंचकूला को रेड जोन घोषित कर दिया था. 16 अप्रैल के बाद 17 अप्रैल को एक और जमाती की रिपोर्ट आई जो कि नेगेटिव थी और ये जमाती भी राजस्थान के सीकर से जमात में होकर आया था. वहीं 17 अप्रैल को एक और कोरोना बम फटा जिसमें दो और जमातियों में कोरोना पॉजिटिव पाया गया और ये तीनों जमाती भी राजस्थान के सीकर में जमात से होकर आए थे.

वहीं अस्पताल से कोरोना के मरीजों की छुट्टी किए जाने का सिलसिला यहीं नहीं रुका और 29 अप्रैल को महाजन परिवार के 7 लोगों को डिस्चार्ज कर दिया गया जो कि मुलाना अस्पताल में उपचारधीन थे. इसके बाद 30 अप्रैल को सोनिया महाजन और उनके पति अजय महाजन को भी डिस्चार्ज कर दिया गया और फिर 30 अप्रैल की देर शाम 3 और जमातियों की रिपोर्ट नेगेटिव आई और उन्हें भी अस्पताल से छुट्टी दे दी गई.

बता दें कि 20 अप्रैल को कोरोना पॉजिटिव का आखिरी मरीज आने के बाद ऐसा प्रतीत हो रहा था कि मानो पंचकूला में अब कोरोना वायरस का खतरा कम हो गया है, लेकिन 18 दोनों बाद फिर 8 मई को पंचकूला में एक और कोरोना बम फटा. 8 मई को पाया गया कोरोना का मरीज 20 वर्षीय युवक था जो कि राजीव कॉलोनी का निवासी था और दूध बेचने का काम करता था. जिसके परिवार के सदस्यों को स्वास्थ्य विभाग ने कवारंटाइन किया है.

8 मई के बाद पंचकूला में 9 मई को एक और कोरोना बम फटा, जिसका विस्फोट अपने आप में बढ़ा बताया जा रहा है, क्योंकि पंचकूला सैक्टर-5 पुलिस स्टेशन में खाना बनाने वाली एक महिला में कोरोना पॉजिटिव पाया गया. बता दें कि ये महिला ग्रुप डी में भर्ती हुई थी और सैक्टर-5 पुलिस स्टेशन में खाना बनाया करती थी और रात को पंचकूला के महिला थाने में महिला पुलिसकर्मियों के साथ सोया करती थी.

गौरतलब है कि 14 अप्रैल से पहले पंचकूला ऑरेंज जॉन में आया. 17 अप्रैल को पंचकूला आया रेड जॉन में. 1 मई को पंचकूला रेड जॉन से आया बाहर. आज के समय में पंचकूला में कुल 3 एक्टिव केस हैं.

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