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कोरोना को हराकर घर लौटी नर्स कविता बोलीं- जागरूकता ही आपको बचा सकती है - panchkula covid 19 case

ईटीवी भारत हरियाणा की टीम ने कोरोना को मात देने वाली नर्स कविता से खास बात की. इस बातचीत में उन्होंने बताया कि कैसे उन्होंने कोरोना वायरस से जंग लड़ी और एक अन्य महिला जो कि कोरोना पॉजिटिव थी, उसका ख्याल रखा. विस्तार से पढ़ें पूरी खबर...

corona positive nurse kavita got healed in panchkula
corona positive nurse kavita got healed in panchkula
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Published : Apr 19, 2020, 4:28 PM IST

पंचकूला: कोविड-19 का कहर हरियाणा प्रदेश में जारी है. हरियाणा में एक के बाद एक पॉजिटिव मामले सामने आ रहे हैं. वहीं कई लोग कोरोना को मात दे रहे हैं. ऐसी ही एक शख्सियत की कहानी ईटीवी भारत आपको बताने जा रहा है. हम बात कर रहे हैं पंचकूला नागरिक अस्पताल की स्टाफ नर्स कविता की, जो कि कोरोना पीड़ित महिला का इलाज कर रही थी और इसी दौरान खुद भी कोरोना की चपेट में भी आ गई और फिर उन्होंने कोरोना बीमारी को मात दी.

पंचकूला नागरिक अस्पताल की स्टाफ नर्स कविता ने बताया कि 20 मार्च को उनकी आइसोलेशन में नाइट ड्यूटी थी और उनके पास एक कोरोना की सस्पेक्टेड पेशेंट थी. उस दिन उनकी ड्यूटी शाम 7 बजे शुरू हो गई थी. कविता ने बताया कि उन्होंने अपनी पीपीई किट डाली और फिर वो आइसोलेशन वार्ड में चली गई, जहां उन्होंने कोरोना संदिग्ध मरीज की मेडिसिन की और फिर कागजी कार्रवाई में लग गई.

कविता ने बढ़ाया कोरोना संक्रमित महिला का हौसला

उन्होंने बताया कि कोरोना संदिग्ध मरीज की देर रात को रिपोर्ट आई जो कि पॉजिटिव थी, जिसके बाद उन्होंने पेशेंट को समझाया कि डरने की कोई बात नहीं है. कविता ने बताया कि आइसोलेशन वार्ड में किसी को भी जाने की इजाजत नहीं होती, तो उन्होंने मरीज के घर फोन किया और स्पीकर ऑन करके मरीज की बात घरवालों से करवाई.

कविता ने बताया कि 21 मार्च की सुबह वो अपनी ड्यूटी खत्म करके डॉक्टर से मिली और डॉक्टर को कोरोना पॉजिटिव पेशेंट के बारे में पूरी बात बताई. जिसके बाद डॉक्टर ने कविता को भी 14 दिनों के लिए कवारंटीन कर दिया.

कविता ने करवाया कोविड-19 टेस्ट

कविता ने बताया कि वो घर पर 14 दिनों के लिए आइसोलेट हो गई और खुद को बच्चों से और परिवार से दूर रखा. कविता ने बताया कि उसे कोरोना वायरस के सिम्टम्स भी नहीं थे. लेकिन इस दौरान उनके दिमाग में ये बात जरूर थी कि उन्हें कोरोना के सिम्टम्स तो नहीं है, लेकिन फिर भी अगर हुए तो कोरोना वायरस परिवार के दूसरे सदस्यों को भी हो सकता है. जिसके चलते उन्होंने सैंपल देने का निर्णय लिया.

कोरोना वायरस को मात देने वाली स्टाफ नर्स कविता ने बताया कि जब रिपोर्ट आई तो वो रिपोर्ट पॉजिटिव थी, जिस पर उन्हें विश्वास ही नहीं हुआ. कविता ने बताया की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद को करीब दो-तीन घंटे रोती रही और रोते समय उसे खुद का ख्याल नहीं आया, बल्कि केवल अपनी फैमिली का ही ख्याल आया.

इसी बीच कविता ने सोचा कि उसे हौसला बनाए रखना है और कोरोना को हराना है. कविता ने बताया कि उन्हें कोरोना बीमारी होने पर उनकी फैमिली का पूरा सपोर्ट था और यहां तक कि उनकी एक दोस्त रीना जो कि स्टाफ मेंबर्स में से थी उसने भी उसे सपोर्ट दिया.

कविता ने बताया कि वो 15 दिन आइसोलेशन में रही और उस वक़्त को उन्होंने दुखी होकर नहीं गुजारा. बल्कि टाइम को अच्छे से यूटिलाइज किया. कविता ने बताया कि 15 दिन आइसोलेशन में रहते हुए उन्होंने एक्सरसाइज की और गाने सुने.

कविता की दूसरी रिपोर्ट आई नेगेटिव

कविता ने बताया कि उन्हें याद है कि जब उनकी दूसरी रिपोर्ट आनी थी तो रिपोर्ट आने से पहले डॉक्टर ने उन्हें बोला था कि सिस्टर जी अगर रिपोर्ट पॉजिटिव आई तो अभी और रुकना पड़ेगा. इस पर उन्होंने डॉक्टर को जवाब दिया था कि सर ऐसा नहीं होगा, क्योंकि उन्हें यकीन है कि रिपोर्ट नेगेटिव ही आएगी.

कविता ने बताया कि रिपोर्ट नेगेटिव आई, जिसके बाद उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिल गई. डॉक्टर्स ने उन्हें सम्मान देते हुए अस्पताल से विदा किया. कविता ने बताया कि छुट्टी मिलने पर भी डॉक्टर्स ने उन्हें न्यूट्रिश्यिस फूड खाने की ही सलाह दी और कुछ दिन और होम कवारंटीन रहने को कहा.

'कोरोना हारेगा, देश जीतेगा'

कविता ने कहा कि समाज को सरकार द्वारा जारी की गई गाइडलाइंस को फॉलो करना चाहिए, क्योंकि कोरोना किसी को भी हो सकता है. उन्होंने देश व प्रदेश वासियों से कहा कि सभी लोग घर पर रहें, सुरक्षित रहें और जो लोग आपकी भलाई के लिए घर पर नहीं रह सकते, उनका सम्मान करें. आखिर में कविता ने कहा कि कोरोना हारेगा और देश जीतेगा.

पंचकूला: कोविड-19 का कहर हरियाणा प्रदेश में जारी है. हरियाणा में एक के बाद एक पॉजिटिव मामले सामने आ रहे हैं. वहीं कई लोग कोरोना को मात दे रहे हैं. ऐसी ही एक शख्सियत की कहानी ईटीवी भारत आपको बताने जा रहा है. हम बात कर रहे हैं पंचकूला नागरिक अस्पताल की स्टाफ नर्स कविता की, जो कि कोरोना पीड़ित महिला का इलाज कर रही थी और इसी दौरान खुद भी कोरोना की चपेट में भी आ गई और फिर उन्होंने कोरोना बीमारी को मात दी.

पंचकूला नागरिक अस्पताल की स्टाफ नर्स कविता ने बताया कि 20 मार्च को उनकी आइसोलेशन में नाइट ड्यूटी थी और उनके पास एक कोरोना की सस्पेक्टेड पेशेंट थी. उस दिन उनकी ड्यूटी शाम 7 बजे शुरू हो गई थी. कविता ने बताया कि उन्होंने अपनी पीपीई किट डाली और फिर वो आइसोलेशन वार्ड में चली गई, जहां उन्होंने कोरोना संदिग्ध मरीज की मेडिसिन की और फिर कागजी कार्रवाई में लग गई.

कविता ने बढ़ाया कोरोना संक्रमित महिला का हौसला

उन्होंने बताया कि कोरोना संदिग्ध मरीज की देर रात को रिपोर्ट आई जो कि पॉजिटिव थी, जिसके बाद उन्होंने पेशेंट को समझाया कि डरने की कोई बात नहीं है. कविता ने बताया कि आइसोलेशन वार्ड में किसी को भी जाने की इजाजत नहीं होती, तो उन्होंने मरीज के घर फोन किया और स्पीकर ऑन करके मरीज की बात घरवालों से करवाई.

कविता ने बताया कि 21 मार्च की सुबह वो अपनी ड्यूटी खत्म करके डॉक्टर से मिली और डॉक्टर को कोरोना पॉजिटिव पेशेंट के बारे में पूरी बात बताई. जिसके बाद डॉक्टर ने कविता को भी 14 दिनों के लिए कवारंटीन कर दिया.

कविता ने करवाया कोविड-19 टेस्ट

कविता ने बताया कि वो घर पर 14 दिनों के लिए आइसोलेट हो गई और खुद को बच्चों से और परिवार से दूर रखा. कविता ने बताया कि उसे कोरोना वायरस के सिम्टम्स भी नहीं थे. लेकिन इस दौरान उनके दिमाग में ये बात जरूर थी कि उन्हें कोरोना के सिम्टम्स तो नहीं है, लेकिन फिर भी अगर हुए तो कोरोना वायरस परिवार के दूसरे सदस्यों को भी हो सकता है. जिसके चलते उन्होंने सैंपल देने का निर्णय लिया.

कोरोना वायरस को मात देने वाली स्टाफ नर्स कविता ने बताया कि जब रिपोर्ट आई तो वो रिपोर्ट पॉजिटिव थी, जिस पर उन्हें विश्वास ही नहीं हुआ. कविता ने बताया की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद को करीब दो-तीन घंटे रोती रही और रोते समय उसे खुद का ख्याल नहीं आया, बल्कि केवल अपनी फैमिली का ही ख्याल आया.

इसी बीच कविता ने सोचा कि उसे हौसला बनाए रखना है और कोरोना को हराना है. कविता ने बताया कि उन्हें कोरोना बीमारी होने पर उनकी फैमिली का पूरा सपोर्ट था और यहां तक कि उनकी एक दोस्त रीना जो कि स्टाफ मेंबर्स में से थी उसने भी उसे सपोर्ट दिया.

कविता ने बताया कि वो 15 दिन आइसोलेशन में रही और उस वक़्त को उन्होंने दुखी होकर नहीं गुजारा. बल्कि टाइम को अच्छे से यूटिलाइज किया. कविता ने बताया कि 15 दिन आइसोलेशन में रहते हुए उन्होंने एक्सरसाइज की और गाने सुने.

कविता की दूसरी रिपोर्ट आई नेगेटिव

कविता ने बताया कि उन्हें याद है कि जब उनकी दूसरी रिपोर्ट आनी थी तो रिपोर्ट आने से पहले डॉक्टर ने उन्हें बोला था कि सिस्टर जी अगर रिपोर्ट पॉजिटिव आई तो अभी और रुकना पड़ेगा. इस पर उन्होंने डॉक्टर को जवाब दिया था कि सर ऐसा नहीं होगा, क्योंकि उन्हें यकीन है कि रिपोर्ट नेगेटिव ही आएगी.

कविता ने बताया कि रिपोर्ट नेगेटिव आई, जिसके बाद उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिल गई. डॉक्टर्स ने उन्हें सम्मान देते हुए अस्पताल से विदा किया. कविता ने बताया कि छुट्टी मिलने पर भी डॉक्टर्स ने उन्हें न्यूट्रिश्यिस फूड खाने की ही सलाह दी और कुछ दिन और होम कवारंटीन रहने को कहा.

'कोरोना हारेगा, देश जीतेगा'

कविता ने कहा कि समाज को सरकार द्वारा जारी की गई गाइडलाइंस को फॉलो करना चाहिए, क्योंकि कोरोना किसी को भी हो सकता है. उन्होंने देश व प्रदेश वासियों से कहा कि सभी लोग घर पर रहें, सुरक्षित रहें और जो लोग आपकी भलाई के लिए घर पर नहीं रह सकते, उनका सम्मान करें. आखिर में कविता ने कहा कि कोरोना हारेगा और देश जीतेगा.

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