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पंचकूला में रिटायर्ड फौजी की हत्या के मामले में आरोपी बरी - रिटायर्ड फौजी छोटू राम मर्डर रेवाड़ी

पंचकूला स्थित विशेष सीबीआई अदालत ने एक रिटायर्ड फौजी की हत्या के मामले में फैसला सुनाते हुए पांच पुलिसकर्मियों और 3 डॉक्टरों को बरी कर दिया है. कोर्ट ने इन सभी आरोपियों को सबूतों के अभाव में बरी किया है.

रिटायर्ड फौजी की हत्या के मामले में आरोपी बरी
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Published : Nov 2, 2019, 11:53 PM IST

पंचकूला:जिले के विशेष सीबीआई अदालत ने एक रिटायर्ड फौजी की हत्या के मामले में पांच पुलिसकर्मीयों और तीन डॉक्टरों को बरी कर दिया है. बताया जा रहा है कि आरोपियों के खिलाफ सबूत नहीं मिलने के कारण उन्हें बाइज्जत बरी किया गया है.

क्या था मामला ?
2009 में रेवाड़ी जिले में छोटू राम नामक रिटायर्ड फौजी के घर में नरेश नाम का एक आरोपी रहता था. जो की आपना नाम बदलकर विनोद नाम से फौजी के घऱ में रहता था. पुलिस नरेश उर्फ विनोद को गिरफ्तार करने के लिए ढूंढ रही थी. जब पुलिस को सूचना मिली कि नरेश, छोटू राम नाम के रिटायर्ड फौजी के घर में रह रहा है तो पुलिस ने विनोद के साथ-साथ छोटू राम को भी पूछताछ के लिए गिरफ्तार कर लिया. पूछताछ के दौरान पुलिस हिरासत में छोटू राम की मौत हो गई. छोटू राम की मौत पर पुलिस ने कहा था कि छोटू राम की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई है. छोटू राम के शव का पोस्टमार्टम भी करवाया गया था.

रिटायर्ड फौजी की हत्या के मामले में आरोपी बरी

इसे भी पढ़ें: कैप्टन अभिमन्यु के घर आगजनी मामले में हुई बहस, 21 सितम्बर को होगी अगली सुनवाई

पोस्टमार्टम में निकला था 'सर में चोट के कारण मौत'
लोकल अस्पताल से पोस्टमार्टम होने पर मृतक छोटूराम के परिजन संतुष्ट नहीं हुए. जिसके बाद उन्होंने छोटू राम का पोस्टमार्टम रोहतक के अस्पताल से करवाया. जहां पोस्टमार्टम में खुलासा हुआ कि छोटूराम की मौत सिर पर चोट लगने और मारपीट होने से हुई है. जिसके बाद छोटूराम के परिजनों ने कानूनी लड़ाई लड़ी और मामला हाईकोर्ट तक गया. जहां हाई कोर्ट के आदेशों के बाद ये मामला हरियाणा पुलिस से 2014 में सीबीआई को सौंप दिया गया था. जिसके बाद 14 फरवरी 2014 को सीबीआई ने मामले की चार्जशीट फाईल की.

अब साढ़े 5 सालों बाद सीबीआई कोर्ट ने इस मामले में अपना फैसला सुनाते हुए सभी आरोपियों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया.

पंचकूला:जिले के विशेष सीबीआई अदालत ने एक रिटायर्ड फौजी की हत्या के मामले में पांच पुलिसकर्मीयों और तीन डॉक्टरों को बरी कर दिया है. बताया जा रहा है कि आरोपियों के खिलाफ सबूत नहीं मिलने के कारण उन्हें बाइज्जत बरी किया गया है.

क्या था मामला ?
2009 में रेवाड़ी जिले में छोटू राम नामक रिटायर्ड फौजी के घर में नरेश नाम का एक आरोपी रहता था. जो की आपना नाम बदलकर विनोद नाम से फौजी के घऱ में रहता था. पुलिस नरेश उर्फ विनोद को गिरफ्तार करने के लिए ढूंढ रही थी. जब पुलिस को सूचना मिली कि नरेश, छोटू राम नाम के रिटायर्ड फौजी के घर में रह रहा है तो पुलिस ने विनोद के साथ-साथ छोटू राम को भी पूछताछ के लिए गिरफ्तार कर लिया. पूछताछ के दौरान पुलिस हिरासत में छोटू राम की मौत हो गई. छोटू राम की मौत पर पुलिस ने कहा था कि छोटू राम की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई है. छोटू राम के शव का पोस्टमार्टम भी करवाया गया था.

रिटायर्ड फौजी की हत्या के मामले में आरोपी बरी

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पोस्टमार्टम में निकला था 'सर में चोट के कारण मौत'
लोकल अस्पताल से पोस्टमार्टम होने पर मृतक छोटूराम के परिजन संतुष्ट नहीं हुए. जिसके बाद उन्होंने छोटू राम का पोस्टमार्टम रोहतक के अस्पताल से करवाया. जहां पोस्टमार्टम में खुलासा हुआ कि छोटूराम की मौत सिर पर चोट लगने और मारपीट होने से हुई है. जिसके बाद छोटूराम के परिजनों ने कानूनी लड़ाई लड़ी और मामला हाईकोर्ट तक गया. जहां हाई कोर्ट के आदेशों के बाद ये मामला हरियाणा पुलिस से 2014 में सीबीआई को सौंप दिया गया था. जिसके बाद 14 फरवरी 2014 को सीबीआई ने मामले की चार्जशीट फाईल की.

अब साढ़े 5 सालों बाद सीबीआई कोर्ट ने इस मामले में अपना फैसला सुनाते हुए सभी आरोपियों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया.

Intro:पंचकूला स्थित विशेष सीबीआई अदालत ने एक रिटायर्ड फौजी की हत्या के मामले में फैसला सुनाते हुए 5 पुलिसकर्मियों और 3 डॉक्टरों को बरी कर दिया। बताया जा रहा है कि कोर्ट ने सबूतों के अभाव में सभी आठ आरोपियों को बाइज्जत बरी किया है।


Body:आपको बता दें कि मामला रेवाड़ी का 2009 का है। दरअसल हुआ यूं था कि छोटू राम नामक रिटायर्ड फौजी के घर में नरेश नामक एक आरोपी रहता था जोकि अपना नाम बदल कर यानी विनोद नाम से फौजी के घर में रह रहा था। पुलिस, नरेश उर्फ विनोद को गिरफ्तार करने के लिए ढूंढ रही थी और जब पुलिस को इसकी सूचना मिली कि नरेश, छोटू राम नामक रिटायर्ड फौजी के घर में रह रहा था तो पुलिस ने छोटू राम नामक रिटायर्ड फौजी को पूछताछ के किये गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ के दौरान पुलिस हिरासत में छोटू राम की मौत हो गई थी। छोटू राम की मौत पर पुलिस ने कहा था कि छोटू राम की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई है जिसका पोस्टमार्टम भी करवाया गया।


Conclusion:लेकिन लोकल अस्पताल से पोस्टमार्टम होने पर मृतक छोटूराम के परिजन संतुष्ट नहीं दिखे। जिसके बाद उन्होंने छोटूराम का पोस्टमार्टम रोहतक के अस्पताल से करवाया और इस दौरान पोस्टमार्टम में खुलासा हुआ कि छोटूराम की मौत सिर पर चोट लगने और मारपीट होने से हुई है। जिस पर कड़ा विरोध करते हुए छोटूराम के परिजनों ने कानूनी लड़ाई लड़ी और फिर हाई कोर्ट के आदेशों के बाद ये मामला हरियाणा पुलिस से 2014 में सीबीआई को सौंप दिया गया था। जिसके बाद 14 फरवरी 2014 को सीबीआई ने मामले की चार्जशीट फ़ाइल की। वहीं अब करीब साढे 5 सालों बाद सीबीआई कोर्ट ने इस मामले में अपना फैसला सुनाते हुए सभी आरोपियों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया।

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