पंचकूला:जिले के विशेष सीबीआई अदालत ने एक रिटायर्ड फौजी की हत्या के मामले में पांच पुलिसकर्मीयों और तीन डॉक्टरों को बरी कर दिया है. बताया जा रहा है कि आरोपियों के खिलाफ सबूत नहीं मिलने के कारण उन्हें बाइज्जत बरी किया गया है.
क्या था मामला ?
2009 में रेवाड़ी जिले में छोटू राम नामक रिटायर्ड फौजी के घर में नरेश नाम का एक आरोपी रहता था. जो की आपना नाम बदलकर विनोद नाम से फौजी के घऱ में रहता था. पुलिस नरेश उर्फ विनोद को गिरफ्तार करने के लिए ढूंढ रही थी. जब पुलिस को सूचना मिली कि नरेश, छोटू राम नाम के रिटायर्ड फौजी के घर में रह रहा है तो पुलिस ने विनोद के साथ-साथ छोटू राम को भी पूछताछ के लिए गिरफ्तार कर लिया. पूछताछ के दौरान पुलिस हिरासत में छोटू राम की मौत हो गई. छोटू राम की मौत पर पुलिस ने कहा था कि छोटू राम की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई है. छोटू राम के शव का पोस्टमार्टम भी करवाया गया था.
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पोस्टमार्टम में निकला था 'सर में चोट के कारण मौत'
लोकल अस्पताल से पोस्टमार्टम होने पर मृतक छोटूराम के परिजन संतुष्ट नहीं हुए. जिसके बाद उन्होंने छोटू राम का पोस्टमार्टम रोहतक के अस्पताल से करवाया. जहां पोस्टमार्टम में खुलासा हुआ कि छोटूराम की मौत सिर पर चोट लगने और मारपीट होने से हुई है. जिसके बाद छोटूराम के परिजनों ने कानूनी लड़ाई लड़ी और मामला हाईकोर्ट तक गया. जहां हाई कोर्ट के आदेशों के बाद ये मामला हरियाणा पुलिस से 2014 में सीबीआई को सौंप दिया गया था. जिसके बाद 14 फरवरी 2014 को सीबीआई ने मामले की चार्जशीट फाईल की.
अब साढ़े 5 सालों बाद सीबीआई कोर्ट ने इस मामले में अपना फैसला सुनाते हुए सभी आरोपियों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया.