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पलवल में तपती गर्मी में सुलगते धूनों के बीच बैठे महंत, कोरोना के खिलाफ कर रहे तपस्या

पलवल के पहलादपुर गांव में एक अनूठा नजारा सामने आया. जहां मंदिर का महंत तपती गर्मी में जलते आग के धूनों के बीचों बीच बैठकर कोरोना महामारी के खिलाफ तपस्या कर रहा है.

saint worship for social welfare in pahladpur village palwal during coronavirus crisis
पलवल में तपती गर्मी में सुलगते धूनों के बीच बैठे महंत, जानें वजह
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Published : May 6, 2020, 9:58 AM IST

पलवलः पहलादपुर गांव में एक महंत तपती धूप में आग के धूनों के बीचों बीच बैठकर तपस्या कर रहा है. ये तपस्या यमुना किनारे स्थित प्राचीन शिव मंदिर पर महंत श्री श्री 108 श्री बालिक दास महाराज द्वारा की जा रही है. इस तपस्या के दौरान मंदिर के महाराज चारों तरफ अग्नि प्रज्वलित कर बीच में बैठकर तपस्या में लीन है. हालांकि इस दौरान मंदिर में सोशल डिस्टेंसिंग का भी पूरा ध्यान रखा जा रहा है.

41 दिन तक चलेगी तपस्या

महंत के शिष्य श्याम पंडित ने बताया कि इस तपस्या का शुभारंभ सोमवार 4 मई से किया गया. जो अगले 41 दिन तक चलेगी. इस तपस्या के दौरान बाबा बालिक दास महाराज इसी तरह हर दिन सुबह 11 बजे से दोपहर 2 बजे तक अग्नि के धूनों के बीचों बीच बैठकर तपस्या करेंगे. उन्होंने बताया कि महाराज की ये सातवीं अग्नि तपस्या है. इससे पहले महंत 6 अग्नि तपस्या गुरु गोरख नाथ मंदिर कटवारिया सराय नई दिल्ली में कर चुके हैं.

पलवल में तपती गर्मी में सुलगते धूनों के बीच बैठे महंत, जानें वजह

तपस्या का उद्देश्य

श्याम पंडित ने बताया कि इस तपस्या का उद्देश्य देश-प्रदेश में फैली बीमारियों के निदान और पर्यावरण स्वच्छता के साथ साथ आमजनमानस में सुख शांति और समृद्धि लाना है. उन्होंने बताया कि इस तपस्या के जरिए महाराज का मुख्य उद्देश्य देश में फैल रही कोरोना बीमारी को जड़ से खत्म करने का प्रयास है.

मंदिर में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन

एक तरफ जहां महंत तपस्या में विलीन है तो दूसरी तरफ मंदिर में मौजूद पंडितों द्वारा प्रांगण में लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का विशेष ध्यान रखा जा रहा है. श्याम पंडित ने बताया कि महाराज द्वारा ये निर्देश दिए गए हैं कि मंदिर में कोई भी सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन नहीं करेगा.

पलवलः पहलादपुर गांव में एक महंत तपती धूप में आग के धूनों के बीचों बीच बैठकर तपस्या कर रहा है. ये तपस्या यमुना किनारे स्थित प्राचीन शिव मंदिर पर महंत श्री श्री 108 श्री बालिक दास महाराज द्वारा की जा रही है. इस तपस्या के दौरान मंदिर के महाराज चारों तरफ अग्नि प्रज्वलित कर बीच में बैठकर तपस्या में लीन है. हालांकि इस दौरान मंदिर में सोशल डिस्टेंसिंग का भी पूरा ध्यान रखा जा रहा है.

41 दिन तक चलेगी तपस्या

महंत के शिष्य श्याम पंडित ने बताया कि इस तपस्या का शुभारंभ सोमवार 4 मई से किया गया. जो अगले 41 दिन तक चलेगी. इस तपस्या के दौरान बाबा बालिक दास महाराज इसी तरह हर दिन सुबह 11 बजे से दोपहर 2 बजे तक अग्नि के धूनों के बीचों बीच बैठकर तपस्या करेंगे. उन्होंने बताया कि महाराज की ये सातवीं अग्नि तपस्या है. इससे पहले महंत 6 अग्नि तपस्या गुरु गोरख नाथ मंदिर कटवारिया सराय नई दिल्ली में कर चुके हैं.

पलवल में तपती गर्मी में सुलगते धूनों के बीच बैठे महंत, जानें वजह

तपस्या का उद्देश्य

श्याम पंडित ने बताया कि इस तपस्या का उद्देश्य देश-प्रदेश में फैली बीमारियों के निदान और पर्यावरण स्वच्छता के साथ साथ आमजनमानस में सुख शांति और समृद्धि लाना है. उन्होंने बताया कि इस तपस्या के जरिए महाराज का मुख्य उद्देश्य देश में फैल रही कोरोना बीमारी को जड़ से खत्म करने का प्रयास है.

मंदिर में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन

एक तरफ जहां महंत तपस्या में विलीन है तो दूसरी तरफ मंदिर में मौजूद पंडितों द्वारा प्रांगण में लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का विशेष ध्यान रखा जा रहा है. श्याम पंडित ने बताया कि महाराज द्वारा ये निर्देश दिए गए हैं कि मंदिर में कोई भी सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन नहीं करेगा.

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