पलवल: उद्यान विभाग (पलवल) ने भावांतर भरपाई योजना के तहत 11 नवंबर से पंजीकरण प्रक्रिया शुरू कर दी है. जिला उद्यान अधिकारी डॉ. अब्दुल रज्जाक ने किसानों से अपील करते हुए कहा कि भावांतर भरपाई योजना स्कीम के तहत टमाटर, गोभी, प्याज और आलू की फसल का पंजीकरण अवश्य करवाएं, ताकि किसानों को फसलों का सही मूल्य प्रदान किया जा सके.
टमाटर, गोभी, प्याज और आलू का होगा पंजीकरण
जिला उद्यान अधिकारी डॉ. अब्दुल रज्जाक ने बताया कि हरियाणा सरकार ने भावांतर भरपाई योजना के तहत किसानों को टमाटर, गोभी, प्याज और आलू की फसल का मूल्य देने के लिए फसलों का पंजीकरण शुरू कर दिया है.
ये भी पढ़ें- भिवानी: मंडी में किसानों को नहीं मिल रहा भाव, कम दाम पर कपास बेचने को मजबूर किसान
इन तारीखों को होगा पंजीकरण
उन्होंने बताया कि आलू की फसल के लिए 11 नवंबर से 30 नवंबर तक पंजीकरण करवा सकते हैं. प्याज की फसल के लिए 20 दिसंबर से 15 फरवरी तक, टमाटर की फसल के लिए 15 दिसंबर से 15 फरवरी तक, फूल गोभी के लिए 15 नवंबर से 31 दिसंबर तक पंजीकरण करवाना जरूरी है. उन्होंने बताया कि भावांतर भरपाई योजना का लाभ किसानों को देने के लिए हरियाणा उद्यान विभाग ने ये निर्णय लिया है.
कैसे होगा फसलों का पंजीकरण ?
जिला उद्यान अधिकारी, सुपरवाईजर और माली किसानों के फार्म हाऊस व खेत पर जाकर ही फसलों का पंजीकरण करेंगे. विभाग ने सुपरवाईजरों और मालियों को टेबलेट की सुविधा दी है. जो किसान फसल का पंजीकरण करवाना चहाता है उसके पास पासपोर्ट साईज का फोटो, आधार कार्ड की कॉपी, खेत की जमाबंदी और बैंक की पास बुक होना अनिवार्य है.
'किसान के खाते में जाएगी अनुदान राशि'
जिला उद्यान अधिकारी के फिजिकल वेरिफिकेशन करने के बाद अनुदान राशि सीधे किसान के खाते में जमा की जाएगी. उन्होंने कहा कि अगर किसान की फसल बाजार में नहीं बिकती है तो किसान मंडी में आढ़त पर जाकर 'जे फार्म' लेकर फसल को बेच सकते हैं. किसान फसल के रजिस्ट्रेशन नंबर को अपलोड कर दें. सरकार की हिदायतों के अनुसार जो अनुदान राशि बनेगी वो किसान को प्रदान की जाएगी.
क्या है भावांतर भरपाई योजना?
ये योजना 1 जनवरी 2018 से लागू की गई थी और इसके रजिस्ट्रेशन 7 मई 2018 से ऑनलाइन शुरू हुए थे. इस योजना का मकसद बागवानी करने वाले किसानों को नुकसान से बचाना है.
ये भी पढ़ें- पलवल अनाज मंडी में बाजरे की खरीद हुई शुरू, अब तक 452 क्विंटल बाजरे की हुई खरीद