पलवलः मूसलाधार बारिश ने पलवल की अनाज मंडी को तालाब का रूप दे दिया. जिसमें रखा हजारों क्विंटल गेहूं भीग गया. बोरियों में रखे गेहूं की तौल हो चुकी है और आढ़ती किसानों से गेहूं खरीद चुके हैं.
तालाब में तब्दील हुई इस अनाज मंडी में करीब 9 इंच तक पानी भर गया. जिसमें डूबी बोरियों की तादाद करीब ढाई से तीन हजार के बीच है. इस बरसात से हुआ सारा नुकसान आढ़तियों का है. क्योंकि जब तक मंडी से गेहूं का उठान नहीं होता. तब तक की जिम्मेदारी आढ़ती की होती है. वहीं बोरियों में रखे गेहूं का ये हाल इसलिए हुआ क्योंकि मंडी में ना तो इन बोरियों को रखने का इंतजाम है और ना ही बोरियों को उठाने के लिए मजदूर.
मंडी में चरम पर है बदहाली
हालांकि मौसम विभाग ने मौसम को लेकर पहले ही चेतावनी भी जारी कर दी थी. मंडी में रखी गेहूं की ये हालत तब है, जब मंडी में दो दिनों से खरीद नहीं हो रही है. मंडी में खरीद शुरू होने से पहले मंडी बोर्ड के अधिकारियों ने मंडी में सभी इंतजाम होने का दावा किया था.
लेकिन जब बारिश ने दावों की पोल खोल दी है तो इसे प्राकृतिक आपदा बताया जा रहा है. ये बताया जा रहा है कि मंडी की सीवर लाइन बंद है और मंडी शहर से नीची है और पंप लगाकर मंडी से पानी को निकाला जा रहा है.
ऐसे में सवाल ये भी है कि जब मौसम विभाग ने पहले ही चेतावनी जारी कर दी थी तो भी मंडियों मे अनाज की सुरक्षा का पूरा इंतजाम क्यों नहीं हुआ और जब अधिकारियों को मंडी की बदहाली की जानकारी है. तब भी इसमें सुधार क्यों नहीं हो रहा.
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