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लॉकडाउन में पुलिस बनी मददगार: पलवल में अपनों को अपनों से मिलाया - palwal police brings people to family

लॉकडाउन की मार सबसे ज्यादा प्रवासी मजदूरों पर पड़ी है. मजदूर पैदल अपने घरों को जा रहे हैं. मजदूरों की संख्या इतनी ज्यादा है कि परिवार के सदस्य एक दूसरे से बिछड़ रहे हैं. ऐसे में पलवल पुलिस का मानवीय चेहरा सामने आया है. पुलिस बिछड़े सदस्यों को परिवार से मिलवा रही है.

Palwal police rushed home to migrant girl
Palwal police rushed home to migrant girl
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Published : May 30, 2020, 1:26 PM IST

पलवल: जिले की पुलिस का मानवीय चेहरा सामने आया है. पुलिस ने प्रवासी मजदूर परिवार से बिछड़ी एक महिला को उसके परिवार से मिलवाया. वहीं एक अन्य परिवार से बिछड़ी 16 साल की लड़की को उसके घर पहुंचाने के लिए गई है.

पलवल के रास्ते हर दिन हजारों की संख्या में प्रवासी मजदूर अपने घर जा रह हैं. हरियाणा-उत्तर प्रदेश बॉर्डर पर रोजाना 2 से 3 हजार मजदूरआते हैं. भीड़ ज्यादा होने के कारण बच्चे और बड़े परिवार से बिझड़ रहे हैं.

लॉकडाउन में पुलिस बनी मददगार: पलवल में अपनों को अपनों से मिलाया

महाराष्ट्र से लौट रहे परिवार से एक महिला पलवल में बिछड़ कर गई. महिला का परिवार जैसे-तैसे उत्तर प्रदेश के कोसीकलां पहुंच गया. लेकिन महिला वहीं पर रह गई. परिवार से बिछड़ी महिला से पुलिस से संपर्क किया. पुलिस ने महिला के परिवार से बात की. जिसके बाद महिला को कोसीकलां ले जाकर परिवार से मिलवाया गया.

नाबालिग को घर छोड़ने गई पुलिस

पलवल पुलिस ने प्रवासी मजदूरों के काफिले से बिछड़ी 16 साल की नाबालिग लड़की को घर पहुंचाने का बीड़ा उठाया. अपने परिवार के साथ पैदल अपने पैतृक गांव जा रही नाबालिग लड़की बल्लभगढ़ में परिवार से बिछड़ गई. जिसके बाद उसने पुलिस से संपर्क किया. पुलिस लड़की की मदद के लिए आगे आई और महिला पुलिस कर्मियों के साथ उसके गांव फतेहपुर सीकरी के लिए रवाना किया गया.

आपको बता दें कि लॉकडाउन से सबसे अधिक प्रभावित प्रवासी मजदूर हुए हैं. रोजी-रोटी खत्म होने के बाद जब भूखे मरने की नौबत आई तो प्रवासी अपना सामान समेट घर लौट रहे हैं. अपने घर वापस लौट रहे प्रवासी मजदूरों के सदस्य रास्ते में बिछड़ रहे हैं. ऐसे में पलवल पुलिस का बिछड़े परिजनों से मिलवाना सराहनीय कार्य है.

ये भी पढ़ें- लॉकडाउन 4: गुरुग्राम में खुली दुकानें, बाजरों में दिखी रौनक

पलवल: जिले की पुलिस का मानवीय चेहरा सामने आया है. पुलिस ने प्रवासी मजदूर परिवार से बिछड़ी एक महिला को उसके परिवार से मिलवाया. वहीं एक अन्य परिवार से बिछड़ी 16 साल की लड़की को उसके घर पहुंचाने के लिए गई है.

पलवल के रास्ते हर दिन हजारों की संख्या में प्रवासी मजदूर अपने घर जा रह हैं. हरियाणा-उत्तर प्रदेश बॉर्डर पर रोजाना 2 से 3 हजार मजदूरआते हैं. भीड़ ज्यादा होने के कारण बच्चे और बड़े परिवार से बिझड़ रहे हैं.

लॉकडाउन में पुलिस बनी मददगार: पलवल में अपनों को अपनों से मिलाया

महाराष्ट्र से लौट रहे परिवार से एक महिला पलवल में बिछड़ कर गई. महिला का परिवार जैसे-तैसे उत्तर प्रदेश के कोसीकलां पहुंच गया. लेकिन महिला वहीं पर रह गई. परिवार से बिछड़ी महिला से पुलिस से संपर्क किया. पुलिस ने महिला के परिवार से बात की. जिसके बाद महिला को कोसीकलां ले जाकर परिवार से मिलवाया गया.

नाबालिग को घर छोड़ने गई पुलिस

पलवल पुलिस ने प्रवासी मजदूरों के काफिले से बिछड़ी 16 साल की नाबालिग लड़की को घर पहुंचाने का बीड़ा उठाया. अपने परिवार के साथ पैदल अपने पैतृक गांव जा रही नाबालिग लड़की बल्लभगढ़ में परिवार से बिछड़ गई. जिसके बाद उसने पुलिस से संपर्क किया. पुलिस लड़की की मदद के लिए आगे आई और महिला पुलिस कर्मियों के साथ उसके गांव फतेहपुर सीकरी के लिए रवाना किया गया.

आपको बता दें कि लॉकडाउन से सबसे अधिक प्रभावित प्रवासी मजदूर हुए हैं. रोजी-रोटी खत्म होने के बाद जब भूखे मरने की नौबत आई तो प्रवासी अपना सामान समेट घर लौट रहे हैं. अपने घर वापस लौट रहे प्रवासी मजदूरों के सदस्य रास्ते में बिछड़ रहे हैं. ऐसे में पलवल पुलिस का बिछड़े परिजनों से मिलवाना सराहनीय कार्य है.

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