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पलवल की ये खास मूंग 60 दिन में बना देती है लखपति, दिल्ली एनसीआर की पहली पसंद

एक तरफ जहां खेती को घाटे का सौदा माना जा रहा है और इस मुद्दे को लेकर किसान पिछले सात माह से तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं. वहीं इसी बीच एक सुकून देने वाली खबर भी सामने आई है. जहां हरियाणा के पलवल जिले के किसान ऑफ सीजन में भी अलग तरीके से फसलें उगाकर अच्छा खासा मुनाफा कमा रहे हैं.

moong cultivation palwal
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Published : Jun 22, 2021, 7:39 PM IST

Updated : Jun 22, 2021, 9:29 PM IST

पलवल: बेशक खेती को घाटे का सौदा माना जाने लगा है, लेकिन कुछ किसान अलग तरीकों से फसलें उगाकर अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. हम बात कर रहे हैं हरियाणा के पलवल जिले के किसानों की जो ऑफ सीजन में भी मूंग की खेती से कई तरह के लाभ ले रहे हैं. इस खेती को बीच की खेती भी कहा जाता है क्योंकि ये खेती गेहूं की फसल कटने के बाद और धान की फसल की बुआई से पहले ही 60 दिनों में पक कर तैयार हो जाती है, जो किसानों के लिए एक वरदान साबित हो रही है.

एक एकड़ में 10-15 हजार का मुनाफा

किसानों ने बताया कि इस मूंग की खेती में ज्यादा लागत नहीं आती और एक एकड़ में लगभग 10 से 15 हजार रुपये का मुनाफा हो जाता है व घर के लिए भी दाल हो जाती है. वहीं जो किसान बड़े पैमाने पर मूंग उगा रहे हैं उनको लाखों का फायदा हो जाता है. दूसरी तरफ जो गेहूं और धान की फसल की बिजाई करने में लागत आती है वह लागत इस खेती से निकल आती है.

पलवल के किसान इस तरीके से मूंग की खेती कर कमा रहे अच्छा मुनाफा

ये भी पढ़ें- कभी हरियाणा में हुआ करती थी एशिया की सबसे बड़ी ऊन मंडी, सरकार की अनदेखी ने ठप किया कारोबार!

पलवल कृषि विभाग के खंड तकनीकी अधिकारी रामदेव ने जहां इस फसल को काफी फायदेमंद बताया वहीं उन्होंने किसानों से अपील करते हुए कहा कि किसान धान की खेती न करके दलहन की खेती करें ताकि उनको ज्यादा लाभ हो और पानी की बचत भी हो जाए.

moong cultivation palwal
मूंग की खेती के फायदे

बहरहाल पलवल जिले के ये किसान जिस उन्नतशील ढंग से खेती करके ऑफ सीजन में भी कमाई कर रहे हैं उससे दूसरे किसान भी प्रेरित होकर मुनाफा ले सकते हैं. इससे ना केवल पानी बचेगा बल्कि भूमि की उपजाऊ शक्ति के साथ किसान की आमदन में भी इजाफा होगा.

palwal moong
खेत में तैयार खड़ी मूंग की फसल

ये भी पढ़ें- दक्षिणी हरियाणा के किसानों के लिए मनोहर सरकार ला रही ये योजना

पलवल: बेशक खेती को घाटे का सौदा माना जाने लगा है, लेकिन कुछ किसान अलग तरीकों से फसलें उगाकर अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. हम बात कर रहे हैं हरियाणा के पलवल जिले के किसानों की जो ऑफ सीजन में भी मूंग की खेती से कई तरह के लाभ ले रहे हैं. इस खेती को बीच की खेती भी कहा जाता है क्योंकि ये खेती गेहूं की फसल कटने के बाद और धान की फसल की बुआई से पहले ही 60 दिनों में पक कर तैयार हो जाती है, जो किसानों के लिए एक वरदान साबित हो रही है.

एक एकड़ में 10-15 हजार का मुनाफा

किसानों ने बताया कि इस मूंग की खेती में ज्यादा लागत नहीं आती और एक एकड़ में लगभग 10 से 15 हजार रुपये का मुनाफा हो जाता है व घर के लिए भी दाल हो जाती है. वहीं जो किसान बड़े पैमाने पर मूंग उगा रहे हैं उनको लाखों का फायदा हो जाता है. दूसरी तरफ जो गेहूं और धान की फसल की बिजाई करने में लागत आती है वह लागत इस खेती से निकल आती है.

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पलवल कृषि विभाग के खंड तकनीकी अधिकारी रामदेव ने जहां इस फसल को काफी फायदेमंद बताया वहीं उन्होंने किसानों से अपील करते हुए कहा कि किसान धान की खेती न करके दलहन की खेती करें ताकि उनको ज्यादा लाभ हो और पानी की बचत भी हो जाए.

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मूंग की खेती के फायदे

बहरहाल पलवल जिले के ये किसान जिस उन्नतशील ढंग से खेती करके ऑफ सीजन में भी कमाई कर रहे हैं उससे दूसरे किसान भी प्रेरित होकर मुनाफा ले सकते हैं. इससे ना केवल पानी बचेगा बल्कि भूमि की उपजाऊ शक्ति के साथ किसान की आमदन में भी इजाफा होगा.

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खेत में तैयार खड़ी मूंग की फसल

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Last Updated : Jun 22, 2021, 9:29 PM IST
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