पलवल: बेशक खेती को घाटे का सौदा माना जाने लगा है, लेकिन कुछ किसान अलग तरीकों से फसलें उगाकर अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. हम बात कर रहे हैं हरियाणा के पलवल जिले के किसानों की जो ऑफ सीजन में भी मूंग की खेती से कई तरह के लाभ ले रहे हैं. इस खेती को बीच की खेती भी कहा जाता है क्योंकि ये खेती गेहूं की फसल कटने के बाद और धान की फसल की बुआई से पहले ही 60 दिनों में पक कर तैयार हो जाती है, जो किसानों के लिए एक वरदान साबित हो रही है.
एक एकड़ में 10-15 हजार का मुनाफा
किसानों ने बताया कि इस मूंग की खेती में ज्यादा लागत नहीं आती और एक एकड़ में लगभग 10 से 15 हजार रुपये का मुनाफा हो जाता है व घर के लिए भी दाल हो जाती है. वहीं जो किसान बड़े पैमाने पर मूंग उगा रहे हैं उनको लाखों का फायदा हो जाता है. दूसरी तरफ जो गेहूं और धान की फसल की बिजाई करने में लागत आती है वह लागत इस खेती से निकल आती है.
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पलवल कृषि विभाग के खंड तकनीकी अधिकारी रामदेव ने जहां इस फसल को काफी फायदेमंद बताया वहीं उन्होंने किसानों से अपील करते हुए कहा कि किसान धान की खेती न करके दलहन की खेती करें ताकि उनको ज्यादा लाभ हो और पानी की बचत भी हो जाए.
बहरहाल पलवल जिले के ये किसान जिस उन्नतशील ढंग से खेती करके ऑफ सीजन में भी कमाई कर रहे हैं उससे दूसरे किसान भी प्रेरित होकर मुनाफा ले सकते हैं. इससे ना केवल पानी बचेगा बल्कि भूमि की उपजाऊ शक्ति के साथ किसान की आमदन में भी इजाफा होगा.
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