पलवल: सर्दी के मौसम में गायों के लिए सबसे बेहतरीन स्थान गौशाला माना जाता है. जहां गायों को सभी प्रकार की सुविधाएं तुरंत मिल जाती है. ऐसे में पलवल जिले की गौशाला ठीक इसके विपरीत नजर आ रही है. पलवल जिले की होडल गौशाला (Palwal Hodal Gaushala) में सर्दी के मौसम में समय पर उपचार ना मिलने की वजह से लगातार गायों की मौत (Cow death in Palwal Gaushala) का सिलसिला जारी है. होड़ल की गौशाला में रोजाना सर्दी की वजह से समय पर उपचार न मिलने के चलते एक से दो गायों की मौतें हो रही है.
गौशाला कमेटी का कहना है कि यह पलवल की सबसे बड़ी गौशाला है और इसके अंदर करीब 600 गाय हैं. लेकिम सर्दी के मौसम में गाय को समय पर उपचार न मिलने के चलते रोजाना इस गौशाला में एक से दो गायों की मौतें हो रही हैं. उन्होंने कहा कि सरकार की तरफ से अब तक इस गौशाला में कोई भी सुविधा नहीं मिल पाई है. भले ही केंद्र व प्रदेश की सरकारे गायों को लेकर बड़े-बड़े दावे और वायदे करती हो. लेकिन असल में उन दावों और वायदों की जमीनी हकीकत कुछ और ही है.
बता दें कि पलवल में दर्जनों गौशाला हैं. इन गौशालाओं में कुछ ऐसी गौशाला है, जिनमें 600 से लेकर 1000 तक गाय हैं. लेकिन इन गौशालाओं में अगर कोई गाय बीमार हो जाती है तो उसे समय पर उपचार नहीं मिल पाता है और उपचार के आभाव में गायों की मौत हो जाती है. बात करें होडल की गौशाला की तो इसका नाम श्री कृष्ण चौबीसी गौशाला है. यह गौशाला पलवल की सबसे बड़ी गौशाला है. इस गौशाला में 600 गायें हैं. सर्दी के मौसम में यहां लगातार समय पर उपचार न मिलने के चलते हर रोज 1 से 2 गायों की मौत हो रही है.
वहीं गौशाला कमेटी के सदस्य रतबीर की माने तो इस गौशाला में उन्हें सरकार की तरफ से कोई मदद नहीं मिलती है. यह गौशाला चौबीसी की सबसे बड़ी गौशाला है. जिसमें तकरीबन 600 गाय हैं. गौशाला में गाय बीमार होने के बाद यहां कोई डॉक्टर तक उनके उपचार के लिए नहीं आता है. जिसके चलते सर्दी के मौसम में यहां रोजाना 1 से 2 गायों की मौतें हो रही हैं. रतबीर का कहना है कि गौशाला में गायों की संख्या ज्यादा होने के चलते यहां जगह का भी काफी अभाव है.
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