पलवल: कोरोना महामारी रक्षाबंधन के पावन त्योहार पर भी असर डाल रही है. इस महामारी के चलते रक्षा बंधन जैसे त्यौहार पर मायूसी छाई हुई है. भाइयों को राखी बांधने वाली बहनों का कहना है की एक तरफ जहां कोरोना के चलते राखी महंगी हो गई है तो वहीं परिवहन व्यवस्था कम होने के चलते वे इस बार अपने भाई के पास राखी बांधने नहीं जा पा रही है.
रक्षा बंधन पर दिखा कोरोना का असर
बहनों का कहना है कि पिछले साल की तुलना में इस बार रक्षाबंधन पर काफी समस्याएं हैं. राखी विक्रेताओं का कहना है की कोविड 19 का असर इस बार रक्षाबंधन जैसे त्यौहार पर बहुत ज्यादा पड़ा है. दुकानदारों ने बताया कि दुकाने तो सज गई, लेकिन रौनक और चहल पहल गायब है.
बाजारों से रौनक गायब
इक्का दुक्का ग्राहक ही दुकानों पर आ रहे हैं. कोरोना के प्रकोप के चलते बाजारों में कोई रौनक नहीं है और बाजार पूरी तरह सूनसान पड़ा है. लोगों का कहना है कि इस बार कोरोना भाई बहन के रिश्तों के बीच दीवार बनकर खड़ा हो गया है. कुसुम गिरी नाम की महिला ने बताया की वो हर बार रक्षाबंधन पर भाइयों को राखी बांधने जाती थी, लेकिन अबकी बार कोरोना के चलते वो नहीं जा पा रही है.
राखियां भी हुई महंगी
उन्होंने बताया कि इस बार राखी की कीमतों में कई गुना इजाफा हुआ है. पिछले साल जो राखी 40-50 रुपये की आती थी अबकी बार वही राखी 60-70 रुपये की आ रही है, जिसका बजट पर बहुत असर पड़ रहा है. राखी खरीदने आई एक बहन ने बताया कि इस बार रक्षाबंधन पूरी तरह से फीका है. उन्होंने बताया कि उनका भाई यूपी में रहता है, लेकिन आवाजाही बंद होने के चलते वो जा नहीं सकती.
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राखी विक्रेता प्रवीण ने बताया की उनके पास हर तरह की राखियां है लेकिन कोरोना के चलते बाजार पूरी तरह खाली पड़े हुए है. ग्राहक खरीदारी करने के लिए नहीं आ रहे है. उन्होंने बताया की पिछले वर्षों की तुलना में राखी जैसे त्यौहार पर बिलकुल भी बिक्री नहीं है.
इतना अलग है इस बार का रक्षा बंधन
गौरतलब है कि इस बार का रक्षाबंधन का त्योहार पिछले साल की तुलना में काफी अलग है. इस बार हरियाणा रोडवेज में महिलाओं को फ्री सफर का तोहफा भी नहीं मिल रहा है. कोरोना के चलते बाजारों से रौनक गायब है. कहीं भी चहल पहल देखने को नहीं मिल रही है. अच्छी बात ये है कि चीनी विवाद के चलते ज्यादातर बाजारों से चाइनीज राखी भी नहीं बिक रही है.