पलवल: हरियाणा शिक्षा बोर्ड द्वारा एक बड़ी कार्रवाई करते हुए पलव के 6 स्कूलों और उनके प्रधानाचार्य पर भ्रष्टाचार का मुकदमा दर्ज कराया गया है. यह भ्रष्टाचार का मुकदमा फर्जी प्रमाण पत्रों के माध्यम से 12वीं कक्षा में दाखिला देने और उनको पास कराने को लेकर दर्ज हुआ है. इतना ही नहीं जिले के 6 स्कूलों में दाखिला लेने वाले 6 बच्चों के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया गया है. हालांकि इस मामले में अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है.
पलवल के किशोरा विद्या मंदिर स्कूल बामनीखेड़ा, नेशनल पब्लिक स्कूल चिरवाड़ी, जेसीबी मॉडर्न स्कूल पलवल, संत ज्ञानेश्वर स्कूल पलवल, जीवन ज्योति सीनीयर सेकेंड्री स्कूल पलवल और बीएन मॉडल स्कूल शामिल हैं. आरोपी छात्रों में विक्रांत, भारती, विकास, करन, अनिल व चंचल के नाम हैं. वहीं जिन प्रधानाचार्य पर केस दर्ज हुआ है उनमें रवि कुमार, घनश्याम, हितेश शर्मा, जुगनु गौर, अशोक गहलोत और अभिनंदन शामिल हैं.
कोरोना के चलते साल 2021 में 12वीं कक्षा का बिना परीक्षा के नियम अनुसार परीक्षा परिणाम घोषित कर दिया गया था. जब उनके कागजातों की जांच की गई तो पलवल के छह स्कूलों के छह बच्चों के दसवीं और 11वीं के प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए. मामले का भंडाफोड़ तक हुआ जब बोर्ड ने बच्चों के पुरानी कक्षाओं के असली प्रमाण पत्र अपने पास मंगवाकर उनकी जांच कराई. इस संबंध में बोर्ड सचिव की ओर से आई शिकायत पर इकॉनोमिक सेल ने जांच कर कैंप थाना पुलिस को मुकदमा दर्ज करने के लिए कागजात भेज दिया है.
कैंप थाना पुलिस पलवल ने ऐसे छह बच्चों व छह स्कूलों के प्रधानाचार्यों के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज करके कार्रवाई शुरू कर दी है. कैंप थाना प्रभारी सुरेंद्र सिंह ने बताया कि हरियाणा विद्यालय बोर्ड की ओर से आई शिकायत में कहा गया है कि वर्ष 2021 में कोविड-19 महामारी के कारण हरियाणा सरकार व शिक्षा विभाग के आदेशानुसार बोर्ड परीक्षाओं का आयोजन नहीं हुआ. जिसके लिए वर्ष 2021 की परीक्षा में शामिल होने वाले विद्यार्थियों के पात्रता संबंधित दस्तावेज चेक करने के उपरांत पाया गया कि कुछ परीक्षार्थियों के माध्यमिक सेकेंडरी प्रमाण पत्र हरियाणा शिक्षा बोर्ड की माध्यमिक परीक्षा के समकक्ष नहीं हैं.
शिकायत में कहा गया है कि विद्यालयों को भी ऐसे परीक्षार्थियों को प्रवेश के समय परीक्षा का पात्रता से संबंधित दस्तावेज चेक करने के बाद प्रवेश दिया जाना चाहिए था. ये जांच का विषय है कि परीक्षार्थियों को फर्जी प्रमाण पत्र किस माध्यम से उपलब्ध हुये हैं. ऐसे माध्यमों का पता करना तथा उनपर रोक लगाना अति आवश्यक है. क्योंकि इन माध्यमो के प्रलोभन के कारण परीक्षार्थियों के आर्थिक शोषण के साथ-साथ उनके भविष्य से खिलवाड़ किया जा रहा है. प्रदेश में ऐसे 92 विद्यालय है जिन्होंने 129 परीक्षार्थियों को माध्यमिक के फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर प्रवेश दिया है. जबकि पलवल जिले में छह विद्यालयों ने छह बच्चों को प्रवेश दिया है. कैंप थाना ने छह बच्चों के साथ-साथ छह स्कूलों और उनके प्रधानाचार्य के खिलाफ केस दर्ज करके जांच शुरू कर दी है.