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मधुमक्खी पालन कर मोटा मुनाफा कमा रहे किसान, लाखों रुपये में होती है सालाना कमाई

पलवल के किसानों का रूझान अब धीरे-धीरे परंपरागत खेती की जगह बागवानी और जैविक खेती की तरफ हो रहा है. इसमें अब मधुमक्खी पालन (bee keeping in haryana) भी जुड़ गया है.

bee keeping in palwal
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Published : Oct 25, 2022, 8:49 AM IST

पलवल: हरियाणा के किसानों का रूझान अब धीरे-धीरे परंपरागत खेती की जगह बागवानी और जैविक खेती की तरफ हो रहा है. इसमें अब मधुमक्खी पालन (bee keeping in haryana) भी जुड़ गया है. पलवल के जिला बागवानी अधिकारी डॉक्टर अब्दुल रज्जाक ने बताया कि मधुमक्खी पालन एक ऐसा व्यवसाय है, जिससे किसान कम लागत में अधिक आय प्राप्त कर सकते हैं. मधुमक्खी पालन के लिए बागवानी विभाग किसानों को 85 प्रतिशत अनुदान दे रहा है. उन्होंने किसानों से अपील करते हुए कहा कि किसान परंपरागत खेती को छोड़कर मधुमक्खी पालन करें.

बागवानी अधिकारी ने बताया कि पलवल जिला के किसानों को मधुमक्खी पालन के बारे में जागरूक किया जा रहा है. एक किसान पचास बॉक्स लगाकर मधुमक्खी पालन कर सकता है. मधुमक्खी पालन (bee keeping in palwal) के लिए बागवानी विभाग द्वारा किसानों को प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है. उन्होंने बताया कि बागवानी विभाग द्वारा पललव जिले में मधुमक्खी पालन के लिए 100 बॉक्स का टारगेट दिया गया था. किसानों को 100 बॉक्स प्राप्त कर मधुमक्खी पालन शुरू कर दिया है. इसके अतिरिक्त 10 किसानों ने भी मधुमक्खी पालन के लिए 500 बॉक्स लेने के लिए आवेदन किया है.

मधुमक्खी पालन कर मोटा मुनाफा कमा रहे किसान, लाखों रुपये में होती है सालाना कमाई

पलवल बागवानी विभाग (horticulture department palwal) द्वारा किसानों को मधुमक्खी पालन के लिए बॉक्स उपलब्ध करवाऐ जाएंगे. उन्होंने बताया कि हमारे देश में मुख्य रूप से मधुमक्खी की चार प्रजातियां पाई जाती हैं, जिनमें छोटी मधुमक्खी, पहाड़ी मधुमक्खी, देसी मधुमक्खी तथा एपिस मेलिफेरा शामिल हैं. इनमें से देसी मधुमक्खी और एपिस मेलिफेरा जाति की मधुमक्खियों को आसानी से लकड़ी के बक्सों में पाला जा सकता है. देसी मधुमक्खी प्रतिवर्ष औसतन 5-10 किलोग्राम शहद प्रति परिवार तथा इटैलियन मधुमक्खी 50 किलोग्राम तक शहद उत्पादन करती हैं.

उन्होंने बताया कि मधुमक्खी परिवारों की सामान्य गतिविधियां 100 और 380 सेंटीग्रेट की बीच में होती है, उचित प्रबंध द्वारा प्रतिकूल परिस्तिथियों में इनका बचाव आवश्यक है. उत्तम रखरखाव से परिवार शक्तिशाली एवं क्रियाशील बनाए रखे जा सकते हैं. मधुमक्खी परिवार को विभिन्न प्रकार के रोगों एवं शत्रुओं का प्रकोप समय समय पर होता रहता है. जिनका निदान उचित प्रबंधन द्वारा किया जा सकता है. उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने के लिए अथक प्रयास किए जा रहे हैं. किशोरपुर गांव के किसान बुधराम ने बताया कि मधुमक्खी पालन के लिए बागवानी विभाग द्वारा सब्सिडी प्रदान की जा रही है.

bee keeping in palwal
मधुमक्खी पालन कर मोटा मुनाफा कमा रहे किसान

ये भी पढ़ें- मुनाफे का सौदा है किसानों के लिए ड्रैगन फ्रूट की खेती, जानें इसके फायदे

उन्होंने मधुमक्खी पालन के लिए 100 बॉक्स लिए हैं. जिसमें वो मधुमक्खी से प्राप्त होने वाले शहद की प्रोसेसिंग करते हैं. जिससे शुद्ध शहद और मोम प्राप्त होता है. जिसे बाजार में बेचकर लाखों रुपये की आय सालाना प्राप्त कर सकते हैं. दुधौला गांव के किसान रमेश चंद ने बताया कि बागवानी विभाग से अनुदान लेकर पचास बॉक्स लेकर मधुमक्खी पालन का कार्य शुरू किया है. एक बॉक्स सालभार में चालीस से पचास किलोग्राम शहद देता है. शहद की मार्केट में अच्छी डिमांड है. शहद के अलावा बी पॉलन व मोम भी प्राप्त होता है. उन्होंने कहा कि अन्य किसान भी कृषि के साथ मधुमक्खी का पालन कर सकते हैं. ये आय का एक अच्छा स्रोत है.

पलवल: हरियाणा के किसानों का रूझान अब धीरे-धीरे परंपरागत खेती की जगह बागवानी और जैविक खेती की तरफ हो रहा है. इसमें अब मधुमक्खी पालन (bee keeping in haryana) भी जुड़ गया है. पलवल के जिला बागवानी अधिकारी डॉक्टर अब्दुल रज्जाक ने बताया कि मधुमक्खी पालन एक ऐसा व्यवसाय है, जिससे किसान कम लागत में अधिक आय प्राप्त कर सकते हैं. मधुमक्खी पालन के लिए बागवानी विभाग किसानों को 85 प्रतिशत अनुदान दे रहा है. उन्होंने किसानों से अपील करते हुए कहा कि किसान परंपरागत खेती को छोड़कर मधुमक्खी पालन करें.

बागवानी अधिकारी ने बताया कि पलवल जिला के किसानों को मधुमक्खी पालन के बारे में जागरूक किया जा रहा है. एक किसान पचास बॉक्स लगाकर मधुमक्खी पालन कर सकता है. मधुमक्खी पालन (bee keeping in palwal) के लिए बागवानी विभाग द्वारा किसानों को प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है. उन्होंने बताया कि बागवानी विभाग द्वारा पललव जिले में मधुमक्खी पालन के लिए 100 बॉक्स का टारगेट दिया गया था. किसानों को 100 बॉक्स प्राप्त कर मधुमक्खी पालन शुरू कर दिया है. इसके अतिरिक्त 10 किसानों ने भी मधुमक्खी पालन के लिए 500 बॉक्स लेने के लिए आवेदन किया है.

मधुमक्खी पालन कर मोटा मुनाफा कमा रहे किसान, लाखों रुपये में होती है सालाना कमाई

पलवल बागवानी विभाग (horticulture department palwal) द्वारा किसानों को मधुमक्खी पालन के लिए बॉक्स उपलब्ध करवाऐ जाएंगे. उन्होंने बताया कि हमारे देश में मुख्य रूप से मधुमक्खी की चार प्रजातियां पाई जाती हैं, जिनमें छोटी मधुमक्खी, पहाड़ी मधुमक्खी, देसी मधुमक्खी तथा एपिस मेलिफेरा शामिल हैं. इनमें से देसी मधुमक्खी और एपिस मेलिफेरा जाति की मधुमक्खियों को आसानी से लकड़ी के बक्सों में पाला जा सकता है. देसी मधुमक्खी प्रतिवर्ष औसतन 5-10 किलोग्राम शहद प्रति परिवार तथा इटैलियन मधुमक्खी 50 किलोग्राम तक शहद उत्पादन करती हैं.

उन्होंने बताया कि मधुमक्खी परिवारों की सामान्य गतिविधियां 100 और 380 सेंटीग्रेट की बीच में होती है, उचित प्रबंध द्वारा प्रतिकूल परिस्तिथियों में इनका बचाव आवश्यक है. उत्तम रखरखाव से परिवार शक्तिशाली एवं क्रियाशील बनाए रखे जा सकते हैं. मधुमक्खी परिवार को विभिन्न प्रकार के रोगों एवं शत्रुओं का प्रकोप समय समय पर होता रहता है. जिनका निदान उचित प्रबंधन द्वारा किया जा सकता है. उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने के लिए अथक प्रयास किए जा रहे हैं. किशोरपुर गांव के किसान बुधराम ने बताया कि मधुमक्खी पालन के लिए बागवानी विभाग द्वारा सब्सिडी प्रदान की जा रही है.

bee keeping in palwal
मधुमक्खी पालन कर मोटा मुनाफा कमा रहे किसान

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उन्होंने मधुमक्खी पालन के लिए 100 बॉक्स लिए हैं. जिसमें वो मधुमक्खी से प्राप्त होने वाले शहद की प्रोसेसिंग करते हैं. जिससे शुद्ध शहद और मोम प्राप्त होता है. जिसे बाजार में बेचकर लाखों रुपये की आय सालाना प्राप्त कर सकते हैं. दुधौला गांव के किसान रमेश चंद ने बताया कि बागवानी विभाग से अनुदान लेकर पचास बॉक्स लेकर मधुमक्खी पालन का कार्य शुरू किया है. एक बॉक्स सालभार में चालीस से पचास किलोग्राम शहद देता है. शहद की मार्केट में अच्छी डिमांड है. शहद के अलावा बी पॉलन व मोम भी प्राप्त होता है. उन्होंने कहा कि अन्य किसान भी कृषि के साथ मधुमक्खी का पालन कर सकते हैं. ये आय का एक अच्छा स्रोत है.

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