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नूंह के लड़के ने किया कमाल, बना 'ADA' - ada

नूंह के रहने वाले राशिद खान ने अपने जिले में इतिहास रच दिया है. राशिद खान ने अतिरिक्त डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी के पद को हासिल करके पूरे गांव का नाम रोशन कर दिया है.

राशिद खान का हुआ भव्य स्वागत
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Published : Apr 30, 2019, 10:11 PM IST

नूह: देश के सबसे पिछड़े जिलों की सूची में शामिल जिले के नगीना खंड के 60 गांवों में से पहली बार कुलडेहरा गांव के युवा को एडीए के पद तक पहुंचने का मुकाम हासिल हुआ है. युवा का नाम मोहमद राशिद खान है. राशिद खान की इस उपलब्धि से कुलडेहरा में जश्न का माहौल है. बता दें कि मंगलवार के दिन सैकड़ों ग्रामीणों ने राशिद खान का गांव में भव्य स्वागत किया.

राशिद खान का हुआ भव्य स्वागत

गांव में सम्मान समारोह का आयोजन किया गया. मोहम्मद रासिद खान के एडीए नियुक्त होने से उनके अध्यापक पिता रुजदार खान के साथी अध्यापक बहुत खुश हैं.

नूह: देश के सबसे पिछड़े जिलों की सूची में शामिल जिले के नगीना खंड के 60 गांवों में से पहली बार कुलडेहरा गांव के युवा को एडीए के पद तक पहुंचने का मुकाम हासिल हुआ है. युवा का नाम मोहमद राशिद खान है. राशिद खान की इस उपलब्धि से कुलडेहरा में जश्न का माहौल है. बता दें कि मंगलवार के दिन सैकड़ों ग्रामीणों ने राशिद खान का गांव में भव्य स्वागत किया.

राशिद खान का हुआ भव्य स्वागत

गांव में सम्मान समारोह का आयोजन किया गया. मोहम्मद रासिद खान के एडीए नियुक्त होने से उनके अध्यापक पिता रुजदार खान के साथी अध्यापक बहुत खुश हैं.

Intro:संवाददाता नूंह मेवात
स्टोरी ;- गांव का छोरा बना एडीए , हीरो जैसा स्वागत
देश के सबसे पिछड़े जिलों की सूचि में शामिल नूंह जिले के नगीना खंड के 60 गांवों में से पहली बार कुलडेहरा गांव के युवा ने न्यायपालिका में एडीए के पद पर अपनी मेहनत और बुजुर्गों की दुआओं से मुकाम हांसिल कर लिया है। युवा का नाम मोहमद रासिद खान है। रासिद खान की इस उपलब्धि से कुलडेहरा में ही जश्न नहीं मना बल्कि आसपास के गांवों में भी लोग ख़ुशी में फूले नहीं समां रहे हैं। भीषण गर्मी में पारा 43 पार होने के बावजूद भी सैकड़ों ग्रामीण अपने हीरो के आने का इंतजार मांडीखेड़ा गांव में करते रहे। उनका हीरो दोपहर तीन बजे पहुंचा तो उसे फूल मालाओं से लाद दिया गया और जिप्सी में बैठाकर करीब 3 किलोमीटर दूर तक उसे काफिले के साथ गांव तक लाया गया। गांव में सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। मोहम्मद रासिद खान के एडीए नियुक्त होने से उनके अध्यापक पिता रुजदार खान के साथी अध्यापक ही नहीं अधिकारी भी खुश हैं , तो जिला मेवात बार एशोसिएशन के प्रधान सलीम खान सहित सभी सदस्य बहुत ही खुश हैं। मांडीखेड़ा गांव में हबीब जेई के फार्म हाउस पर तो पटाकपुर गांव में पूर्व सरपंच दीनदार के यहां पर चयनित युवा का भव्य स्वागत किया गया।
जानकारी के मुताबिक कुलडेहरा गांव के मोहमद रासिद खान का जन्म 1993 में साधारण परिवार में हुआ। उन्होंने मैट्रिक की परीक्षा एपीएस स्कूल मूसा नगर से की तो आगे की पढाई एएमयू से की। एलएलबी के बाद एलएलएम देहरादून से की। फ़िलहाल वे एमडीयू रोहतक से पीएचडी कर रहे हैं। उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय नूंह में भी तीन माह लीगल सलाहकार के रूप में अपनी सेवाएं दी। मोहमद रासिद खान की एक बड़ी बहन शादीशुदा हैं , तो छोटा भाई , एक छोटी बहन सहित कुल 4 बहन - भाई हैं। सभी बहन भाई अच्छी शिक्षा हांसिल कर रहे हैं। पिता रुजदार ने कहा कि उनके पिता रहमान खान तथा माता भूरियाँ दोनों अनपढ़ थे। उसके बावजूद उन्होंने उन्हें पढ़ाया , जिसकी वजह से वे जिले के पहले संस्कृत मुस्लिम अध्यापक नियुक्त हुए। अतिरिक्त डिस्ट्रिक्ट अटार्नी नियुक्त हुए रासिद ने कहा कि सभी की मेहनत और दुआओं का असर है कि उन्होंने एडीए बनकर गांव का नाम रोशन किया है। अध्यापकों , माता समीना बेगम - पिता रुजदार खान के अलावा कई साथियों के सहयोग से वे इस मुकाम तक पहुंचे हैं। आचार संहिता की वजह से अभी उन्हें हरियाणा में कोई स्टेशन अलाट नहीं हो पाया है। उन्होंने कहा कि लीगल एड सेंटर खोलकर लोगों को कानून और उनके अधिकारों के बारे में जागरूक करना उनकी प्राथमिकता रहेगी। जिला बार प्रधान सलीम खान एडवोकेट ने भी कहा कि वे उनके साथ सेशन जज नूंह से मुलाकात करेंगे तथा लीगल एड सेंटर जो पहले से चल रहे हैं। उनका दायरा बढ़ाने में हर संभव मदद करेंगे।
बाइट;- मोहम्मद रासिद खान नवनियुक्त एडीए
बाइट;- रुजदार खान अध्यापक पिता
बाइट;- सलीम खान बाई एडवोकेट जिला मेवात बार एशोसिएशन प्रधान
संवाददाता कासिम खान नूंह मेवात Body:संवाददाता नूंह मेवात
स्टोरी ;- गांव का छोरा बना एडीए , हीरो जैसा स्वागत
देश के सबसे पिछड़े जिलों की सूचि में शामिल नूंह जिले के नगीना खंड के 60 गांवों में से पहली बार कुलडेहरा गांव के युवा ने न्यायपालिका में एडीए के पद पर अपनी मेहनत और बुजुर्गों की दुआओं से मुकाम हांसिल कर लिया है। युवा का नाम मोहमद रासिद खान है। रासिद खान की इस उपलब्धि से कुलडेहरा में ही जश्न नहीं मना बल्कि आसपास के गांवों में भी लोग ख़ुशी में फूले नहीं समां रहे हैं। भीषण गर्मी में पारा 43 पार होने के बावजूद भी सैकड़ों ग्रामीण अपने हीरो के आने का इंतजार मांडीखेड़ा गांव में करते रहे। उनका हीरो दोपहर तीन बजे पहुंचा तो उसे फूल मालाओं से लाद दिया गया और जिप्सी में बैठाकर करीब 3 किलोमीटर दूर तक उसे काफिले के साथ गांव तक लाया गया। गांव में सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। मोहम्मद रासिद खान के एडीए नियुक्त होने से उनके अध्यापक पिता रुजदार खान के साथी अध्यापक ही नहीं अधिकारी भी खुश हैं , तो जिला मेवात बार एशोसिएशन के प्रधान सलीम खान सहित सभी सदस्य बहुत ही खुश हैं। मांडीखेड़ा गांव में हबीब जेई के फार्म हाउस पर तो पटाकपुर गांव में पूर्व सरपंच दीनदार के यहां पर चयनित युवा का भव्य स्वागत किया गया।
जानकारी के मुताबिक कुलडेहरा गांव के मोहमद रासिद खान का जन्म 1993 में साधारण परिवार में हुआ। उन्होंने मैट्रिक की परीक्षा एपीएस स्कूल मूसा नगर से की तो आगे की पढाई एएमयू से की। एलएलबी के बाद एलएलएम देहरादून से की। फ़िलहाल वे एमडीयू रोहतक से पीएचडी कर रहे हैं। उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय नूंह में भी तीन माह लीगल सलाहकार के रूप में अपनी सेवाएं दी। मोहमद रासिद खान की एक बड़ी बहन शादीशुदा हैं , तो छोटा भाई , एक छोटी बहन सहित कुल 4 बहन - भाई हैं। सभी बहन भाई अच्छी शिक्षा हांसिल कर रहे हैं। पिता रुजदार ने कहा कि उनके पिता रहमान खान तथा माता भूरियाँ दोनों अनपढ़ थे। उसके बावजूद उन्होंने उन्हें पढ़ाया , जिसकी वजह से वे जिले के पहले संस्कृत मुस्लिम अध्यापक नियुक्त हुए। अतिरिक्त डिस्ट्रिक्ट अटार्नी नियुक्त हुए रासिद ने कहा कि सभी की मेहनत और दुआओं का असर है कि उन्होंने एडीए बनकर गांव का नाम रोशन किया है। अध्यापकों , माता समीना बेगम - पिता रुजदार खान के अलावा कई साथियों के सहयोग से वे इस मुकाम तक पहुंचे हैं। आचार संहिता की वजह से अभी उन्हें हरियाणा में कोई स्टेशन अलाट नहीं हो पाया है। उन्होंने कहा कि लीगल एड सेंटर खोलकर लोगों को कानून और उनके अधिकारों के बारे में जागरूक करना उनकी प्राथमिकता रहेगी। जिला बार प्रधान सलीम खान एडवोकेट ने भी कहा कि वे उनके साथ सेशन जज नूंह से मुलाकात करेंगे तथा लीगल एड सेंटर जो पहले से चल रहे हैं। उनका दायरा बढ़ाने में हर संभव मदद करेंगे।
बाइट;- मोहम्मद रासिद खान नवनियुक्त एडीए
बाइट;- रुजदार खान अध्यापक पिता
बाइट;- सलीम खान बाई एडवोकेट जिला मेवात बार एशोसिएशन प्रधान
संवाददाता कासिम खान नूंह मेवात Conclusion:संवाददाता नूंह मेवात
स्टोरी ;- गांव का छोरा बना एडीए , हीरो जैसा स्वागत
देश के सबसे पिछड़े जिलों की सूचि में शामिल नूंह जिले के नगीना खंड के 60 गांवों में से पहली बार कुलडेहरा गांव के युवा ने न्यायपालिका में एडीए के पद पर अपनी मेहनत और बुजुर्गों की दुआओं से मुकाम हांसिल कर लिया है। युवा का नाम मोहमद रासिद खान है। रासिद खान की इस उपलब्धि से कुलडेहरा में ही जश्न नहीं मना बल्कि आसपास के गांवों में भी लोग ख़ुशी में फूले नहीं समां रहे हैं। भीषण गर्मी में पारा 43 पार होने के बावजूद भी सैकड़ों ग्रामीण अपने हीरो के आने का इंतजार मांडीखेड़ा गांव में करते रहे। उनका हीरो दोपहर तीन बजे पहुंचा तो उसे फूल मालाओं से लाद दिया गया और जिप्सी में बैठाकर करीब 3 किलोमीटर दूर तक उसे काफिले के साथ गांव तक लाया गया। गांव में सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। मोहम्मद रासिद खान के एडीए नियुक्त होने से उनके अध्यापक पिता रुजदार खान के साथी अध्यापक ही नहीं अधिकारी भी खुश हैं , तो जिला मेवात बार एशोसिएशन के प्रधान सलीम खान सहित सभी सदस्य बहुत ही खुश हैं। मांडीखेड़ा गांव में हबीब जेई के फार्म हाउस पर तो पटाकपुर गांव में पूर्व सरपंच दीनदार के यहां पर चयनित युवा का भव्य स्वागत किया गया।
जानकारी के मुताबिक कुलडेहरा गांव के मोहमद रासिद खान का जन्म 1993 में साधारण परिवार में हुआ। उन्होंने मैट्रिक की परीक्षा एपीएस स्कूल मूसा नगर से की तो आगे की पढाई एएमयू से की। एलएलबी के बाद एलएलएम देहरादून से की। फ़िलहाल वे एमडीयू रोहतक से पीएचडी कर रहे हैं। उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय नूंह में भी तीन माह लीगल सलाहकार के रूप में अपनी सेवाएं दी। मोहमद रासिद खान की एक बड़ी बहन शादीशुदा हैं , तो छोटा भाई , एक छोटी बहन सहित कुल 4 बहन - भाई हैं। सभी बहन भाई अच्छी शिक्षा हांसिल कर रहे हैं। पिता रुजदार ने कहा कि उनके पिता रहमान खान तथा माता भूरियाँ दोनों अनपढ़ थे। उसके बावजूद उन्होंने उन्हें पढ़ाया , जिसकी वजह से वे जिले के पहले संस्कृत मुस्लिम अध्यापक नियुक्त हुए। अतिरिक्त डिस्ट्रिक्ट अटार्नी नियुक्त हुए रासिद ने कहा कि सभी की मेहनत और दुआओं का असर है कि उन्होंने एडीए बनकर गांव का नाम रोशन किया है। अध्यापकों , माता समीना बेगम - पिता रुजदार खान के अलावा कई साथियों के सहयोग से वे इस मुकाम तक पहुंचे हैं। आचार संहिता की वजह से अभी उन्हें हरियाणा में कोई स्टेशन अलाट नहीं हो पाया है। उन्होंने कहा कि लीगल एड सेंटर खोलकर लोगों को कानून और उनके अधिकारों के बारे में जागरूक करना उनकी प्राथमिकता रहेगी। जिला बार प्रधान सलीम खान एडवोकेट ने भी कहा कि वे उनके साथ सेशन जज नूंह से मुलाकात करेंगे तथा लीगल एड सेंटर जो पहले से चल रहे हैं। उनका दायरा बढ़ाने में हर संभव मदद करेंगे।
बाइट;- मोहम्मद रासिद खान नवनियुक्त एडीए
बाइट;- रुजदार खान अध्यापक पिता
बाइट;- सलीम खान बाई एडवोकेट जिला मेवात बार एशोसिएशन प्रधान
संवाददाता कासिम खान नूंह मेवात
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