नूंह: तेज बारिश ने कई राज्यों में सब्जी की फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया है, जिसके चलते सब्जियां अपना रंग बदल रही हैं. टमाटर दोहरा शतक लगा चुका है, तो हरी मिर्च ने भी शतक लगा दिया है. बाकी सब्जियों की बात करें तो उनके भाव भी बीते साल के मुकाबले इस बार 2 गुना अधिक हैं. सब्जी के बढ़ते दामों की वजह से आम आदमी की जेब ढीली हो गई है लेकिन किसानों के चेहरे खुशी से चमक उठे हैं.
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नूंह जिले में सब्जी उत्पादन करने वाले मामलीका, पापड़ा, बादली, ढाना, बुबल, हिंगनपुर, सुल्तानपुर इत्यादि दर्जनों गांवों के सब्जी उत्पादक किसान अच्छे भाव मिलने की वजह से खुश हैं. सब्जी के दामों की करें तो बैंगन 50, आलू 40, हरी मिर्च 100, घीया 40, भिंडी 60, टमाटर 200, नींबू 100, गोभी 100, पत्ता गोभी 40, पालक 40 रुपए प्रति किलो की दर से बाजार में बिक रहा है.
आपको याद होगा की जिस टमाटर को किसान 2 रुपए प्रति किलो बेचने या फिर सड़कों पर फेंककर अपना विरोध जता रहे थे, वही टमाटर अब 200 रुपये प्रति किलो बाजार में बिक रहा है. किसानों से भले ही अभी भी कम दाम में आढ़ती सब्जी खरीद रहा हो, उसके बावजूद भी किसानों को पिछले कई सालों से इतना भाव सब्जियों का नहीं मिला, जितना मौजूदा दौर में मिल रहा है.
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आढ़ती किसान से भिंडी 30 रुपए प्रति किलो खरीद रहा है जबकि ग्राहकों को दोगुना यानि 60 रुपए प्रति किलो की दर से मिल रही है. हरियाणा समेत कई राज्यों में भारी बारिश से चलते बाढ़ जैसे हालात हैं. मौसम विभाग के मुताबिक कई दिन तक भारी बरसात होने की संभावना है. ऐसे में सब्जी के दामों में और अधिक बढ़ोतरी होने से इनकार नहीं किया जा सकता. अब बहुत सी सब्जियां गरीब की रसोई से भी गायब हो चली हैं.
नूंह जिले के किसान सब्जी की फसलों के दाम बढ़ने की वजह से लगातार उत्साहित हैं और अपनी सब्जी फसलों की देखरेख में खेतों में जुटे हुए हैं. फसलों को कीटनाशकों से बचाने के लिए लगातार दवाइयों का छिड़काव कर रहे हैं. ताकि उनकी सब्जी फसलें सुरक्षित रह सकें और बाजार में उन्हें अच्छे भाव मिल सकें. नूंह जिले का ज्यादातर इलाका शुष्क क्षेत्र में आता है. इसलिए यहां बाढ़ जैसे हालात कई के दशक बाद भी देखने को नहीं मिलते. इसलिए इस इलाके में सब्जी उत्पादक किसान इस बार अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं.
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