नूंह: मेडल की फैक्ट्री कहलाने वाले हरियाणा राज्य का एक ऐसा अभागा जिला है, जहां खेल विभाग पूरी तरह से खेल गतिविधियों से जोड़ने में युवाओं को नाकाम रहा है. अब जिले के युवाओं को खेल की गतिविधियों से जोड़ने के लिए पुलिस विभाग ने बीड़ा उठाया है. पंचायत विभाग, खेल विभाग, शिक्षा विभाग सहित कई विभागों का साथ लेकर जिले के सेवानिवृत्त -अधिकारियों व कर्मचारियों की मदद से अब जिले के युवा बड़ी तादाद में खेल की गतिविधियों से जुड़े हुए दिखाई देंगे.
खास बात ये है कि करोड़ों रुपये की लागत से जो राजीव गांधी खेल परिसर खंड स्तर पर बनाए गए थे, अब उनका भी इस्तेमाल खेल गतिविधियों में होने जा रहा है. पुलिस विभाग ने हर खेल स्टेडियम में खेलों की गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए एसपीओ तथा होमगार्ड के जवान के अलावा खेल विभाग के कोच, सेवानिवृत अधिकारी व कर्मचारी, गांव के सरपंच के अलावा नई भर्ती किए गए सब इंस्पेक्टर को कमेटी में शामिल किया है, जो स्टेडियम में खेल गतिविधियों पर ध्यान देंगे.
इस काम को महज एक सप्ताह के अंदर पूरा कर लिया जाएगा. 1 दिसंबर से जिले के सभी सात खंडों में बनाए गए खेल स्टेडियम शाहपुर नंगली, नगीना, पिनगवां, सिरौली, कोटा झामूबास, कामेड़ा में अब जल्दी ही बच्चे क्रिकेट, कबड्डी, रेस, फुटबॉल, वॉलीबॉल, हाकी, तलवारबाजी, मुक्केबाजी, कुश्ती जैसे खेलों में अपना जौहर दिखाते हुए दिखाई देंगे. इस काम में सबसे अहम कड़ी जिले के सेवानिवृत अधिकारी व कर्मचारी निभाने जा रहे हैं.
इसके अलावा जिले में बनाई गई नई लाइब्रेरी लफूरी, झारोकड़ी, इंदाना, बड़का, पैमाखेड़ा, पाटूका, मांडीखेड़ा, पाडला, शाहपुरी, बाई में सुरक्षा के लिए होमगार्ड तैनात किए गए हैं, जो सुबह लाइब्रेरी का ताला खोलने से लेकर शाम को ताला लगाने का काम करेंगे और लाइब्रेरी में बच्चों का रुझान पढ़ाई की तरफ कैसे बढ़ाया जाए इस पर पूरा फोकस करेंगे. गांव के सरपंचों के अलावा ई लाइब्रेरियों को बेहतर ढंग से चलने के लिए गठित की गई कमेटी पूरा फोकस रखेगी.
इसके अलावा जिले में पंचायत विभाग द्वारा बनाई गई पांच व्यायाम शालाओं में भी अब खेल एवं योग इत्यादि की गतिविधियां शुरू होने जा रही हैं. नूंह जिला वर्ष 2005 में वजूद में आया था, लेकिन खेल विभाग की गतिविधियां इस जिले में जीरो रही. हरियाणा में जहां मेडलों की भरमार होती है, वहां इस जिले में मेडल का खाता तक नहीं खुलता. प्रदेश के इस ऐसे जिले में अब पुलिस विभाग की मदद से मेडल की शुरुआत होने से इनकार नहीं किया जा सकता है.
अब यहां के खिलाड़ी भी दूसरे जिलों के खिलाड़ियों के बराबर अपने -अपने खेल में अपना जौहर दिखाने जा रहे हैं। पुलिस कप्तान नरेंद्र सिंह बिजारनिया ने कहा कि यहां के युवाओं में हुनर की कमी नहीं है, लेकिन उन्हें निखारने के लिए कोच एवं खेल मैदान को बेहतरीन सुविधाएं देनी होगी, तभी जाकर यहां का युवा खेलों की तरफ आगे बढ़कर अपना भविष्य बन सकता है. कुल मिलाकर अब खेल विभाग को पीछे छोड़ते हुए पुलिस विभाग ने युवाओं को खेल गतिविधियों से जोड़ने का जिम्मा उठा लिया है और जिले के सेवानिवृत अधिकारियों - कर्मचारियों ने भी पुलिस विभाग का पूरा सहयोग करने की बात कही है.
सबसे खास बात यह है कि खेल विभाग में जो कोच भर्ती होने के बाद स्कूलों में अपनी ड्यूटी दे रहे हैं, उनको भी अब जल्द ही खेल मैदान में कोचिंग करते हुए देखा जा सकेगा. इसके अलावा आगामी एक महीने में जिले में बनाई गई अत्याधुनिक तरीके से सभी सुविधाओं से लैस लाइब्रेरी में भी जिले के युवा अब अपनी पढ़ाई करते हुए दिखाई देंगे और उनकी सुरक्षा के लिए होमगार्ड की तैनाती कर दी गई है. इस पहल का जिले के सरपंचों के साथ - साथ रिटायर्ड अधिकारियों - कर्मचारियों ने स्वागत किया है और भरोसा दिलाया है कि वह इसको सफल बनाने के लिए अपना सर्वोच्च देने का काम करेंगे.