नूंह: हरियाणा के नूंह जिले में स्थित राजकीय शहीद हसन खान मेवाती मेडिकल कॉलेज नल्हड़ (Shaheed Hasan Khan Mewati Medical College Nalhar) इलाज के नाम पर सफेद हाथी साबित हो रहा है. इस मेडिकल कॉलेज में फैकल्टी डॉक्टर के अलावा सीनियर रेजिडेंट और जूनियर रेजिडेंट की भारी कमी है. डॉक्टरों की कमी के साथ-साथ अन्य स्टाफ का भी घोर अभाव है. डॉक्टरों की कमी के कारण मरीजों को पर्याप्त इलाज नहीं मिल पा रहा है. रही सही कसर दवाइयों की कमी और मशीनों का खटारा हो जाना पूरी कर रहा है.
नहीं हो रही स्टाफ की नियुक्ति- जानकारी के मुताबिक शहीद हसन खान मेवाती मेडिकल कॉलेज नल्हड़ में फैकल्टी डॉक्टर्स के 142 पद स्वीकृत हैं. जिनमें से 89 भरे हुए हैं जबकि 53 पद खाली हैं. बात अगर सीनियर रेजिडेंट करें तो 110 पद स्वीकृत हैं जिनमें से 35 भरे हुए हैं और 75 पद खाली पड़े हुए हैं. ठीक इसी तरह जूनियर रेजिडेंट की बात करें तो कुल 92 पद स्वीकृत हैं. जिनमें से 43 भरे हुए हैं और 49 पद खाली पड़े हुए हैं.
जानकारों के मुताबिक SHKM मेडिकल कॉलेज नल्हड़ (SHKM Medical College Nalhar) में फैकल्टीज की नियुक्ति नियमित की जाती है. जबकि सीनियर रेजिडेंट डेमोंस्ट्रेटर की नियुक्ति 3 साल के लिए अनुबंध आधार पर की जाती है. ठीक इसी तरह जूनियर रेजिडेंट की नियुक्ति अनुबंध आधार पर 6 महीने के लिए की जाती है. इसे आगे बढ़ाया जा सकता है. हालात अन्य स्टाफ के भी बेहतर नहीं हैं. मेडिकल कॉलेज प्रशासन के मुताबिक वह आला अधिकारियों को डॉक्टरों की कमी के साथ-साथ मशीनरी को लेकर बार - बार पत्राचार कर रहे हैं.
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इलाज के लिए करना पड़ रहा महीनों इंतजार- राजकीय शहीद हसन खान मेवाती मेडिकल कॉलेज नल्हड़ 94 एकड़ भूमि में बना हुआ है. यह हॉस्पिटल तकरीबन 500 करोड़ रुपये की लागत से तैयार हुआ था. इस आलीशान SHKM मेडिकल कॉलेज में सुविधाओं का भी अभाव (Lack Of Facilities In SHKM Medical College) है. हालात इस कदर खराब हो चुके हैं. कि मरीजों को अल्ट्रासाउंड और एक्स-रे मशीन की सुविधा भी नहीं मिल पा रही है. अधिकतर मरीजों को इस मेडिकल कॉलेज से अन्य जगह पर रेफर किया जाता है. मरीजों का ऑपरेशन कई- कई महीने तक नहीं हो पा रहा है.
![SHKM Medical College Nalhar](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/17088748_k.png)
डायरेक्टर ने कबूली सुविधाओं की कमी- वहीं जब इस बारे में SHKM के निदेशक डॉ पवन गोयल से बात की गई तो उन्होंने माना कि फैकल्टी , डॉक्टर्स की कमी के अलावा अन्य स्टाफ की भी कमी है. इसके अलावा कुछ मशीनों को नई खरीदने की आवश्यकता है तो कुछ की मरम्मत कराने की आवश्यकता है. उन्होंने यह भी माना कि मरीजों को अल्ट्रासाउंड इत्यादि की सुविधा मेडिकल कॉलेज में नहीं मिल पा रही है.
![SHKM Medical College Nalhar](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/17088748_sk.jpg)
अस्पताल में नहीं मिलती दवाइयां- SHKM मेडिकल कॉलेज नल्हड़ में इलाज करवा रहे मरीजों के परिवार का आरोप है कि हॉस्पिटल से दो रुपये की भी दवाइयां नहीं मिलतीं. मेडिकल कॉलेज के बाहर तकरीबन एक दर्जन से अधिक मेडिकल स्टोर खुले हुए हैं. जहां दवाई खरीदने के लिए लोगों का सुबह से देर रात तक तांता लगा रहता है. दवाइयों की कमी के कारण इलाज कराने आने वाले लोगों की जेब पर बोझ डाला जा रहा है.
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विधायक ने साधा विज पर निशाना- स्थानीय विधायक आफताब अहमद ने मेडिकल कॉलेज की बदहाली को अगस्त माह में विधानसभा सत्र के दौरान बड़ी मजबूती से उठाया था. उस समय सरकार ने जवाब में डॉक्टरों के यह आंकड़े प्रस्तुत किए थे. अब आप सहज अंदाजा का लगा सकते हैं कि स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के खुद महकमे का स्वास्थ्य ठीक नहीं है. हालात ये हैं कि स्वास्थ्य मंत्री से प्रदेश के चार मेडिकल कॉलेज अच्छे ढंग से नहीं चलाए जा रहे हैं.
![SHKM Medical College Nalhar](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/17088748_na.jpg)
विधायक ने कहा कि मरीज सुविधाओं के अभाव में खासे परेशान हैं. उनकी आर्थिक तंगी उन्हें इसी मेडिकल कॉलेज में इलाज कराने के लिए मजबूर कर रही है. सबसे खास बात तो यह है कि जो डॉक्टर इस वक्त मेडिकल कॉलेज नल्हड़ में कार्यरत हैं. उनमें से तकरीबन 50 फीसदी डॉक्टर अब छुट्टी पर जाने वाले हैं या जा चुके हैं. ऐसे में मरीजों को किस प्रकार की स्वास्थ्य सुविधाएं मिलेंगी इसका अंदाजा आप सहज ही लगा सकते हैं.
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