नूंह: नूंह हरियाणा को वो जिला जो कई क्षेत्रों में पिछड़ा है. चाहे फिर वो स्वास्थ्य सेवाएं हो, शिक्षा हो या फिर रोजगार. जिले में कई युवा पढ़े-लिखे होने के बाद भी बेरोजगार हैं. ऐसे युवा अगर चाहें तो मधुमक्खी पालन कर अच्छी खासी कमाई कर सकते हैं.
यूपी से आए युवा कर रहे मधुमक्खी पालन
हरियाणा खासकर नूंह में मधुमक्खी पालन ज्यादा नहीं किया जाता है, लेकिन ये भी सच है कि दिसंबर से लेकर फरवरी महीने तक नूंह में उत्तर प्रदेश से आए लोग मधुमक्खी पालन कर अच्छा मुनाफा कमाते हैं. हर साल इन्हीं महीनों में उत्तर प्रदेश से मधुमक्खी पालक नूंह आते हैं और मधुमक्खी पालन का काम करते हैं.
नूंह जिला सरसों पालन में दूसरे स्थान पर
दरअसल, नूंह जिला राज्य में सरसों उत्पादन में दूसरे नंबर पर आता है और सरसों के फूलों से मधुमक्खी बड़ी आसानी से और बहुत जल्द शहद तैयार कर लेती हैं, जिसे बेचकर युवा अच्छा लाभ कमा लेते हैं. उत्तर प्रदेश से आए युवाओं ने बताया कि वो हर साल यहां आते हैं और दो-तीन महीने मधुमक्खी पालन कर वापस चले जाते हैं.
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शहद की बढ़ती मांग से फल-फूल सकता है रोजगार
किसानों को लगता है कि अगर मधुमक्खी उनके फूल का रस ले रही है तो उससे उनका फूल मुर्झा जाएगा, लेकिन सच तो ये है कि ऐसा करके मधुमक्खी फसलों में डाले गए कीटनाशक के असर को कम कर देती है. यानी की सरसों की फसल ना सिर्फ मधुमक्खी पालकों के लिए लाभकारी है, बल्कि मधुमक्खी पालकों के आने से सरसों के उत्पादन में भी इजाफा होता है. कुल मिलाकर ये कहा जा सकता है कि अगर नूंहवासी भी यूपी के तर्ज पर इस व्यवसाय को अपना लेते हैं तो इससे वो अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं.