नूंह: हरियाणा के नूंह जिले के गुलालता गांव में साढ़े 6 वर्ष की आलिया बड़े-बड़े धावकों को हराकर मेडल पर कब्जा कर चुकी है. उम्र भले ही कम हो लेकिन मेवात की इस नन्ही से धावक में पूरा दम है. सपने भी बड़े हैं. अपने नाम को रोशन करने के साथ-साथ देश के लिए गोल्ड मेडल लाने की तैयारी में जुटी हुई है.
छोटी उम्र में बड़ा धमाका कर चुकी है आलिया: बेटियां बेटों से कम नहीं हैं इस कहावत को हरियाणा के नूंह जिले के गुलालता गांव की आलिया सच साबित करने में जुट गई है. आलिया महज साढ़े 6 वर्ष की उम्र में कई बार रेस कंपटीशन में इंटरनेशनल धावकों को हराकर मेडल अपने नाम कर चुकी है. आलिया ने मेवात में भी दर्जनों मेडल, ट्रॉफी अपने नाम किए हैं. आलिया को देखने के लिए दूसरे राज्य से भी लोग उनके निवास पहुंचते हैं और उनसे प्रेरणा लेते हैं.
2 साल की उम्र से दौड़ रही आलिया: आलिया ने बताया कि वह 2 साल की थी, तब से रेस करती आ रही है. आलिया को उसके चाचा जफर पहलवान ट्रेनिंग देते हैं. आलिया को देश के लिए गोल्ड मेडल के लिए उसके चाचा तैयार कर रहे हैं. आलिया का अभी से सपना है कि उसे देश के लिए गोल्ड लाना है.
आलिया अपने चाचा से ले रही ट्रेनिंग: वहीं, आलिया के कोच जफर पहलवान ने कहा 'आलिया बहुत छोटी थी, तब से रेस करती आ रही है. आलिया ने गुंजन हरियाणा, खुशी जोधपुर जैसे रेसर को हराया है और मेडल अपने नाम किए हैं. अभी उसकी उम्र बहुत कम है, आगे चलकर भारत के लिए गोल्ड मेडल लाने की तैयारी में जुटे हुए हैं. मेवात के लोग आलिया से प्रेरणा लें, अपने बच्चों को खेल कूद के प्रति जागरूक करें. हम बेटों से ज्यादा बेटियों पर भरोसा रखते हैं.'
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सुबह-शाम एक-एक घंटे दौड़ती है आलिया: नन्ही सी धावक बिना किसी स्टेडियम और बिना किसी सरकारी कोच के ही सब पर भारी पड़ती है. आलिया सुबह-शाम रोजाना एक-एक घंटे दौड़ लगाती है. दूध, दही, घी, बादाम पहलवानों की तरह खाती है. किसी स्टेडियम में नहीं बल्कि गांव की सड़क पर ही रेस लगाती है. आलिया के हुनर की वजह से गांव गुलालता के लोगों ने कई बार गांव में रेस प्रतियोगिता भी कराई. उसी प्रतियोगिता में वर्ष 2022 में गुंजन हरियाणा और वर्ष 2023 में खुशी जोधपुर को दौड़ में पछाड़ दिया था.