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Radish farming in Nuh: नूंह में मूली की खेती से मालामाल हुए किसान, खेत में ही मिल रहा मंडी से बेहतर रेट

Radish farming in Nuh: नूंह में मूली की खेती करने से किसान काफी खुश नजर आ रहे हैं. खास बात ये है कि किसानों को मंडी से भी अच्छा रेट खेत में ही मिल रहा है, जिससे किसान मालामाल हो रहे हैं. रिपोर्ट में विस्तार से जानें

Radish farming in Nuh
नूंह में मूली की खेती से किसानों को फायदा
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Oct 14, 2023, 10:35 PM IST

Updated : Oct 15, 2023, 9:39 AM IST

नूंह में मूली की खेती से मालामाल हुए किसान

नूंह: हरियाणा के जिला नूंह में खानपुर घाटी झिमरावट और मरोड़ा गांव में मूली उत्पादन करने वाले किसानों की बल्ले-बल्ले हो रही है. इन गांवों के किसान हर साल मूली की फसल लगाते हैं. जिससे अच्छी आमदनी होती है. रेट अच्छा मिलने से किसानों को मंडी भी नहीं जाना पड़ रहा है. ज्यादातर ग्राहक खेत में पहुंचकर हाथों-हाथ ही मूली खरीद रहे हैं.

ये भी पढे़ं: How To Do Potato Farming: कुरुक्षेत्र में आलू की बुवाई शुरू, किसान इस तरीके से करें बिजाई तो हो जाएंगे मालामाल

हल्की सी सर्दी की शुरुआत होते ही ग्राहक किसानों से मूली की फसल खरीदने लगते हैं. किसान इसी जमीन में ज्वार-बाजरा की कटाई करने के बाद पहले मूली की बुवाई करते हैं और मूली की फसल खत्म होने के बाद इन्हीं खेतों में पछेती गेहूं की फसल लगाकर अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. शुरुआत में मूली के करीब 30 रुपये प्रति किलो भाव मिल जाते हैं और बाद में 20 रुपये प्रति किलो तक मूली बिक जाती है.

Farmers benefit from radish cultivation
मूली की फसल से किसानों को मुनाफा

कुल मिलाकर जो किसान अपनी मूली की फसल को सब्जी मंडी में आढ़त इत्यादि कटवाने के बाद सस्ते दामों पर बेचता है, वहीं किसान इस मूली की फसल को अच्छे दाम में खेत में ही या खेत के किनारे सड़क पर बेच रहे हैं. मूली की चमक और हरियाली देखकर ही वहां से गुजरने वाले लोग मूली खरीदने लगते हैं.

खास बात ये है की मरोड़ा, खानपुर घाटी तथा झिमरावट गांव की मूली आसपास के इलाके में खासी मशहूर है. मूली को लोग सलाद और भुजिया जैसी सब्जी बनाने के लिए भी एक-एक व्यक्ति कम से कम पांच-पांच किलो मूली खरीद कर घर ले जा रहे हैं. जिससे किसानों को काफी मुनाफा हो रहा है. साथ ही ग्राहकों को भी शुद्ध और ताजा सब्जी मिल रही है. ये कोई पहली बार नहीं है.

पिछले कई दशक से लगातार कुछ किसान मूली की फसल बेचने का काम करते आ रहे हैं. खास बात यह है कि मूली की फसल 2-3 महीने की है. सालभर में यह किसान करीब तीन फसल एक खेत से ले रहे हैं. इससे किसानों की आमदनी बढ़ रही है. इस मूली को पैदा करने वाला किसान ही नहीं बल्कि खरीददार भी खुश नजर आ रहे हैं.

ये भी पढे़ं: बिना मिट्टी के हवा में की जा रही आलू की खेती, जानिए क्या है एयरोपोनिक तकनीक

नूंह में मूली की खेती से मालामाल हुए किसान

नूंह: हरियाणा के जिला नूंह में खानपुर घाटी झिमरावट और मरोड़ा गांव में मूली उत्पादन करने वाले किसानों की बल्ले-बल्ले हो रही है. इन गांवों के किसान हर साल मूली की फसल लगाते हैं. जिससे अच्छी आमदनी होती है. रेट अच्छा मिलने से किसानों को मंडी भी नहीं जाना पड़ रहा है. ज्यादातर ग्राहक खेत में पहुंचकर हाथों-हाथ ही मूली खरीद रहे हैं.

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हल्की सी सर्दी की शुरुआत होते ही ग्राहक किसानों से मूली की फसल खरीदने लगते हैं. किसान इसी जमीन में ज्वार-बाजरा की कटाई करने के बाद पहले मूली की बुवाई करते हैं और मूली की फसल खत्म होने के बाद इन्हीं खेतों में पछेती गेहूं की फसल लगाकर अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. शुरुआत में मूली के करीब 30 रुपये प्रति किलो भाव मिल जाते हैं और बाद में 20 रुपये प्रति किलो तक मूली बिक जाती है.

Farmers benefit from radish cultivation
मूली की फसल से किसानों को मुनाफा

कुल मिलाकर जो किसान अपनी मूली की फसल को सब्जी मंडी में आढ़त इत्यादि कटवाने के बाद सस्ते दामों पर बेचता है, वहीं किसान इस मूली की फसल को अच्छे दाम में खेत में ही या खेत के किनारे सड़क पर बेच रहे हैं. मूली की चमक और हरियाली देखकर ही वहां से गुजरने वाले लोग मूली खरीदने लगते हैं.

खास बात ये है की मरोड़ा, खानपुर घाटी तथा झिमरावट गांव की मूली आसपास के इलाके में खासी मशहूर है. मूली को लोग सलाद और भुजिया जैसी सब्जी बनाने के लिए भी एक-एक व्यक्ति कम से कम पांच-पांच किलो मूली खरीद कर घर ले जा रहे हैं. जिससे किसानों को काफी मुनाफा हो रहा है. साथ ही ग्राहकों को भी शुद्ध और ताजा सब्जी मिल रही है. ये कोई पहली बार नहीं है.

पिछले कई दशक से लगातार कुछ किसान मूली की फसल बेचने का काम करते आ रहे हैं. खास बात यह है कि मूली की फसल 2-3 महीने की है. सालभर में यह किसान करीब तीन फसल एक खेत से ले रहे हैं. इससे किसानों की आमदनी बढ़ रही है. इस मूली को पैदा करने वाला किसान ही नहीं बल्कि खरीददार भी खुश नजर आ रहे हैं.

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Last Updated : Oct 15, 2023, 9:39 AM IST
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