नूंह: फरीदाबाद पुलिस (Faridabad police) पर नूंह के जमालगढ़ गांव (Jamalgarh village nuh) के युवक की पिटाई करने का आरोप लगा है. आरोप है कि पुलिस की पिटाई की वजह से युवक की मौत हो गई. जिसके बाद परिजनों ने सड़क पर जमकर हंगामा किया और तोड़फोड़ की. परिजनों ने पुलिस पीसीआर को भी आग के हवाले कर दिया. पुलिस ने जुनैद नाम के युवक को करीब 12 दिन पहले किसी मुकदमे के सिलसिले में उस वक्त हिसारत में लिया था. जब वो अपने दोस्तों के साथ बारात से वापस अपने गांव लौट रहा था. इसके साथ ही पुलिस ने गांव के पांच अन्य युवकों को भी उठाया था.
क्राइम सेल फरीदाबाद पुलिस (Crime cell Faridabad Police) पर आरोप है कि पुलिस ने जुनैद नाम के युवक की बेरहमी से पिटाई की. आरोप है कि युवक को छोड़ने की एवज में पुलिस ने मोटी रकम लेने की डिमांड की थी. आरोप है कि जुनैद को छोड़ने के एवज में पुलिस ने 70 हजार रुपये लिए थे. पीड़ित परिवार का आरोप है कि उनके पास क्राइम सेल फरीदाबाद के एसआई राजेश कुमार से बातचीत के भी सबूत हैं. जिसमें वो खुलेआम रिश्वत मांग रहा है. इतना ही नहीं उसने रुपए नहीं देने की सूरत में नाजायज मुकदमों में फंसाने की धमकी भी दी है.
मृतक जुनैद के रिश्तेदार मोहम्मद इशाक ने कहा कि उन्होंने पुलिस अधिकारियों से भी इस बारे में बातचीत की. उन्होंने बताया कि एक जून को इरशाद और आजाद जो मृतक के सगे भाई हैं. उनको भी पुलिस उठाकर ले गई. जो अभी तक भी फरीदाबाद पुलिस की हिरासत में हैं. मोहम्मद इशाक ने बताया कि ना केवल मरने वाला जुनैद बेगुनाह है, बल्कि अभी भी पुलिस हिरासत में उसके दो भाई इरशाद और आजाद बंद है.
खबर लिखे जाने तक अभी तक मामले में ना तो एफआईआर हुई है और ना ही डेड बॉडी का पोस्टमार्टम हुआ है. परिजनों का आरोप है कि फरीदाबाद पुलिस बिना किसी वजह से जुनैद और उसके साथियों को उठाकर ले गई थी. जिसके बाद पुलिस ने जुनैद के साथ बेरहमी से मारपीट की. परिजनों का आरोप की 70 हजार रुपये की रिश्वत देकर वो जुनैद को छुड़वाकर लाए. जिसके बाद उसकी तबियत बिगड़ती चली गई और उसकी मौत हो गई.