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ओमान के सुल्तान का था मेवात से विशेष लगाव, उनकी याद दिलाता रहेगा अल आफिया अस्पताल

नूंह के मांडीखेड़ा में बने अल आफिया सामान्य अस्पताल का मेवातियों और ओमान के सुल्तान से एक अनोखा रिश्ता है. ओमान के सुल्तान ने ही अपनी बेटी के नाम पर मांडीखेड़ा अस्पताल का नाम बदलकर अल आफिया किया था. जानिए क्यों हुआ ऐसा और क्या है ओमान के सुल्तान का नूंह से कनेक्शन.

ओमान के सुल्तान का था मेवात से विशेष लगाव
ओमान के सुल्तान का था मेवात से विशेष लगाव
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Published : Jan 14, 2020, 9:53 AM IST

Updated : Jan 14, 2020, 10:45 AM IST

नूंह: ओमान के सुल्तान भले ही दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह चुके हों, लेकिन उनको मेवात के लोग कभी नहीं भुला पाएंगे. नूंह जिले के लोगों को सुल्तान ने ऐसी सौगात दी, जिससे मेवात के लोगों का इलाज संभव हो पा रहा है. दरअसल, उनकी बेटी अल आफिया की सन 1996 में चरखी दादरी के पास हुए विमान हादसे में मृत्यु हो गई थी. इस विमान हादसे में करीब 350 लोगों की जान चली गई थी.

ओमान के सुल्तान ने की थी 12 करोड़ रुपये की मदद
ओमान के सुल्तान की बेटी का नाम अल आफिया था, जिनके नाम पर मांडीखेड़ा अस्पताल का नाम अल आफिया सामान्य अस्पताल मांडीखेड़ा रखा गया. आपको ये भी बता दें कि 1996 में बरसात अधिक हुई थी, जिसके बाद कई बांध टूट गए थे और बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए थे. बाढ़ से मेवात क्षेत्र में फैली महामारी से करीब 5 हजार से अधिक लोगों की मौत हुई थी. तब ओमान ही वो देश था, जिसने लोगों की जानें बचाने के लिए उस वक्त 12 करोड़ रुपये की मदद भारत सरकार को दी थी.

ओमान के सुल्तान का था मेवात से विशेष लगाव, देखें वीडियो

ये भी पढ़ें- बहादुरगढ़ में सड़क बनाने वाला महकमा आया सड़क पर, जानिए क्यों ?

एचडी देवगौड़ा ने किया था अस्पताल का शिलान्यास
उस दौरान महागठबंधन के प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा ने नगीना कॉलेज परिसर में पहुंचकर बीमारी का जायजा लिया था और एक बड़ा अस्पताल बनाने का ऐलान भी किया था. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती 2 अक्टूबर 1997 को देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री इंद्र कुमार गुजराल ने मांडीखेड़ा गांव में पहुंचकर हरियाणा प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री बंसीलाल के साथ करोड़ों रुपये की लागत से ओमान की सहायता से सुल्तान काबूस बिन सैद अस्पताल का शिलान्यास किया था.

10 जनवरी को हुआ ओमान के सुल्तान का निधन
इस आयोजन में भारत में ओमान के तत्कालीन राजदूत मोहम्मद ताहिर अलवी एदीद भी शामिल हुए थे. ओमान के सुल्तान की मौत पर मेवात में शोक की लहर है. इधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ओमान के सुल्तान काबूस बिन सैद के निधन पर दुख जताते हुए सोशल मीडिया पर घनिष्ठ मित्र एवं दूरदर्शी नेता और आधुनिक ओमान का निर्माता बताया है. बता दें कि 10 जनवरी को 79 वर्षीय सुल्तान का ओमान में निधन हो गया था.

मेवात के लोगों का है सुल्तान से अनोखा रिश्ता
जब से ओमान के बादशाह सुल्तान काबूस बिन सैद की मौत की खबर सुनी है. मेवात के गांवों में मातम का माहौल है. नूंह जिले को भले ही कुछ वर्ष पहले मेडिकल कालेज नल्हड़ मिला हो, लेकिन अभी भी जिले की अधिकतर आबादी अल आफिया अस्पताल मांडीखेड़ा से ही इलाज कराने में भरोसा रखती है.

क्या है खास
अल आफिया अस्पताल भवन की जो ड्राइंग है, उस जैसा भवन हरियाणा ही नहीं बल्कि देशभर में शायद ही किसी राज्य में होगा. नक्शा और पत्थर जो ईमारत की खूबसूरती को किसी पंचतारा होटल जैसा बनाता है. कुछ वैसा ही नक्शा और पत्थर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में स्थित ओमान एम्बेसी में लगा हुआ है. ओमान के सुल्तान ने पूरा दिल खोलकर इसे बनाया था.

नूंह: ओमान के सुल्तान भले ही दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह चुके हों, लेकिन उनको मेवात के लोग कभी नहीं भुला पाएंगे. नूंह जिले के लोगों को सुल्तान ने ऐसी सौगात दी, जिससे मेवात के लोगों का इलाज संभव हो पा रहा है. दरअसल, उनकी बेटी अल आफिया की सन 1996 में चरखी दादरी के पास हुए विमान हादसे में मृत्यु हो गई थी. इस विमान हादसे में करीब 350 लोगों की जान चली गई थी.

ओमान के सुल्तान ने की थी 12 करोड़ रुपये की मदद
ओमान के सुल्तान की बेटी का नाम अल आफिया था, जिनके नाम पर मांडीखेड़ा अस्पताल का नाम अल आफिया सामान्य अस्पताल मांडीखेड़ा रखा गया. आपको ये भी बता दें कि 1996 में बरसात अधिक हुई थी, जिसके बाद कई बांध टूट गए थे और बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए थे. बाढ़ से मेवात क्षेत्र में फैली महामारी से करीब 5 हजार से अधिक लोगों की मौत हुई थी. तब ओमान ही वो देश था, जिसने लोगों की जानें बचाने के लिए उस वक्त 12 करोड़ रुपये की मदद भारत सरकार को दी थी.

ओमान के सुल्तान का था मेवात से विशेष लगाव, देखें वीडियो

ये भी पढ़ें- बहादुरगढ़ में सड़क बनाने वाला महकमा आया सड़क पर, जानिए क्यों ?

एचडी देवगौड़ा ने किया था अस्पताल का शिलान्यास
उस दौरान महागठबंधन के प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा ने नगीना कॉलेज परिसर में पहुंचकर बीमारी का जायजा लिया था और एक बड़ा अस्पताल बनाने का ऐलान भी किया था. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती 2 अक्टूबर 1997 को देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री इंद्र कुमार गुजराल ने मांडीखेड़ा गांव में पहुंचकर हरियाणा प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री बंसीलाल के साथ करोड़ों रुपये की लागत से ओमान की सहायता से सुल्तान काबूस बिन सैद अस्पताल का शिलान्यास किया था.

10 जनवरी को हुआ ओमान के सुल्तान का निधन
इस आयोजन में भारत में ओमान के तत्कालीन राजदूत मोहम्मद ताहिर अलवी एदीद भी शामिल हुए थे. ओमान के सुल्तान की मौत पर मेवात में शोक की लहर है. इधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ओमान के सुल्तान काबूस बिन सैद के निधन पर दुख जताते हुए सोशल मीडिया पर घनिष्ठ मित्र एवं दूरदर्शी नेता और आधुनिक ओमान का निर्माता बताया है. बता दें कि 10 जनवरी को 79 वर्षीय सुल्तान का ओमान में निधन हो गया था.

मेवात के लोगों का है सुल्तान से अनोखा रिश्ता
जब से ओमान के बादशाह सुल्तान काबूस बिन सैद की मौत की खबर सुनी है. मेवात के गांवों में मातम का माहौल है. नूंह जिले को भले ही कुछ वर्ष पहले मेडिकल कालेज नल्हड़ मिला हो, लेकिन अभी भी जिले की अधिकतर आबादी अल आफिया अस्पताल मांडीखेड़ा से ही इलाज कराने में भरोसा रखती है.

क्या है खास
अल आफिया अस्पताल भवन की जो ड्राइंग है, उस जैसा भवन हरियाणा ही नहीं बल्कि देशभर में शायद ही किसी राज्य में होगा. नक्शा और पत्थर जो ईमारत की खूबसूरती को किसी पंचतारा होटल जैसा बनाता है. कुछ वैसा ही नक्शा और पत्थर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में स्थित ओमान एम्बेसी में लगा हुआ है. ओमान के सुल्तान ने पूरा दिल खोलकर इसे बनाया था.

Intro: मेवात में फैली महामारी से निपटने के लिए ओमान ने दी थी 12 करोड़ की मदद

मेवात के गांव मांडीखेड़ा में बनाया गया था सुल्तान काबूस बिन सैद अस्पताल

सुल्तान के निधन पर पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्वीटस कर जताया दुख, बताया सच्चा मित्र

सन 1996 में 5 हजार से अधिक लोगों की बाढ़ से फैली महामारी में हुई थी मौत

संवाददाता नूह मेवात
स्टोरी ;- ओमान के सुल्तान का था मेवात से विशेष लगाव , उनकी हमेशा याद दिलाता रहेगा अल आफिया अस्पताल मांडीखेड़ा
ओमान के सुल्तान भले ही दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह चुके हों , लेकिन उनको मेवात के लोग कभी नहीं भुला पाएंगे। नूह जिले के लोगों को सुल्तान ने ऐसी सौगात दी , जिससे मेवात के लोगों का इलाज संभव हो पा रहा है। अपनी बेटी की सन 2000 में चरखी दादरी हरियाणा के समीप विमान हादसे में जान चली गई थी। दादरी में दो विमान क्रैश हुए थे , जिनमें करीब 350 लोगों की जान चली गई थी। ओमान के सुल्तान की बेटी का नाम अल आफिया था , जिनके नाम पर इस अस्पताल का नाम अल आफिया सामान्य अस्पताल मांडीखेड़ा रखा गया। पंचतारा होटल नुमा अस्पताल भवन को देखर किसी आम आदमी ने नहीं बल्कि तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आजाद जैसी बड़ी शख्सियत ने भी गत 1 जून 2011 को जननी - शिशु सुरक्षा योजना की शुरुआत के अवसर पर यूपीए चैयरपर्सन सोनिया गांधी के दौरे के दौरान तारीफ की थी। Body:आपको बता दें कि 1996 में बरसात अधिक हुई थी , जिसके बाद कामेडा इत्यादि बांध टूट गए और बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए। बाढ़ से मेवात क्षेत्र में फैली महामारी से करीब 5 हजार से अधिक लोगों की मौत हुई थी। तब ओमान ही वह देश था , जिसने लोगों की जानें बचाने के लिए उस वक्त 12 करोड रुपए की भारी भरकम मदद भारत सरकार को दी थी। उस दौरान महागठबंधन के प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा ने नगीना कॉलेज परिसर में पहुंचकर बीमारी का जायजा लिया था और एक बड़ा अस्पताल बनाने का ऐलान भी किया। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती 2 अक्टूबर 1997 को देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री इंद्र कुमार गुजराल ने मांडीखेड़ा गांव में पहुंचकर हरियाणा प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री बंसीलाल के साथ करोड़ों रुपए की लागत से ओमान की सहायता से सुल्तान काबूस बिन सैद अस्पताल का शिलान्यास किया था। इस आयोजन में भारत में ओमान के तत्कालीन राजदूत मोहम्मद ताहिर अलवी एदीद भी शामिल हुए थे। ओमान के सुल्तान की मौत पर मेवात में शोक की लहर है। इधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ओमान के सुल्तान काबूस बिन सैद के निधन पर दुख जताते हुए सोशल मीडिया पर घनिष्ठ मित्र एवं दूरदर्शी नेता तथा आधुनिक ओमान का निर्माता बताया है। गत शुक्रवार रात्रि मस्कट में 79 वर्षीय सुल्तान का ओमान का निधन हो गया था। मौलाना डाॅक्टर रफीक आजाद सहित बाढ़ के दौरान मेवात में फैली महामारी पर प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा से मेवात की उलेमा बिरादरी का प्रतिनिधि मंडल मिला था। बाढ़ की खबर के बाद भारत सरकार के नागरिक उड्यन मंत्री सीएम इब्राहिम ने मेवात क्षेत्र का दौरा किया और हालात का जायजा लेने के बाद पूर्व पीएम को स्तिथि से अवगत कराया। पीएम का नगीना दौरा करवाया तथा एक अस्पताल का ऐलान भी हुआ। तब मेवात - गुड़गांव जिले का हिस्सा हुआ करता था । समाजसेवी राजूद्दीन मेव बताते हैं कि उस दौरान फैली महामारी में 5000 से अधिक लोगों की जान चली गई थी। यह बात देश - दुनिया में फैल गई थी। तब ओमान ने 12 करोड़ रुपए की मदद दी थी। एक शिष्टमंडल प्रधानमंत्री भारत सरकार से भी उस दौरान मिला था। राजुद्दीन मेव ने बताया कि 18 एकड़ जमीन ग्राम पंचायत मांडीखेड़ा ने मुफ्त अस्पताल बनाने के लिए दी थी। जब से ओमान के बादशाह सुल्तान काबूस बिन सैद की मौत की खबर सुनी है। मेवात के गांवों में मातम का माहौल है। नूह जिले को भले ही कुछ वर्ष पहले मेडिकल कालेज नल्हड को सौगात कांग्रेस सरकार ने दी , लेकिन अभी भी जिले की अधिकतर आबादी अल आफिया अस्पताल मांडीखेड़ा से ही इलाज कराने में भरोसा रखती है।
क्या है खास ;- अल आफिया अस्पताल भवन की जो ड्राइंग है , उस जैसा भवन हरियाणा ही नहीं बल्कि देश भर में शायद ही किसी राज्य में होगा। नक्शा तथा पत्थर जो ईमारत की खूबसूरती को किसी पंचतारा होटल जैसा बनाता है , कुछ वैसा ही नक्शा और पत्थर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में स्थित ओमान एम्बेसी में लगा हुआ है। ओमान के सुल्तान ने पूरा दिल खोलकर तथा खजाने का मुंह खोलकर इसे बनाया था। इस अस्पताल से देश - दुनिया की कुछ मशहूर हस्तियों का नाम भी जुड़ा हुआ है। पूर्व पीएम एचडी देवगौड़ा , पूर्व पीएम आई के गुजराल , यूपीए चैयरपर्सन सोनिया गांधी , पूर्व सीएम गुलाम नबी आजाद , पूर्व राज्यपाल जगन्नाथ पहाड़िया , पूर्व केंद्रीय मंत्री सीएम इब्राहिम , पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा सहित कई अन्य हस्तियों का नाम जुड़ा हुआ है। Conclusion:बाइट ;- राजुद्दीन समाजसेवी
बाइट ;- रिहान रजा एनएचएम जिला प्रधान एवं मांडीखेड़ा निवासी
संवाददाता कासिम खान नूह मेवात
Last Updated : Jan 14, 2020, 10:45 AM IST
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