नूंह: देश के पिछड़े जिलों में शामिल नूंह के तावडू उपमंडल के गांव पढेनी निवासी दिव्यांग एथलीट छात्रा का चयन बर्लिन में होने वाले स्पेशल ओलंपिक वर्ल्ड समर गेम्स बर्लिन 2023 में शामिल होने वाले भारतीय दल में हुआ है. चयनित छात्रा सरस्वती गांव के सरकारी स्कूल में पढ़ती हैं. वह बर्लिन में अगले महीने 17 से 25 जून तक होने वाले स्पेशल ओलंपिक वर्ल्ड समर गेम्स के लिए चयनित हुई हैं. इसके अलावा भारतीय दल में हरियाणा से 12 दिव्यांग एथलीट शामिल हैं.
हरियाणा स्पेशल ओलंपिक खेल प्राधिकरण के क्षेत्रीय निदेशक वीरेंद्र कुमार ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि नूंह में स्केटिंग स्पर्द्धा के लिए एकमात्र मानसिक दिव्यांग सरस्वती का चयन हुआ है. वहीं इसी स्पर्द्धा के पुरुष वर्ग में अंबाला से एक एथलीट का चयन किया गया है. जबकि पूरे देश से पुरुष व महिला वर्ग के आठ-आठ सदस्यों का दल स्केटिंग स्पर्धा में भारत का प्रतिनिधित्व करेगा. दोनों दलों के साथ महिला व पुरुष कोच भी शामिल होंगे.
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उन्होंने बताया कि सरस्वती ने सबसे पहले गुरुग्राम में आयोजित राज्य स्तरीय स्केटिंग प्रतियोगिता में एक हजार मीटर वर्ग में प्रथम स्थान प्राप्त किया था. पिछले वर्ष जुलाई में गुजरात में राष्ट्रीय शिविर में बेहतर प्रदर्शन के आधार पर इसका चयन किया गया है. राष्ट्रीय स्तर के तीन शिविरों में भी सरस्वती का शानदार प्रदर्शन करने का सिलसिला जारी रहा. जिसके चलते स्पेशल ओलंपिक चैंपियनशिप बर्लिन 2023 के लिए सरस्वती का चयन किया गया.
उन्होंने बताया कि आगामी 7 जून से 12 जून तक दिल्ली में अंतिम अभ्यास शिविर आयोजित होगा. इस दौरान केंद्रीय खेल मंत्री के साथ एक सेरेमनी का आयोजन भी किया जाएगा. इससे पहले गुरुग्राम में प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल के साथ भी एक सेरेमनी होगी. हरियाणा स्पेशल ओलंपिक के क्षेत्रीय निदेशक ने इस दौरान सरस्वती की प्रथम कोच के रूप में सामने आई विशेष टीचर आराधना मटानिया की प्रशंसा करते हुए कहा कि नूंह जैसे पिछड़े जिलों में ऐसे खेलों के लिए कोई आधारभूत संरचना नहीं है.
इसके बावजूद उन्होंने एक सरकारी स्कूल से प्रतिभा को निखारने का बड़ा काम किया है, जो अपने आप में एक मिसाल है. सरस्वती ने प्रशिक्षण के दौरान बताया कि वह स्पेशल ओलंपिक में मेडल जीतकर देश का नाम रोशन करना चाहती है. सरस्वती के पिता एक मजदूर हैं. ऐसे में एक संस्था की पहल से उन्हें जूते और अन्य खेल सामग्री देकर उनकी मदद की गई है. टीचर आराधना ने बताया कि सरस्वती काफी प्रतिभाशाली खिलाड़ी है.
जर्मनी के बर्लिन में होने जा रही स्पेशल ओलंपिक में वह एक हजार मीटर और पांच सौ मीटर स्केटिंग प्रतियोगिता में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी. उसने नूंह में किसी प्रकार की सुविधा नहीं होने के बावजूद भी स्केटिंग जैसी प्रतिस्पर्धा में अपने आप को निखारा है. पिछले करीब तीन महीने से सरस्वती सुबह और शाम उनकी निगरानी में अभ्यास कर रही है. उन्हें पूरा भरोसा है कि सरस्वती देश का नाम जरूर रोशन करेगी.
बता दें कि जून में जर्मनी के बर्लिन में स्पेशल ओलंपिक प्रतियोगिता में दुनिया के लगभग 190 देशों के करीब 7 हजार एथलीट और उनके सहयोगी पार्टनर हिस्सा ले रहे हैं. शारीरिक और मानसिक रूप से दिव्यांग विशेष प्रतिभा संपन्न खिलाड़ियों की यह सबसे बड़ी प्रतियोगिता है. भारत से इस प्रतियोगिता में 16 गेम्स के लिए खिलाड़ी और कोच सहित 287 सदस्यों का दल बर्लिन जाएगा.