नूंह: राष्ट्रपिता महात्मा गांधी देश के विभाजन के समय नूंह के घासेड़ा गांव में आये थे, उसी दिन से 19 अक्टूबर को मेवात दिवस के रूप में मनाया जाता है. हर साल इस दिन को मेवात के सामाजिक संगठन मनाते आ रहे हैं, लेकिन इस बार इसे एनआरसी और नागरिकता संशोधन कानून के विरोध दिवस के रूप में मनाया गया है.
'मेवाती इस कानून के खिलाफ है'
रमजान चौधरी (एडवोकेट) ने कहा कि दिल्ली स्थित लालकिला पर एनआरसी - सीएए का विरोध करने गए मेवातियों को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में लिया है. मेवात से सैकड़ों की संख्या में लोग दिल्ली पहुंचे और 18 दिसंबर को नूह से घासेड़ा गांव के हुए विरोध प्रदर्शन में जो भीड़ उमड़ी उसने मुल्क की सरकार को बता दिया कि मेवाती इस कानून के खिलाफ हैं और इसे लागू नहीं होने दिया जाएगा.
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'नूंह के लोगों ने मुगलों और अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी है'
याहया सैफी और रमजान चौधरी ने कहा कि उनके पूर्वजों ने मुगलों, अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी, अगर संविधान का मखौल उड़ाया गया, तो मेवाती आज भी डटकर विरोध करेगा. उन्होंने कहा कि नूंह जिले से बड़ी संख्या में लोगों ने देश की खातिर अपनी जान गंवाई है.
उन्होंने कहा कि गांधी जी 19 दिसंबर 1947 को मेवात आए थे. उसकी याद दिलाने के लिए मेवाती लालकिला पहुंचे, जहां से तिरंगा फहराया जाता है. शहीदी पार्क दिल्ली में भी मेवात के लोग विरोध दिवस के अवसर पर जुटे. उन्होंने कहा कि प्रोफेसर योगेंद्र यादव, पूर्व सांसद धर्मबीर गांधी जैसे जिन लोगों ने भी विरोध प्रदर्शन में भाग लेकर गिरफ्तारियां दी उसका मेवात के लोग कभी एहसान नहीं भुला पाएंगे.
'इन कानून से मुसलमानों को टारगेट किया जा रहा है'
याहया सैफी बोले की एनआरसी में सिर्फ मुस्लिम ही नहीं बल्कि हिंदू समाज के लोग भी लाइनों में खड़े होंगे, लेकिन मुसलमानों को टारगेट किया जा रहा है. मुसलमानों के साथ हिन्दू समाज के लोगों को भी खड़ा होना चाहिए. उन्होंने कहा कि वो किसी भी सूरत में नागरिकता संशोधन कानून को लागू नहीं होने देंगे.
'मुसलमान किसी के भगाने से नहीं जाएगा'
उन्होंने कहा कि मुसलमान यहां किसी के बुलाने से नहीं आया था न किसी के भगाने से जाएगा. ये गांधी का देश है, गोडसे की विचारधारा और आरएसएस के लोग इस तरह की साजिश रच रहे हैं. उन्होंने कहा कि ये जो हिंदू राष्ट्र की बात करते हैं, इस तरह के बिल से ये उसी तरफ बढ़ते जा रहे हैं.
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