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मेवात दिवस की जगह मनाया गया विरोध दिवस, CAA और NRC है वजह

नूंह का मुसलमान किसी के बुलाने पर नहीं आया था और न ही किसी के भगाने पर यहां से जाएगा. ये कहना है कि नूंह के एडवोकेट रमजान चौधरी का, जिन्होंने मेवात दिवस को इस बार विरोध दिवस के रूप में मनाया.

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Published : Dec 19, 2019, 11:12 PM IST

nuh protest against citizen amendment act
nuh protest against citizen amendment act

नूंह: राष्ट्रपिता महात्मा गांधी देश के विभाजन के समय नूंह के घासेड़ा गांव में आये थे, उसी दिन से 19 अक्टूबर को मेवात दिवस के रूप में मनाया जाता है. हर साल इस दिन को मेवात के सामाजिक संगठन मनाते आ रहे हैं, लेकिन इस बार इसे एनआरसी और नागरिकता संशोधन कानून के विरोध दिवस के रूप में मनाया गया है.

'मेवाती इस कानून के खिलाफ है'
रमजान चौधरी (एडवोकेट) ने कहा कि दिल्ली स्थित लालकिला पर एनआरसी - सीएए का विरोध करने गए मेवातियों को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में लिया है. मेवात से सैकड़ों की संख्या में लोग दिल्ली पहुंचे और 18 दिसंबर को नूह से घासेड़ा गांव के हुए विरोध प्रदर्शन में जो भीड़ उमड़ी उसने मुल्क की सरकार को बता दिया कि मेवाती इस कानून के खिलाफ हैं और इसे लागू नहीं होने दिया जाएगा.

मेवात दिवस की जगह मनाया गया विरोध दिवस, देखें वीडियो

ये भी पढ़ें- CAA का विरोध होने पर बोले बराला, 'ये कानून मुस्लिम समाज के खिलाफ नहीं है'

'नूंह के लोगों ने मुगलों और अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी है'
याहया सैफी और रमजान चौधरी ने कहा कि उनके पूर्वजों ने मुगलों, अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी, अगर संविधान का मखौल उड़ाया गया, तो मेवाती आज भी डटकर विरोध करेगा. उन्होंने कहा कि नूंह जिले से बड़ी संख्या में लोगों ने देश की खातिर अपनी जान गंवाई है.

उन्होंने कहा कि गांधी जी 19 दिसंबर 1947 को मेवात आए थे. उसकी याद दिलाने के लिए मेवाती लालकिला पहुंचे, जहां से तिरंगा फहराया जाता है. शहीदी पार्क दिल्ली में भी मेवात के लोग विरोध दिवस के अवसर पर जुटे. उन्होंने कहा कि प्रोफेसर योगेंद्र यादव, पूर्व सांसद धर्मबीर गांधी जैसे जिन लोगों ने भी विरोध प्रदर्शन में भाग लेकर गिरफ्तारियां दी उसका मेवात के लोग कभी एहसान नहीं भुला पाएंगे.

'इन कानून से मुसलमानों को टारगेट किया जा रहा है'
याहया सैफी बोले की एनआरसी में सिर्फ मुस्लिम ही नहीं बल्कि हिंदू समाज के लोग भी लाइनों में खड़े होंगे, लेकिन मुसलमानों को टारगेट किया जा रहा है. मुसलमानों के साथ हिन्दू समाज के लोगों को भी खड़ा होना चाहिए. उन्होंने कहा कि वो किसी भी सूरत में नागरिकता संशोधन कानून को लागू नहीं होने देंगे.

'मुसलमान किसी के भगाने से नहीं जाएगा'
उन्होंने कहा कि मुसलमान यहां किसी के बुलाने से नहीं आया था न किसी के भगाने से जाएगा. ये गांधी का देश है, गोडसे की विचारधारा और आरएसएस के लोग इस तरह की साजिश रच रहे हैं. उन्होंने कहा कि ये जो हिंदू राष्ट्र की बात करते हैं, इस तरह के बिल से ये उसी तरफ बढ़ते जा रहे हैं.

ये भी पढे़ं- CAA के विरोध में वामपंथी दलों का प्रदर्शन, सिरसा में निकाला जुलूस

नूंह: राष्ट्रपिता महात्मा गांधी देश के विभाजन के समय नूंह के घासेड़ा गांव में आये थे, उसी दिन से 19 अक्टूबर को मेवात दिवस के रूप में मनाया जाता है. हर साल इस दिन को मेवात के सामाजिक संगठन मनाते आ रहे हैं, लेकिन इस बार इसे एनआरसी और नागरिकता संशोधन कानून के विरोध दिवस के रूप में मनाया गया है.

'मेवाती इस कानून के खिलाफ है'
रमजान चौधरी (एडवोकेट) ने कहा कि दिल्ली स्थित लालकिला पर एनआरसी - सीएए का विरोध करने गए मेवातियों को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में लिया है. मेवात से सैकड़ों की संख्या में लोग दिल्ली पहुंचे और 18 दिसंबर को नूह से घासेड़ा गांव के हुए विरोध प्रदर्शन में जो भीड़ उमड़ी उसने मुल्क की सरकार को बता दिया कि मेवाती इस कानून के खिलाफ हैं और इसे लागू नहीं होने दिया जाएगा.

मेवात दिवस की जगह मनाया गया विरोध दिवस, देखें वीडियो

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'नूंह के लोगों ने मुगलों और अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी है'
याहया सैफी और रमजान चौधरी ने कहा कि उनके पूर्वजों ने मुगलों, अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी, अगर संविधान का मखौल उड़ाया गया, तो मेवाती आज भी डटकर विरोध करेगा. उन्होंने कहा कि नूंह जिले से बड़ी संख्या में लोगों ने देश की खातिर अपनी जान गंवाई है.

उन्होंने कहा कि गांधी जी 19 दिसंबर 1947 को मेवात आए थे. उसकी याद दिलाने के लिए मेवाती लालकिला पहुंचे, जहां से तिरंगा फहराया जाता है. शहीदी पार्क दिल्ली में भी मेवात के लोग विरोध दिवस के अवसर पर जुटे. उन्होंने कहा कि प्रोफेसर योगेंद्र यादव, पूर्व सांसद धर्मबीर गांधी जैसे जिन लोगों ने भी विरोध प्रदर्शन में भाग लेकर गिरफ्तारियां दी उसका मेवात के लोग कभी एहसान नहीं भुला पाएंगे.

'इन कानून से मुसलमानों को टारगेट किया जा रहा है'
याहया सैफी बोले की एनआरसी में सिर्फ मुस्लिम ही नहीं बल्कि हिंदू समाज के लोग भी लाइनों में खड़े होंगे, लेकिन मुसलमानों को टारगेट किया जा रहा है. मुसलमानों के साथ हिन्दू समाज के लोगों को भी खड़ा होना चाहिए. उन्होंने कहा कि वो किसी भी सूरत में नागरिकता संशोधन कानून को लागू नहीं होने देंगे.

'मुसलमान किसी के भगाने से नहीं जाएगा'
उन्होंने कहा कि मुसलमान यहां किसी के बुलाने से नहीं आया था न किसी के भगाने से जाएगा. ये गांधी का देश है, गोडसे की विचारधारा और आरएसएस के लोग इस तरह की साजिश रच रहे हैं. उन्होंने कहा कि ये जो हिंदू राष्ट्र की बात करते हैं, इस तरह के बिल से ये उसी तरफ बढ़ते जा रहे हैं.

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Intro:संवाददाता नूह मेवात
स्टोरी ;- मेवात दिवस को इस बार विरोध दिवस के रूप में मनाया गया
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी देश के विभाजन के समय घासेड़ा गांव में आये थे , उसी दिन से इस दिन को मेवात दिवस के रूप में मनाया जाता है। हर साल इस दिन को मेवात के सामाजिक संगठन मनाते आ रहे हैं , लेकिन इस बार इसे एनआरसी - सीएए बिल के विरोध दिवस के रूप में मनाया गया।
रमजान चौधरी एडवोकेट ने कहा कि दिल्ली स्थित लालकिला पर एनआरसी - सीएए का विरोध करने गए मेवातियों को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में लिया। मेवात से सैकड़ों की संख्या में लोग दिल्ली पहुंचे और गत 18 दिसंबर को नूह से घासेड़ा गांव के हुए विरोध प्रदर्शन में जो भीड़ उमड़ी। उसने मुल्क की सरकार को बता दिया कि मेवाती इस बिल के खिलाफ है , इसे लागू नहीं होने दिया जायेगा। याहया सैफी और रमजान चौधरी एडवोकेट ने कहा कि उनके पूर्वजों ने मुगलों , अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई। अगर संविधान का मखौल उड़ाया गया , तो मेवाती आज भी डटकर विरोध करेगा ,उन्होंने कहा कि नूह जिले से बड़ी संख्या में लोगों ने देश की खातिर अपनी जान गंवाई है। गांधी जी ने मेवात के 19 दिसंबर 1947 को दिया था। उसकी याद दिलाने के लिए मेवाती लालकिला पहुंचे , जहां से तिरंगा फहराया जाता है। शहीदी पार्क दिल्ली में भी मेवात के लोग विरोध दिवस के अवसर पर जुटे। उन्होंने कहा कि प्रोफ़ेसर योगेंद्र यादव , पूर्व सांसद धर्मबीर गांधी जैसे जिन लोगों ने भी विरोध प्रदर्शन में भाग लेकर गिरफ्तारियां दी , उसका मेवात के लोग कभी एहसान नहीं भुला पाएंगे। याहया सैफी बोले की एनआरसी में सिर्फ मुस्लिम ही बल्कि हिन्दू समाज के लोग भी लाइनों में खड़े होंगे , लेकिन मुसलमानों को टारगेट किया जा रहा है। मुसलमानों के साथ हिन्दू समाज के लोगों को भी खड़ा होना चाहिए। नागरिकता बिल एवं कानून जो लाये गए हैं। उसे लागू किसी भी सूरत में नहीं होने दिया जायेगा। असम में एनआरसी लागू हुआ था तो बड़ी संख्या में हिन्दू समाज के लोग भी एनआरसी के दायरे में आये थे। काला कानून कतई मंजूर नहीं है। मेवात के लोग जिस तरह घासेड़ा के प्रोटेस्ट में पहुंचे आगे भी यही जोश और जज्बात कायम रहेंगे। मुसलमान यहां न किसी के बुलाने से यहां आया था और न यहां किसी के भगाने से जायेगा। यह गांधी का देश है , गोडसे की विचारधारा आरएसएस के लोग इस तरह की साजिश रच रहे हैं। हिन्दू राष्ट्र की जो ये बात करते थे , इस तरह के बिल से ये उसी तरफ बढ़ते जा रहे हैं। कभी धारा 370 , कभी ट्रिपल तलाक , कभी एनआरसी , कभी सीएए जैसे कानून लाकर एक समुदाय के लोगों को टारगेट किया जा रहा है। इनको मंसूबे में कामयाब नहीं होने दिया जायेगा।
बाइट;- रमजान चौधरी एडवोकेट समाजसेवी
बाइट ;- याहया सैफी समाजसेवी
संवाददाता कासिम खान नूह मेवात Body:संवाददाता नूह मेवात
स्टोरी ;- मेवात दिवस को इस बार विरोध दिवस के रूप में मनाया गया
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी देश के विभाजन के समय घासेड़ा गांव में आये थे , उसी दिन से इस दिन को मेवात दिवस के रूप में मनाया जाता है। हर साल इस दिन को मेवात के सामाजिक संगठन मनाते आ रहे हैं , लेकिन इस बार इसे एनआरसी - सीएए बिल के विरोध दिवस के रूप में मनाया गया।
रमजान चौधरी एडवोकेट ने कहा कि दिल्ली स्थित लालकिला पर एनआरसी - सीएए का विरोध करने गए मेवातियों को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में लिया। मेवात से सैकड़ों की संख्या में लोग दिल्ली पहुंचे और गत 18 दिसंबर को नूह से घासेड़ा गांव के हुए विरोध प्रदर्शन में जो भीड़ उमड़ी। उसने मुल्क की सरकार को बता दिया कि मेवाती इस बिल के खिलाफ है , इसे लागू नहीं होने दिया जायेगा। याहया सैफी और रमजान चौधरी एडवोकेट ने कहा कि उनके पूर्वजों ने मुगलों , अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई। अगर संविधान का मखौल उड़ाया गया , तो मेवाती आज भी डटकर विरोध करेगा ,उन्होंने कहा कि नूह जिले से बड़ी संख्या में लोगों ने देश की खातिर अपनी जान गंवाई है। गांधी जी ने मेवात के 19 दिसंबर 1947 को दिया था। उसकी याद दिलाने के लिए मेवाती लालकिला पहुंचे , जहां से तिरंगा फहराया जाता है। शहीदी पार्क दिल्ली में भी मेवात के लोग विरोध दिवस के अवसर पर जुटे। उन्होंने कहा कि प्रोफ़ेसर योगेंद्र यादव , पूर्व सांसद धर्मबीर गांधी जैसे जिन लोगों ने भी विरोध प्रदर्शन में भाग लेकर गिरफ्तारियां दी , उसका मेवात के लोग कभी एहसान नहीं भुला पाएंगे। याहया सैफी बोले की एनआरसी में सिर्फ मुस्लिम ही बल्कि हिन्दू समाज के लोग भी लाइनों में खड़े होंगे , लेकिन मुसलमानों को टारगेट किया जा रहा है। मुसलमानों के साथ हिन्दू समाज के लोगों को भी खड़ा होना चाहिए। नागरिकता बिल एवं कानून जो लाये गए हैं। उसे लागू किसी भी सूरत में नहीं होने दिया जायेगा। असम में एनआरसी लागू हुआ था तो बड़ी संख्या में हिन्दू समाज के लोग भी एनआरसी के दायरे में आये थे। काला कानून कतई मंजूर नहीं है। मेवात के लोग जिस तरह घासेड़ा के प्रोटेस्ट में पहुंचे आगे भी यही जोश और जज्बात कायम रहेंगे। मुसलमान यहां न किसी के बुलाने से यहां आया था और न यहां किसी के भगाने से जायेगा। यह गांधी का देश है , गोडसे की विचारधारा आरएसएस के लोग इस तरह की साजिश रच रहे हैं। हिन्दू राष्ट्र की जो ये बात करते थे , इस तरह के बिल से ये उसी तरफ बढ़ते जा रहे हैं। कभी धारा 370 , कभी ट्रिपल तलाक , कभी एनआरसी , कभी सीएए जैसे कानून लाकर एक समुदाय के लोगों को टारगेट किया जा रहा है। इनको मंसूबे में कामयाब नहीं होने दिया जायेगा।
बाइट;- रमजान चौधरी एडवोकेट समाजसेवी
बाइट ;- याहया सैफी समाजसेवी
संवाददाता कासिम खान नूह मेवात Conclusion:संवाददाता नूह मेवात
स्टोरी ;- मेवात दिवस को इस बार विरोध दिवस के रूप में मनाया गया
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी देश के विभाजन के समय घासेड़ा गांव में आये थे , उसी दिन से इस दिन को मेवात दिवस के रूप में मनाया जाता है। हर साल इस दिन को मेवात के सामाजिक संगठन मनाते आ रहे हैं , लेकिन इस बार इसे एनआरसी - सीएए बिल के विरोध दिवस के रूप में मनाया गया।
रमजान चौधरी एडवोकेट ने कहा कि दिल्ली स्थित लालकिला पर एनआरसी - सीएए का विरोध करने गए मेवातियों को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में लिया। मेवात से सैकड़ों की संख्या में लोग दिल्ली पहुंचे और गत 18 दिसंबर को नूह से घासेड़ा गांव के हुए विरोध प्रदर्शन में जो भीड़ उमड़ी। उसने मुल्क की सरकार को बता दिया कि मेवाती इस बिल के खिलाफ है , इसे लागू नहीं होने दिया जायेगा। याहया सैफी और रमजान चौधरी एडवोकेट ने कहा कि उनके पूर्वजों ने मुगलों , अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई। अगर संविधान का मखौल उड़ाया गया , तो मेवाती आज भी डटकर विरोध करेगा ,उन्होंने कहा कि नूह जिले से बड़ी संख्या में लोगों ने देश की खातिर अपनी जान गंवाई है। गांधी जी ने मेवात के 19 दिसंबर 1947 को दिया था। उसकी याद दिलाने के लिए मेवाती लालकिला पहुंचे , जहां से तिरंगा फहराया जाता है। शहीदी पार्क दिल्ली में भी मेवात के लोग विरोध दिवस के अवसर पर जुटे। उन्होंने कहा कि प्रोफ़ेसर योगेंद्र यादव , पूर्व सांसद धर्मबीर गांधी जैसे जिन लोगों ने भी विरोध प्रदर्शन में भाग लेकर गिरफ्तारियां दी , उसका मेवात के लोग कभी एहसान नहीं भुला पाएंगे। याहया सैफी बोले की एनआरसी में सिर्फ मुस्लिम ही बल्कि हिन्दू समाज के लोग भी लाइनों में खड़े होंगे , लेकिन मुसलमानों को टारगेट किया जा रहा है। मुसलमानों के साथ हिन्दू समाज के लोगों को भी खड़ा होना चाहिए। नागरिकता बिल एवं कानून जो लाये गए हैं। उसे लागू किसी भी सूरत में नहीं होने दिया जायेगा। असम में एनआरसी लागू हुआ था तो बड़ी संख्या में हिन्दू समाज के लोग भी एनआरसी के दायरे में आये थे। काला कानून कतई मंजूर नहीं है। मेवात के लोग जिस तरह घासेड़ा के प्रोटेस्ट में पहुंचे आगे भी यही जोश और जज्बात कायम रहेंगे। मुसलमान यहां न किसी के बुलाने से यहां आया था और न यहां किसी के भगाने से जायेगा। यह गांधी का देश है , गोडसे की विचारधारा आरएसएस के लोग इस तरह की साजिश रच रहे हैं। हिन्दू राष्ट्र की जो ये बात करते थे , इस तरह के बिल से ये उसी तरफ बढ़ते जा रहे हैं। कभी धारा 370 , कभी ट्रिपल तलाक , कभी एनआरसी , कभी सीएए जैसे कानून लाकर एक समुदाय के लोगों को टारगेट किया जा रहा है। इनको मंसूबे में कामयाब नहीं होने दिया जायेगा।
बाइट;- रमजान चौधरी एडवोकेट समाजसेवी
बाइट ;- याहया सैफी समाजसेवी
संवाददाता कासिम खान नूह मेवात
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