नूंह: स्वास्थ्य विभाग हरियाणा ने खसरे को महामारी मानकर इसका खात्मा करने के लिए पूरी तैयारी कर ली है. हरियाणा के नूंह जिले में स्पेशल एमआर अभियान चलाकर तकरीबन 4 लाख से अधिक बच्चों को खसरे का टीका लगाया जाएगा. इस अभियान की शुरुआत 6 फरवरी से होगी. 2 सप्ताह तक चलने वाले इस अभियान को जरूरत पड़ने पर आगे भी बढ़ाया जा सकता है. अभियान के तहत 9 महीने से 15 साल की आयु के बच्चों को टीके लगाए जाएंगे. नूंह में अभियान को सफल बनाने के लिए विभाग धर्मगुरुओं की भी मदद लेगा.
सिविल सर्जन डॉ. सुरेंद्र यादव ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी देश से पोलियो की तरह खसरा की बीमारी को जड़ से समाप्त करना चाहते हैं. पिछले वर्ष नूंह जिले में करीब 1200 से अधिक संदिग्ध खसरा के केस मिले थे, इनमें से कुछ केसों की पुष्टि भी हुई थी. इसीलिए इस जिले को एमआर अभियान के तहत चुना गया है.स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि नूंह में टीकाकरण की दर अच्छी नहीं रही है. जिसकी वजह से नूंह में बड़ी संख्या में खसरा के मामले सामने आए थे.
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उस समय स्वास्थ्य विभाग नूंह ने अभियान चलाकर सभी का इलाज किया, लेकिन हमेशा के लिए इस बीमारी को दूर करने के लिए काफी बारीकी से काम करने की आवश्यकता है. अभियान के तहत 4 लाख से अधिक बच्चों को एमआर कैंपेन के दौरान टीका लगाया जाएगा. स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक टीका एक बार लगता है और इस टीके का कोई दुष्प्रभाव भी नहीं होता है. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने लोगों से विभाग का सहयोग करने की अपील की है.
जिला नोडल अधिकारी डॉ. नवीन यादव ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग का पूरा अमला आगामी 6 फरवरी से इस अभियान में जुड़ने जा रहा है. हरियाणा में नूंह ही एकमात्र जिला है, जिसमें पूरे जिले में यह अभियान चलाया जाएगा. पिछले वर्ष जिले के 50 से अधिक गांवों में 1200 से अधिक खसरा के संभावित के सामने आए थे. जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने इसे महामारी के तौर पर लिया है.
खसरा के लक्षण और बचाव: स्वास्थ्य विभाग के अनुसार खसरा की बीमारी में मरीज को बुखार आता है और शरीर पर लाल रंग के दाने पड़ जाते हैं. इसके अलावा नाक बहना तथा आंख में दर्द होना भी इसके लक्षण हैं. ऐसा होने पर मरीज को तुरंत सरकारी अस्पताल में अपना इलाज कराना चाहिए. खसरा का टीका पूरी तरह से मुफ्त है और सभी अस्पतालों में उपलब्ध है. डॉक्टरों के मुताबिक खसरा महामारी को टीकाकरण से ही दूर भगाया जा सकता है.