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Black Fungus से निपटने के लिए नूंह में पुख्ता इंतजाम, रोजाना इस जिले आ रही हैं दवाईयां

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Published : May 29, 2021, 3:30 PM IST

ब्लैक फंगस(Black Fungus) के बढ़ते मामलों को देखते हुए नूंह के सरकारी अस्पताल में पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. यहां मरीजों के इलाज में इस्तेमाल होने वाला इंजेक्शन पीजीआई रोहतक से मंगाया जा रहा है.

nuh government hospital black fungus treatment
Black Fungus से निपटने के लिए नूंह के सरकारी अस्पताल में पुख्ता इंतजाम

नूंह: कोरोना की मार झेलने के बाद अब ब्लैक फंगस(Black Fungus) अपना कहर बरपा रहा है. हरियाणा में रोजाना ब्लैक फंगस के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है, तो वहीं इससे निपटने के लिए स्वास्थ विभाग द्वारा भी पुख्ता इंतजाम किए गए हैं.

जिले के राजकीय शहीद हसन खान मेवाती मेडिकल कॉलेज नल्हड़ में ब्लैक फंगस के मरीजों के लिए अलग से वार्ड बनाया गया है. जिसमें अब तक जिले के अलावा आसपास के जिलों से करीब 25 मरीज भर्ती हुए हैं और अभी तक इनमें से 3 लोगों की मौत भी हो चुकी है. वहीं बाकी लोगों का इलाज अभी भी मेडिकल कॉलेज के वार्ड में चल रहा है.

Black Fungus से निपटने के लिए नूंह के सरकारी अस्पताल में पुख्ता इंतजाम

ये भी पढ़ें: नूंह के सरकारी अस्पताल में सेंट्रल ऑक्सीजन गैस पाइप लाइन का काम शुरू, मरीज के बेड तक होगी सप्लाई

डिप्टी सिविल सर्जन एवं जिला नोडल अधिकारी डॉक्टर विजयपाल ने बताया कि इलाज में इस्तेमाल होने वाला इंजेक्शन पीजीआई रोहतक से मंगाया जा रहा है. उन्होंने बताया कि एक मरीज को प्रतिदिन चार से पांच खुराक देनी पड़ती है और बाजार में एक डोज की कीमत तकरीबन चार 4-5 हजार रुपये है.

ये भी पढ़ें: नूंह में ब्लैक फंगस का कहर, आठ मरीज मिले, एक की हुई मौत

कुल मिलाकर ब्लैक फंगस की बीमारी में इस्तेमाल होने वाले इंजेक्शन की कीमत बहुत ज्यादा है. गरीब परिवारों को निजी अस्पतालों में ब्लैक फंगस का इलाज करवा पाना संभव नहीं है. लिहाजा सरकार ने ब्लैक फंगस को महामारी घोषित कर इससे निपटने के लिए तैयारियां युद्ध स्तर पर शुरू कर दी हैं.

नूंह: कोरोना की मार झेलने के बाद अब ब्लैक फंगस(Black Fungus) अपना कहर बरपा रहा है. हरियाणा में रोजाना ब्लैक फंगस के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है, तो वहीं इससे निपटने के लिए स्वास्थ विभाग द्वारा भी पुख्ता इंतजाम किए गए हैं.

जिले के राजकीय शहीद हसन खान मेवाती मेडिकल कॉलेज नल्हड़ में ब्लैक फंगस के मरीजों के लिए अलग से वार्ड बनाया गया है. जिसमें अब तक जिले के अलावा आसपास के जिलों से करीब 25 मरीज भर्ती हुए हैं और अभी तक इनमें से 3 लोगों की मौत भी हो चुकी है. वहीं बाकी लोगों का इलाज अभी भी मेडिकल कॉलेज के वार्ड में चल रहा है.

Black Fungus से निपटने के लिए नूंह के सरकारी अस्पताल में पुख्ता इंतजाम

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डिप्टी सिविल सर्जन एवं जिला नोडल अधिकारी डॉक्टर विजयपाल ने बताया कि इलाज में इस्तेमाल होने वाला इंजेक्शन पीजीआई रोहतक से मंगाया जा रहा है. उन्होंने बताया कि एक मरीज को प्रतिदिन चार से पांच खुराक देनी पड़ती है और बाजार में एक डोज की कीमत तकरीबन चार 4-5 हजार रुपये है.

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कुल मिलाकर ब्लैक फंगस की बीमारी में इस्तेमाल होने वाले इंजेक्शन की कीमत बहुत ज्यादा है. गरीब परिवारों को निजी अस्पतालों में ब्लैक फंगस का इलाज करवा पाना संभव नहीं है. लिहाजा सरकार ने ब्लैक फंगस को महामारी घोषित कर इससे निपटने के लिए तैयारियां युद्ध स्तर पर शुरू कर दी हैं.

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