नूंह: एक कर्मचारी की बेटी के साथ पांच युवकों द्वारा दुष्कर्म की वारदात को अंजाम देने का मामला सामने आया है. पीड़िता के पिता ने मदद के लिए पुलिस कंट्रोल रूम के 100 नंबर से लेकर महिला हेल्पलाइन नंबर 1090 से मदद मांगी, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई.
इसके बाद पीड़ित परिवार रात को महिला थाने में पहुंचा और गेट का दरवाजा खटखटाते हुए मदद की गुहार लगाई, लेकिन आधी रात होने के चलते महिला पुलिस ने सुबह आने की बात कहकर टरका किया.
इसके बाद पीड़ित परिवार रात को ही जिला सचिवालय में पुलिस महकमे से मदद के लिए पहुंचा, लेकिन यहां से भी टरकाते हुए पुलिस लाइन के लिए भेज दिया. पुलिस लाइन पहुंचे तो पीड़ित परिवार ने गेट पर तैनात पुलिसकर्मियों से एसपी नरेंद्र सिंह बिजारणिया से मदद दिलाने की गुहार लगाई, लेकिन पुलिसकर्मियों ने एसपी के क्वार्टर पर नहीं होने की बात कहकर टरका दिया.
पुलिस की ओर से इस किसी प्रकार की मदद ना मिलने पर पीड़ित व उसके परिवार ने पूरी रात नूंह जिले में गुजार दी. 3 मई की सुबह पीड़ित परिवार दोबारा महिला थाने में पहुंचा और शिकायत देकर इंसाफ की गुहार लगाई.
पीड़िता ने कहा कि महिला थाना पुलिस द्वारा कई दिनों तक चक्कर लगवाए एसपी से मिलने के बाद भी महिला थाना पुलिस द्वारा समय पर सुनवाई नहीं की गई. सुबह से शाम तक महिला थाने में चक्कर कटवाकर इंतजार कराया जा रहा है. सुनवाई होने पर 5 मई की दोपहर गृह मंत्री अनिल विज से जैसे-तैसे संपर्क कर मामले के बारे में अवगत कराया.
महिला थाना एसएचओ नूंह सुमन देवी ने कहा कि पीड़ित परिवार रात को महिला थाने में आया. पीड़ित परिवार द्वारा शिकायत 5 मई को दी गई है और 5 मई को ही मुकदमा दर्ज कर लिया. पुलिस मामले की आगामी कार्रवाई में जुटी हुई है.
जब इस बारे में डीएसपी अनिल कुमार से बात की गई तो उन्होंने कहा कि शिकायत मिलते ही मुकदमा दर्ज किया गया. मामले की जांच की जा रही है और जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी.