नूंह: दिल्ली निजामुद्दीन मरकज के जमातियों से फैले संक्रमण का नूंह में काफी प्रभाव रहा. प्रशासन की कोशिशों से नूंह में भारी तादात में जमातियों को पकड़ा. इनमें विदेशी नागरिक भी शामिल हैं. शुरू के दस दिन लगातार मामले सामने आए. जिसके बाद ऐसा लगा कि अब नूंह कोरोना का केंद्र बन चुका है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन की मेहनत ने नूंह के हालात बदल दिए.
नूंह में 3 अप्रैल को एक साथ तीन पॉजिटिव केस सामने आए थे. कोरोना से संबंध सामने आने के बाद नूंह प्रशासन की नींद उड़ गई. दिन रात एक कर पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने तबलीगी जमात से जुड़े लोगों की पहचान की. सैकड़ों लोगों को जिनमें जमाती और महिलाएं भी शामिल थे, उन्हें आइसोलेट किया और उनके सैंपल लिए गए. रिपोर्ट में रोजाना 5 से 10 मरीज सामने आने लगे और 17 अप्रैल तक नूंह जिले में ही 57 कोरोना पॉजिटिव केस पाए गए.
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नूंह का अल आफिया सिविल अस्पताल ">
नूंह का अल आफिया सिविल अस्पताल बता दें कि नूंह जिले में करीब 3363 लोगों को सर्विलांस पर रखा गया है, जिनमें से 537 लोगों का सर्विलांस पीरियड पूरा हो चुका है. अब सर्विलांस पर 2826 लोगों को रखा गए है. इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग ने अब तक 2440 लोगों के सैंपल लेकर जांच के लिए पीजीआई रोहतक व गुरुग्राम के एक निजी लैब में भेजे हैं. ये मरीज मुख्य रूप से केरल, श्रीलंका, दक्षिण अफ्रीका, इंडोनेशिया, थाईलैंड, जम्मू-कश्मीर, बिहार, यूपी, महाराष्ट्र, तमिलनाडू, आंध्र प्रदेश और मध्य प्रदेश के रहने वाले थे.सिविल अस्पताल से डॉक्टर्स ने लोगों की जांच के बाद मरीज को नल्हड़ मेडिकल कॉलेज में भेजा.
इनमें से 2250 की रिपोर्ट नेगेटिव आ चुकी है तथा 58 की रिपोर्ट पॉजिटिव आ चुकी है. सीएमओ नूंह ने बताया कि जिले में 6 केस एक्टिव हैं, 52 मरीजों को अब तक मेडिकल कॉलेज से छुट्टी दे दी गई है. अभी भी 132 लोगों के सैम्पल की रिपोर्ट आना बकाया है. उन्होंने बताया कि मेडिकल कालेज तथा अल आफिया अस्पताल मंडीखेड़ा में कुल मिलाकर 6 लोग आइसोलेशन वार्ड में इस समय भर्ती हैं. स्वास्थ्य विभाग की गंभीरता और डॉक्टर्स की मेहनत से अच्छे परिणाम आने लगे और स्वस्थ हुए मरीजों का आंकड़ा सामने आने लगा.
नूंह में फिलहाल 4 शिक्षण संस्थानों को क्वांरनटाइन सेंटर्स बनाया गया है. करीब 150-200 संदिग्ध मरीजों को हर सेंटर में रखा गया. वहीं नूंह के 'संसुद्दीन रहना हॉस्टल' में 70 विदेशियों को रखा गया था. भविष्य में संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ने की आशंका से 4 और स्थानों को क्वांरनटाइन सेंटर्स बनाने के लिए चिन्हित किया है.